आधिकारिक घोषणा: असम में हिन्दू-मुस्लिम जमीन लेन-देन अब कठिन
महानाद डेस्क : असम सरकार ने अंतर-धार्मिक (हिन्दू-मुस्लिम) जमीन हस्तांतरण के लिए एक एसओपी जारी की है। इसका उद्देश्य ऐसी जमीनों की खरीद-बिक्री की गहराई से जांच करना है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक ताने-बाने और पारदर्शिता को सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद इसकी जानकारी दी। […] The post बड़ी खबर : अब हिन्दू-मुस्लिम के बीच जमीन खरीदना/बेचना हुआ मुश्किल appeared first on Mahanaad News.

आधिकारिक घोषणा: असम में हिन्दू-मुस्लिम जमीन लेन-देन अब कठिन
महानाद डेस्क: असम सरकार ने धार्मिक आधार पर भूमि हस्तांतरण के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अनावरण किया है। यह कदम जमीनों की बिक्री और खरीद में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी एक कैबिनेट बैठक के बाद साझा की है।
असम सरकार का निर्णय
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बताया कि असम एक बहुत संवेदनशील राज्य है, जहां धार्मिक और सामाजिक सौहार्द को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य है कि हर भूमि सौदा पूरी तरह से पारदर्शी और सुरक्षित हो।" नए एसओपी के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति अपनी भूमि एक धर्म से दूसरे धर्म के व्यक्ति को बेचना चाहता है, तो इस प्रक्रिया में गहन जांच की जाएगी।
मुख्य पहलू और जांच प्रक्रिया
इस मानक संचालन प्रक्रिया के तहत, यदि कोई हिन्दू, मुस्लिम को या मुस्लिम, हिन्दू को अपनी भूमि बेचना चाहता है, तो उसे कुछ विशेष बिंदुओं पर जांच करनी होगी, जैसे:
- क्या इस सौदे में किसी तरह की धोखाधड़ी या अवैध गतिविधि शामिल है?
- भूमि खरीदने वाले व्यक्ति के पास धन की स्रोत क्या है?
- क्या इस बिक्री से क्षेत्र की सामाजिक शांति पर कोई असर पड़ेगा?
- क्या यह सौदा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई खतरा उत्पन्न कर सकता है?
यह ध्यान देने योग्य है कि यह प्रक्रिया केवल तब लागू होगी जब खरीदार और विक्रेता के धर्म अलग-अलग हों। यदि दोनों का धर्म समान है, तो यह एसओपी लागू नहीं होगी।
भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया का चरणबद्ध विवरण
नई प्रक्रिया के अनुसार, भूमि हस्तांतरण के आवेदन को कई चरणों से गुजरना होगा:
- प्रथम, आवेदन जिला आयुक्त के पास प्रस्तुत किया जाएगा।
- इसके बाद, जिला आयुक्त यह आवेदन राज्य राजस्व विभाग को अग्रेषित करेगा।
- फिर, एक नोडल अधिकारी इस आवेदन को असम पुलिस की विशेष शाखा को सौंपेगा।
- विशेष शाखा पूरी जांच करेगी और उपलब्ध रिपोर्ट के आधार पर जिला आयुक्त अंतिम निर्णय लेंगे।
गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के लिए सत्यापन
असम सरकार की इस प्रक्रिया में गैर सरकारी संगठनों का भी ध्यान रखा गया है। यदि कोई बाहरी एनजीओ असम में भूमि खरीदने का प्रयास करता है, तो उसे भी इसी प्रक्रिया से गुजरना होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ एनजीओ ने बारपेटा, कछार और श्रीभूमि जैसे जिलों में भूमि खरीदने की कोशिश की है।
समापन विचार
यह शासनादेश असम में भूमि कारोबार में एक नई दिशा प्रदान कर रहा है। यह भू-सांस्कृतिक समानता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह प्रक्रिया की जटिलता भी बढ़ा रहा है। इसे देखते हुए, विभिन्न समुदायों के बीच संवाद और आपसी समझ को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि असम में सामाजिक सौहार्द बना रहे।
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लेखिका: प्रिया शर्मा, साक्षी रानी, और काव्या गुप्ता
टीम हकीकत क्या है
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