उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ धामी सरकार का दोहराया गया सख्त कदम, विजिलेंस को मिली खुली छूट
देहरादून : उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार The post धामी सरकार का भ्रष्टाचार पर प्रहार तेज, विजिलेंस को मिली खुली छूट से बढ़ी कार्रवाई first appeared on radhaswaminews.

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ धामी सरकार का दोहराया गया सख्त कदम, विजिलेंस को मिली खुली छूट
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देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जो कदम उठाए हैं, वे स्पष्ट रूप से परिणाम दिखा रहे हैं। विजिलेंस को मिली खुली छूट के चलते राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों में तेजी से कार्रवाई हो रही है। अब न केवल गिरफ्तारी का आंकड़ा बढ़ा है, बल्कि अदालतों द्वारा दी जाने वाली सजा की दर भी लगातार ऊँची हो रही है।
विजिलेंस की कार्रवाई की गति
हाल के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में विजिलेंस ने केवल सात गिरफ्तारी की थीं, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 38 पर पहुँच गई है। पिछले चार वर्षों में विजिलेंस ने 82 ट्रैप केस में कुल 94 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 13 राजपत्रित अधिकारी भी शामिल हैं। इन मामलों में 71 प्रतिशत आरोपियों को सजा दिलाने में भी विजिलेंस सफल रही है। यह संख्या भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्ती का स्पष्ट संकेत देती है।
मुख्यमंत्री धामी का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, "हम उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते हैं। विजिलेंस को हमने पूरी स्वतंत्रता दी है ताकि वे बिना किसी दबाव के कार्रवाई कर सकें। हमारा लक्ष्य केवल भ्रष्टाचारियों की पहचान करना नहीं, बल्कि उन्हें न्याय के कठघरे तक पहुँचाना भी है।" इस दिशा में सरकार का ठोस रुख यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को कड़ाई से लागू किया जाएगा।
विशेष कदम और सुधार
धामी ने जब से पद ग्रहण किया है, विजिलेंस को बिना किसी दबाव के काम करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं। सभी विभागों को यह निर्देश दिया गया है कि जब तक किसी आरोपी पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक उन्हें महत्वपूर्ण दायित्वों से दूर रखा जाए। इसके साथ-साथ ट्रैप मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए टोल फ्री नंबर 1064 की सुविधा भी शुरू की गई है, ताकि लोग अपनी शिकायतें दर्ज कर सकें।
वर्षवार विजिलेंस कार्रवाई पर एक नजर
वर्ष | गिरफ्तारी | निर्णय | सजा |
---|---|---|---|
2021 | 07 | 02 | 02 |
2022 | 15 | 03 | 01 |
2023 | 20 | 18 | 16 |
2024 | 38 | 13 | 07 |
2025 (15 जुलाई तक) | 14 | 03 | 02 |
बड़े मामलों के उदाहरण
- लोक निर्माण विभाग, नैनीताल: सहायक अभियंता को ठेकेदार से ₹10,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।
- यूपीसीएल, देहरादून: हरबर्टपुर के जेई को ₹15,000 की रिश्वत लेते पकड़ा गया।
- एलआईयू, रामनगर: उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
- रोडवेज, काशीपुर: एजीएम को ₹90,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।
- खंड शिक्षा अधिकारी, खानपुर: ₹10,000 घूस लेते गिरफ्तार।
- जीएसटी विभाग, देहरादून: सहायक आयुक्त को ₹75,000 की रिश्वत लेते पकड़ा गया।
- जिला आबकारी अधिकारी, रुद्रपुर: शराब कारोबारी से 10 लाख के माल पर 10% रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार।
निष्कर्ष
धामी सरकार के इस कदम ने साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्यवाही का महत्वपूर्ण योगदान राज्य की छवि सुधारने में सहायक सिद्ध होगा। यह अभियान न केवल भ्रष्ट लोगों को सजा दिलाने में मदद करेगा, बल्कि इस क्षेत्र में व्याप्त भ्रांतियों को भी दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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Written by: Priya Tiwari, signed off as team Haqiqat Kya Hai.
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