जलालाबाद का नाम परिवर्तन: जल्द ही बनेगा परशुरामपुरी

हर्षवर्धन यादव शाहजहांपुर (महानाद) : जनपद के ऐतिहासिक नगर जलालाबाद का नाम जल्द ही परशुरामपुरी हो सकता है। राज्य सरकार की ओर से सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रस्ताव को अनुमोदन दिए जाने के बाद, अब यह मामला भारत सरकार को भेज दिया गया है। उक्त जानकारी […]

Jul 2, 2025 - 00:39
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जलालाबाद का नाम परिवर्तन: जल्द ही बनेगा परशुरामपुरी
अनुमति मिलते ही जलालाबाद बनेगा परशुरामपुरी

जलालाबाद का नाम परिवर्तन: जल्द ही बनेगा परशुरामपुरी

Harshvardhan Yadavहर्षवर्धन यादव
शाहजहांपुर (महानाद) : उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक नगर जलालाबाद का नाम जल्द ही परशुरामपुरी में बदलने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार ने सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रस्ताव को अपनी मुहर लगा दी है। अब यह मामला भारत सरकार के पास भेजा गया है। कम शब्दों में कहें तो, जलालाबाद के नाम परिवर्तन का सपना अब करीब हो गया है।

जलालाबाद का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

जलालाबाद का नाम वहाँ के लोगों की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ा हुआ है। यह नगर भगवान परशुराम का प्राचीन मंदिर अपने भीतर समेटे हुए है, जो इसे धार्मिक रूप से अद्वितीय बनाता है। 'परशुरामपुरी' नाम का अर्थ स्थानीय निवासियों के लिए उनके विश्वास, श्रद्धा और पहचान का प्रतीक होगा। इससे नगर के पहचान में स्पष्टता आएगी और यह एक नए मोड़ पर पहुंच जाएगा।

भारत सरकार की अनुमति की उम्मीद

इस बदलाव को लेकर जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव अब भारत सरकार को भेजा गया है। अनुमति मिलने पर नाम परिवर्तन की प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ की जाएगी। इस खबर ने नगरवासियों में एक नई खुशी और उत्साह की लहर पैदा कर दी है।

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएँ

जलालाबाद के निवासियों ने कई सालों से इस परिवर्तन की प्रतीक्षा की है। केंद्रीय राज्य मंत्री जतिन प्रसाद ने 14 अप्रैल 2025 को भारत सरकार को पत्र लिखकर इस नाम परिवर्तन की सिफारिश की थी। इसके पीछे नगर पालिका परिषद द्वारा दो बार प्रस्ताव पारित करने का प्रयास भी रहा है, जो स्थानीय लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाता है।

भविष्य की संभावनाएँ

अगर भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त होता है, तो जलालाबाद न केवल परशुरामपुरी के नाम से जाना जाएगा, बल्कि इस परिवर्तन के साथ स्थानीय संस्कृति और धार्मिकता को भी नया रूप मिलेगा। इसके अलावा, यह क्षेत्र यात्रा और पर्यटन में भी बढ़ोतरी का कारण बन सकता है, जिससे आर्थिक विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी।

संक्षेप में

जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी में परिवर्तित करने का यह प्रस्ताव न केवल स्थानीय संस्कृति को संगठित और सशक्त करेगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श बनने का अवसर भी प्रदान करेगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो स्थानीय युवाओं के गर्व और आस्था को भी मजबूती देगा।

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Team Haqiqat Kya Hai, राधिका शर्मा

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