उत्तराखंड के आशीष ममगाईं: ऊर्जा क्षेत्र में उत्कृष्टता की नई मिसाल

टिहरी : यह उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है कि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन The post देश के ऊर्जा क्षेत्र में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे आशीष ममगाईं, देश के टॉप इंजीनियर्स की लिस्ट में दर्ज हुआ नाम first appeared on radhaswaminews.

Sep 4, 2025 - 00:39
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उत्तराखंड के आशीष ममगाईं: ऊर्जा क्षेत्र में उत्कृष्टता की नई मिसाल
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उत्तराखंड के आशीष ममगाईं: ऊर्जा क्षेत्र में उत्कृष्टता की नई मिसाल

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के आशीष ममगाईं का नाम देश के ऊर्जा क्षेत्र के शीर्ष इंजीनियरों की सूची में शामिल हुआ है, जो इस राज्य के लिए गर्व का विषय है।

टिहरी: उत्तराखंड के लिए यह गर्व का क्षण है कि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (THDCIL) में उप महाप्रबंधक आशीष ममगाईं का चयन भारतीय ऊर्जा क्षेत्र के प्रमुख इंजीनियरों की सूची में किया गया है। उन्हें इस सम्मान के लिए पावर लाइन पत्रिका में विशेष स्थान दिया गया है, जो उनकी आत्मीयता और कार्यक्षमता का प्रमाण है।

एक अद्वितीय परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका

ममगाईं वर्तमान में भारत की पहली वैरिएबल-स्पीड पंपड स्टोरेज सुविधा, टिहरी पंपड स्टोरेज परियोजना (PSP) के निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह परियोजना न केवल उत्तराखंड बल्कि समस्त भारत के ऊर्जा भविष्य को नई दिशा प्रदान करने वाली है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में एक नया मापदंड स्थापित होगा।

प्रशिक्षु से प्रमुख इंजीनियर तक का सफर

एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में ममगाईं ने 2007 में टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड में एक कार्यकारी प्रशिक्षु के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। पिछले 18 वर्षों में, उन्होंने जलविद्युत संयंत्रों के संचालन-रखरखाव, कॉर्पोरेट-स्तरीय परियोजना सेवाओं और स्वदेशीकरण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की हैं। 2010 में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद कोटेश्वर की इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रणालियों की बहाली में उनकी विशेष भूमिका रही, जो उनके अनुभव और समर्पण को दर्शाता है।

उन्नत तकनीक और पुरानी परंपरा का संगम

सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि ममगाईं 1,000 मेगावाट क्षमता वाली टिहरी पीएसपी की पहले दो इकाइयों के सफल चालू होने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं, जो 2025 के मध्य में व्यावसायिक संचालन में आई। इस परियोजना में भारत में पहली बार अतुल्यकालिक जनरेटर और थ्री-फेज एसी एक्साइटेशन सिस्टम जैसी अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है, जो इसे अद्वितीय बनाता है।

उत्तराखंड की परंपरागत घराट (पनचक्की) प्रणाली से प्रेरणा लेते हुए, ममगाईं आज देश को आत्मनिर्भर ऊर्जा की दिशा में बढ़ाने वाले महत्वपूर्ण चेहरों में गिने जाते हैं।

पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के लिए नई दिशा

ममगाईं का मानना ​​है कि टिहरी पीएसपी की सफलताओं से निजी क्षेत्र को भी पंपड स्टोरेज परियोजनाओं में निवेश के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में विदेशी तकनीक पर निर्भरता को कम करने, घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने और पर्यावरणीय मंजूरियों की प्रक्रिया को सरल बनाना आवश्यक होगा।

संजीवनी शक्ति का भविष्य

ममगाईं का यह भी कहना है कि यदि गहरे तकनीकी हस्तांतरण और सही बाज़ार तंत्र विकसित किए जाएं, तो पंपड स्टोरेज परियोजनाएं देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक “गेमचेंजर” साबित हो सकती हैं। यह विचारशीलता आने वाले समय में भारत के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर सकती है।

वास्तव में, आशीष ममगाईं की क्षमताएं और उनकी दृष्टि देश के ऊर्जा विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती हैं।

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टीम हक़ीकत क्या है - राधिका शर्मा

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