उत्तराखंड: इंजीनियर की बर्खास्तगी, पत्नी की फर्म को 1.47 करोड़ का भुगतान

Rajkumar Dhiman, Dehradun: घपलेबाज अफसरों और कर्मियों पर कार्रवाई की खुली छूट के बाद एक और इंजीनियर पर शासन की गाज गिरी है। कुछ दिन पहले उत्तराखंड पेयजल निगम के प्रभारी मुख्य अभियंता सुजीत कुमार विकास को निलंबित किए जाने के बाद अब एक कनिष्ठ अभियंता को सीधे बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई … The post इस बार घपलेबाज इंजीनियर सीधे बर्खास्त, पत्नी की हिस्सेदारी वाली फर्म को किया 1.47 करोड़ का भुगतान appeared first on Round The Watch.

Jul 21, 2025 - 18:39
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उत्तराखंड: इंजीनियर की बर्खास्तगी, पत्नी की फर्म को 1.47 करोड़ का भुगतान
इस बार घपलेबाज इंजीनियर सीधे बर्खास्त, पत्नी की हिस्सेदारी वाली फर्म को किया 1.47 करोड़ का भुगतान

उत्तराखंड: इंजीनियर की बर्खास्तगी, पत्नी की फर्म को 1.47 करोड़ का भुगतान

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राजकुमार धिमान, देहरादून: उत्तराखंड में राजकीय सेवाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जो सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, उसके एक नए उदाहरण के तौर पर एक कनिष्ठ अभियंता को सीधे बर्खास्त कर दिया गया है। उत्तराखंड पेयजल निगम के प्रभारी मुख्य अभियंता सुजीत कुमार विकास के निलंबन के कुछ ही दिनों बाद, अब जिला पंचायत पौड़ी में तैनात कनिष्ठ अभियंता सुदर्शन सिंह रावत को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया गया है। यह घटना सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति गंभीरता को दर्शाती है।

घपले की जड़ें

कनिष्ठ अभियंता सुदर्शन सिंह रावत पर आरोप है कि उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने अधिकारों का अनुचित उपयोग किया। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी की हिस्सेदारी वाली एक फर्म को 1.47 करोड़ रुपए का भुगतान किया। यह स्पष्टता से नियमों का उल्लंघन और सरकारी पद का दुरुपयोग दर्शाता है। ऐसे कृत्य न केवल अनैतिक हैं, बल्कि इससे सरकारी तंत्र के प्रति जनता का विश्वास भी डगमगा सकता है।

जांच और निष्कर्ष

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि सुदर्शन सिंह ने बिना किसी आधिकारिक सूचना के अपनी पत्नी की कंपनी, मैसर्स बुटोला इंटरप्राइजेज को भारी भुगतान किया। सचिव पंचायतीराज चंद्रेश कुमार के आदेश के अनुसार, ऐसे अनैतिक कार्यों की कोई भी संभाव्यता नहीं होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश जिला पंचायत सेवा नियमावली 1970 के अनुसार, प्रक्रिया के तहत यह स्पष्ट रूप से एक गंभीर उल्लंघन है। इस मामले में करवाई करते हुए सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे ऐसे भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलेरेंस रखते हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार का कठोर रुख

सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से न केवल सुदर्शन सिंह को बल्कि अन्य कर्मचारियों को भी चेतावनी दी गई है कि सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे पहले, सुदर्शन सिंह को 21 अक्टूबर 2024 को निलंबित किया गया था, और अब की गई कार्रवाई इस बात को स्पष्ट करती है कि सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति गंभीरता बढ़ा रही है।

भविष्य की दिशा

यह मामला भारतीय समाज में एक अच्छी सीख प्रदान करता है कि घपले और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस प्रकार की कार्रवाइयों को तेज किया जाए, तो भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इस प्रकार के निर्णय सरकारी तंत्र में आम आदमी का विश्वास पुनर्स्थापित कर सकते हैं।

सरकार के इस कदम से साफ है कि वे चाहते हैं कि सभी सरकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से पालन करें और भ्रष्टाचार से दूर रहें। यह जनहित में एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव का संकेत देता है, जिससे अपेक्षित है कि यह बर्खास्तगी अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक सबक बनेगी।

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Written by: साक्षी वर्मा, Team Haqiqat Kya Hai

Keywords:

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