भारत के यार के वार ने उड़ाई पाकिस्तान के दोस्त की नींद, कैसे S-400 का सपना हो गया चकनाचूर
भारत के यार ने इन नीदों पाकिस्तान के दोस्त की नींद उड़ा रखी है। तुर्किए के राष्ट्रपति रिचब तैयब एर्दोगान लंबे समय से मीडिल ईस्ट में अपनी ताकत बढ़ाने की फिराक में हैं। उनका सपना एक इस्लामिक ताकत बनने का है। सीरिया में उनका स्थायी टारगेट एक सैन्य अड्डा बनाने का था। तुर्किए का सपना था कि सीरिया में सैन्यअड्डा बनाकर पूरे वेस्ट एशिया को कंट्रोल करने का था। लेकिन इजरायल ने अपने फाइटर जेट्स से उस सपने को मलबे में बदल दिया। जैसे ही तुर्किए बैकफुट पर गया तो उसका छोटा भाई संयुक्त राष्ट्र में चीखता हुआ नजर आया। खास बात ये थी कि तुर्किए इस बेस पर रूस का बेहद घातक एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी तैनात करने वाला था, जो किसी भी एयर स्ट्राइक को लगभग नामुमकिन बना देता। इजरायल के लिए ये खतरे की घंटी थी क्योंकि वो अक्सर सीरिया में ईरान के खिलाफ एयर स्ट्राइक करता है। इसे भी पढ़ें: तहव्वुर को कैसे घसीट लाया भारत, मोदी के बयान ने हिलाया पाकिस्तान, ट्रंप भी दहाड़ेऐसे में अगर तुर्किए एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम लगाता तो इजरायल की स्ट्रैर्जिक फ्रीडम खतरे में आ जाती। इजरायल ने इस खतरे को हल्के में नहीं लिया। उसने सीधा एक्शन लिया और एक बड़े ऑपरेशन में सीरिया में तुर्किए समर्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इजरायल के इस मिशन का मकसद साफ था कि तुर्किए को ये समझाना कि सीरिया रेड लाइन है। इस हमले में एचएटीएस यानी हयत तहरीर अल साम जैसे समूह भी टारगेट बने जिनके पीछे तुर्किए का समर्थन माना जाता है। ये वही एचएटीएस जो पहले अल कायदा का हिस्सा रह चुका है। इजरायल ने एक तीर से कई निशाने साधे, तुर्किए, ईरान और सीरिया के अस्थिर शासन को कड़ा संदेश दिया। इजरायली हमले के बाद तुर्किए की रणनीति बिखड़ गई न वो हमला रोक पाया, न जवाब दे पाया और न ही रूस से कुछ खुलकर कुछ मांग सका क्योंकि रूस और इजरायल के बीच सीरिया को लेकर समझौते हैं।इसे भी पढ़ें: आतंकियों पर भारत के तगड़े एक्शन से खुश हुआ इजरायल, बोला- थैक्यू मोदी सरकार तुर्की सेना के अधिकारी कई सप्ताह से सीरियाई हवाई अड्डों का दौरा कर रहे थे और कुछ हवाई अड्डों को वायु रक्षा प्रणालियों और सशस्त्र ड्रोन से लैस करने की योजना बना रहे थे। कहा जा रहा था कि तुर्की द्वारा पाल्मेरा के पास स्थित T4 हवाई अड्डे पर कब्ज़ा करने की तैयारी चल रही थी। फिर, 2 अप्रैल को, इज़राइल ने हमला कर दिया। इज़राइली विमानों ने T4 के रनवे और रडार सिस्टम पर बमबारी की। उन्होंने सीरिया में कम से कम दो और ठिकानों और अन्य सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सा’आर ने बताया कि सीरिया के तुर्की संरक्षित राज्य बनने का खतरा है। सीरिया के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने कहा कि अगर सीरिया के नेता इजरायल के प्रति शत्रुतापूर्ण ताकतों को सीरिया में घुसने देंगे और यहूदी राज्य के सुरक्षा हितों को खतरे में डालेंगे तो उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।इसे भी पढ़ें: अगर ईरान परमाणु हथियार कार्यक्रम नहीं छोड़ता तो उसके खिलाफ सैन्य हमले का अगुवा इजराइल होगा: अमेरिकाअब जब तुर्किए बैकफुट पर आया तो पाकिस्तान को खलीफा एर्गोगान की चिंता सताने लगी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जहां पाकिस्तान अस्थायी सदस्य है उसके राजदूत ने इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इजरायल बिना किसी उकसावे के हमला कर रहा है। 1974 के समझौते का उल्लंघन हो रहा है। आम नागरिक मारे जा रहे हैं। पाकिस्तान को अपनी बर्बाद होती अर्थव्यवस्था की कोई चिंता नहीं लेकिन इजरायल के खिलाफ वो बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ता। वहीं इजरायल और भारत की करीबी किसी से छिपी नहीं है। इजरायल जब अपने दुश्मनों से लड़ता है तो भारत के हित सुरक्षित होते हैं।

भारत के यार के वार ने उड़ाई पाकिस्तान के दोस्त की नींद, कैसे S-400 का सपना हो गया चकनाचूर
लेखिका: साक्षी वर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्ते हमेशा से चर्चा का विषय रहे हैं। हाल ही में, भारत के एक महत्वपूर्ण कदम ने पाकिस्तान के लिए चिंता का कारण बन गया है। भारत द्वारा विकसित S-400 प्रणाली ने न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा को चुनौती दी है, बल्कि इसके मित्र देशों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे भारत का यह कदम पाकिस्तान के लिए एक बडा झटका बना और S-400 कैसे एक सपना बन गया चकनाचूर।
भारत की सशस्त्रीकरण नीति
भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रकार की नई तकनीकियों को विकसित किया है, जिसमें S-400 वायु रक्षा प्रणाली प्रमुख है। यह प्रणाली लंबी दूरी की मिसाइलों के खिलाफ उच्चतम सुरक्षा प्रदान करती है। भारत ने रूस से इस प्रणाली के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है और अब इसका उपयोग कर रहा है। इस प्रणाली का पहला साधारण परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया और इसे अब कई महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
S-400 की भारत में मौजूदगी ने पाकिस्तान की नींद उड़ाई है। पाकिस्तान के सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली उनके लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने यह भी कहा है कि इससे उनकी वायु शक्ति प्रभावित हो सकती है। पाकिस्तान की सबसे बड़ी चिंता यह है कि यदि भारत ने इस प्रणाली का उपयोग किया, तो इसके नतीजे बड़े ही गंभीर हो सकते हैं। यह स्थिति न केवल पाकिस्तान, बल्कि उसके सहयोगी देशों के लिए भी चिंता का विषय है।
S-400 का सपना चकनाचूर क्यों हुआ?
पाकिस्तान ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली को विकसित करने के कई प्रयास किए हैं, लेकिन S-400 की तुलना में यह सभी प्रयास निरर्थक प्रतीत होते हैं। पाकिस्तान ने रूस से समान प्रणाली की खरीद के लिए बातचीत की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। इस कारण, पाकिस्तान की योजनाएं कई बार विफल रही हैं, जिससे उसका S-400 का सपना चकनाचूर हो गया है। इसकी तुलना में भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूती देने में दक्षता दिखाई है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
भारत के इस कदम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी निगाहें हैं। कई पश्चिमी देशों ने भारत के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने का निर्णय लिया है। अमेरिका, रूस और अन्य देशों के साथ भारत की रक्षा साझेदारी ने न केवल घरेलू सुरक्षा को मजबूती दी है, बल्कि बाहरी खतरों के खिलाफ भी यह एक कड़ा संदेश है।
निष्कर्ष
भारत के S-400 प्रणाली के विकास और तैनाती से पाकिस्तान की सुरक्षा के प्रति चिंताएं बढ़ी हैं। यह स्थिति न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर रही है, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों को भी चुनौती दे रही है। भारत ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो उसकी सुरक्षा क्षमता को मजबूत करता है। पाकिस्तान को अब अपनी रक्षा नीति में बदलाव लाने की आवश्यकता है, ताकि वह इस नई स्थिति का सामना कर सके।
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