शोभा रावत को DM सविन से मिली राहत, ICICI बैंक ने लौटाए कागजात और जारी किया नो ड्यूज

Amit Bhatt, Dehradun: जिला प्रशासन देहरादून ने त्वरित कार्रवाई कर एक असहाय विधवा को बड़ी राहत दिलाई है। दिवंगत पति के नाम पर लिए गए 17 लाख रुपये के बीमित ऋण को लेकर ICICI बैंक की ओर से लगातार प्रताड़ना झेल रही शोभा रावत को आखिरकार न्याय मिला। जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद बैंक … The post विधवा शोभा को डीएम सविन ने दिलाई बड़ी राहत, ICICI बैंक ने लौटाए घर के कागजात, जारी किया नो ड्यूज appeared first on Round The Watch.

Oct 1, 2025 - 00:39
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शोभा रावत को DM सविन से मिली राहत, ICICI बैंक ने लौटाए कागजात और जारी किया नो ड्यूज
शोभा रावत को DM सविन से मिली राहत, ICICI बैंक ने लौटाए कागजात और जारी किया नो ड्यूज

शोभा रावत को DM सविन से मिली राहत, ICICI बैंक ने लौटाए कागजात और जारी किया नो ड्यूज

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कम शब्दों में कहें तो, देहरादून की जिलाधिकारी सविन बंसल ने अपनी संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई के माध्यम से विधवा शोभा रावत की मुश्किलों का हल निकाल दिया है। ICICI बैंक द्वारा उन्हें दी गई परेशानियों का अंत करते हुए बैंक ने घर के कागजात लौटाए और नो ड्यूज प्रमाणपत्र जारी किया।

जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

Amit Bhatt, Dehradun: जिला प्रशासन देहरादून ने एक असहाय विधवा को त्वरित कार्रवाई कर राहत प्रदान की है। शोभा रावत, जिनके दिवंगत पति के नाम पर लिए गए 17 लाख के बीमित ऋण के कारण उन्हें ICICI बैंक द्वारा लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, को आखिरकार न्याय मिल गया। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद बैंक ने न केवल ऋण को माफ किया, बल्कि शोभा को उनके घर जाकर नो ड्यूज प्रमाणपत्र भी सौंपा।

सविन बंसल, जिलाधिकारी, देहरादून।

विधवा शोभा की व्यथा और प्रशासन का हस्तक्षेप

शोभा रावत के पति, मनोज रावत, का निधन 30 अक्टूबर 2024 को हुआ था। इस कठिन समय में घर की पूरी जिम्मेदारी शोभा के कंधों पर आ गई। उनकी बेटी पढ़ाई कर रही थी जबकि उनका 24 वर्षीय बेटा 100 प्रतिशत दिव्यांग है। इस कठिन परिस्थिति में बैंक का ऋण उनके जीवन में एक बड़ा संकट बन गया था।

उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने निरंतर किया विधवा शोभा के प्रकरण का फॉलोअप और मिल गई बड़ी राहत।

पति के लिए लिए गए 17 लाख रुपये के ऋण में बीमा कवरेज शामिल थी, जिसमें से 13.20 लाख रुपये की धनराशि बीमा से समायोजित हो गई। लेकिन लगभग 5 लाख रुपये की शेष राशि के लिए बैंक की ओर से शोभा और उसके बच्चों पर लगातार वसूली की कार्रवाई की जा रही थी।

डीएम के हस्तक्षेप से मिली राहत

गत सप्ताह शोभा रावत ने अपने परिवार के साथ जिलाधिकारी सविन बंसल से संपर्क किया और अपनी स्थिति बताई। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी न्याय कुमकुम जोशी को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। पिछले 10 दिनों से एसडीएम मामले का फॉलोअप कर रही थीं।

डीएम ने बैंक को सख्त निर्देश दिए कि यदि सोमवार तक नो ड्यूज जारी नहीं किया गया तो संबंधित बैंक शाखा की सम्पत्ति कुर्क कर नीलामी की जाएगी। प्रशासन की इस सख्ती के परिणामस्वरूप ICICI बैंक ने शोभा को राहत प्रदान की और उनके घर जाकर नो ड्यूज प्रमाणपत्र सौंपा।

न्याय पर बढ़ा जनता का विश्वास

जिला प्रशासन की त्वरित कार्यवाही ने न केवल शोभा रावत को राहत पहुंचाई, बल्कि जनता का प्रशासन के प्रति विश्वास भी बढ़ाया है। जिलाधिकारी कार्यालय शिक्षा, रोजगार, ऋण माफी और सम्पत्ति वापसी जैसे मामलों में तेजी से निर्णय लेकर लोगों की समस्याओं का स्थायी समाधान तलाशने में जुटा हुआ है। इस तरह की पहल से जनहित में प्रशासन की न्यायप्रिय और संवेदनशील छवि सुदृढ़ हो रही है।

असहाय विधवा की जिंदगी में लौट आई रोशनी

शोभा रावत के लिए यह राहत किसी संजीवनी से कम नहीं है। एक असहाय विधवा जो अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाए हुए थी, अब बैंक के ऋण के बोझ से मुक्त हो गई है। अब वह निश्चिंत होकर अपने बच्चों के भविष्य को संवारने की ओर ध्यान दे सकती हैं।

यह घटना यह दर्शाती है कि जब प्रशासन तत्परता और संवेदनशीलता से कार्य करता है, तो न केवल व्यक्तिगत मामलों का समाधान होता है, बल्कि समाज में व्यापक बदलाव की दिशा में भी कदम बढ़ाने में मदद मिलती है।

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