भारत में कदम रखने से पहले बड़ा खेल कर गए अमेरिकी उप राष्ट्रपति, फिर छिड़क दिया कट्टरपंथियों के जख्मों पर नमक
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपनी पत्नी और बच्चों के साथ भारत के दौरे पर आए हैं। जेडी वेंस अपनी पत्नी उषा वेंस और तीन बच्चों ईवान, विवेक और मीराबेल के साथ चार दिनों तक भारत में रहेंगे। अमेरिका का उपराष्ट्रपति बनने के बाद जेडी वेंस का ये पहला आधिकारिक दौरा है। 13 साल में ये किसी अमेरिकी उपराषट्रपति की पहली भारत यात्रा है। इससे पहले 2013 में जो बाइडेन भारत आए थे, जब वो ओबामा की सरकार में उपराष्ट्रपति थे। जेडी वेंस जैसे ही अपने परिवार के साथ विमान से उतरे तो एक दिलचस्प तस्वीर दिखी। जेडी वेंस अपने तीनों बच्चों को भारतीय कपड़े पहनाकर लाए। जेडी वेंस के दोनों बेटों ने कुर्ता दो बेटी ने लहंगा पहन रखा था। ये तो आपको पता ही होगा कि जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस भारतीय मूल की हैं।इसे भी पढ़ें: Vance in India: दिल्ली पुलिस ने सड़कें बंद करने और मार्ग बदलने की घोषणा कीइन तस्वीरों के बाद एक और तस्वीर आई जिसके बारे में जानकर आपको आनंद आएगा। वामपंथियों और कट्टरपंथियों के जख्मों पर नमक छिड़कते हुए जेडी वेंस भारत पहुंचते ही अक्षरधाम मंदिर में दर्शन करने पहुंच गए। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अपनी पत्नी उषा वेंस और अपने तीन बच्चों के साथ नई दिल्ली में प्रतिष्ठित अक्षरधाम मंदिर का दौरा किया। सांस्कृतिक महत्व से भरपूर यह यात्रा, सॉफ्ट डिप्लोमेसी के एक आकर्षक क्षण में बदल गई, क्योंकि वेंस के बच्चों ने फूलों की मालाओं के साथ जीवंत पारंपरिक भारतीय पोशाक पहनकर कार्यक्रम का लुत्फ़ उठाया। इसे भी पढ़ें: JD Vance का भारत दौरा है बेहद खास, PM Modi के साथ डिनर और अक्षरधाम में दर्शनउपराष्ट्रपति वेंस ने मंदिर के विजिटर्स बुक में लिखा कि इस खूबसूरत जगह पर मेरा और मेरे परिवार का स्वागत करने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। यह भारत के लिए बहुत बड़ा श्रेय है कि आपने एक सुंदर मंदिर का निर्माण सटीकता और देखभाल के साथ किया। हमारे बच्चों को, विशेष रूप से, यह बहुत पसंद आया। भगवान भला करे। उपराष्ट्रपति और उनके परिवार को मंदिर परिसर की जटिल नक्काशी और भव्यता की प्रशंसा करते हुए देखा गया। समूह ने मंदिर की अलंकृत पृष्ठभूमि के सामने तस्वीरें खिंचवाईं, जिसमें वेंस और उनकी भारतीय-अमेरिकी पत्नी उषा ने प्रार्थना की और आधिकारिक बैठकों से पहले एक संक्षिप्त आध्यात्मिक विराम लिया। इसे भी पढ़ें: JD Vance's visit to India: अमेरिकी उपराष्ट्रपति की 4 दिवसीय भारत यात्रा, आर्थिक और भू-राजनीतिक संबंधों पर होगी चर्चाजेडी वेंस ने भारत में कदम रखने से पहले एक बयान दिया जिसने पूरी दुनिया में हलचल पैदा कर दी। आपको बता दें कि भारत से ट्रेड डील करने के लिए अमेरिका और चीन एक दूसरे को खूब कोस रहे हैं। एक दूसरे को जमकर बेइज्जत कर रहे हैं। इसी कड़ी में जेडी वेंस ने चीन के लिए एक ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया जो ड्रैगन को गाली समान लग सकता है। जेडी वेंस ने टैरिफ पर बात करते हुए कहा कि हम चाइनिज पीजेंट से पैसा लेते हैं और फिर चाइनिज पीजेंट से ही सामान खरीदते हैं। ये बहुत गलत है। आपको बता दें कि जेडी वेंस ने यहां जानबूझकर पीजेंट शब्द का इस्तेमाल किया है। सदियों पहले राजा महाराजाओं के समय पीजेंट शब्द का इस्तेमाल होता था। उस समय पीजेंट्स को गरीब कहा जाता था। Delhi: Vice President of the United States, JD Vance, Second Lady Usha Vance, along with their children, visited Akshardham Temple.(Source: Akshardham Temple) pic.twitter.com/eQrvqWpol5— ANI (@ANI) April 21, 2025

भारत में कदम रखने से पहले बड़ा खेल कर गए अमेरिकी उप राष्ट्रपति, फिर छिड़क दिया कट्टरपंथियों के जख्मों पर नमक
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: सुषमा शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
अमेरिकी उप राष्ट्रपति की हालिया यात्रा ने भारत में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। इससे पहले कि वे भारतीय भूमि पर कदम रखें, उन्होंने कुछ ऐसे बयान दिए हैं जो कट्टरपंथियों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा काम कर रहे हैं। इस लेख में, हम उनकी यात्रा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं और इसके संभावित प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
उप राष्ट्रपति की तैयारी
जैसा कि हम जानते हैं, अमेरिका और भारत के बीच संबंध हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं। लेकिन इस बार उप राष्ट्रपति का दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए है, बल्कि यह कई संवेदनशील मुद्दों को भी सामने लाता है। उप राष्ट्रपति का एक बयान, जिसमें उन्होंने धार्मिक कट्टरता पर चिंता जताई, ने काफी विवाद उत्पन्न किया है।
कट्टरपंथियों पर बयान
विभिन्न सूत्रों के अनुसार, उप राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि कैसे दुनिया भर में धार्मिक कट्टरता एक बड़ा मुद्दा है, और इसे वैश्विक समुदाय द्वारा मिलकर हल किया जाना चाहिए। उनके इस बयान को कुछ भारत में कट्टरपंथियों द्वारा गंभीरता से लिया गया है, जो अब इसे विदेशी दखल के रूप में देख रहे हैं। इससे यह संदेश भी गया कि दुनिया की नजर भारत की आंतरिक स्थिति पर है, जो दुनिया भर में धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक है।
सम्भावित परिणाम
इस यात्रा का प्रभाव कई स्तरों पर देखने को मिल सकता है। राजनीतिक दृष्टिकोण से, यह भारत सरकार के लिए एक चुनौती हो सकती है कि वे अपने रुख को कैसे प्रस्तुत करते हैं। इसके अलावा, स्थानीय संगठनों का भी ज्वलंत प्रतिक्रियाएं देने का कोई मौका नहीं चूकेंगे।
राजनैतिक खेल का हिस्सा
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि उप राष्ट्रपति का यह दौरा एक मटके का काम कर सकता है, जो भारत के भीतर कट्टरपंथियों के खिलाफ प्रदर्शनों को और तीव्र कर सकता है। साथ ही, यह भारत में मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को भी आहत कर सकता है।
निष्कर्ष
अमेरिकी उप राष्ट्रपति का भारत दौरा केवल एक राजनैतिक पैंतरेबाजी नहीं है, बल्कि यह आज की जटिल वैश्विक राजनीति का भी एक हिस्सा है। हमें उम्मीद है कि यह यात्रा भारत के लिए सकारात्मक परिणाम लाएगी और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ लड़ाई में एक मजबूत सबक बनेगी।
हमें यह देखना होगा कि क्या सरकार इन चुनौतियों को सुधारने के लिए तैयार है या नहीं। इसके अलावा, यह भी आवश्यक है कि भारतीय समुदाय इस विषय पर एकजुटता बनाए रखे।
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