बागेश्वर में पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई: थानाध्यक्ष लाइन हाजिर, 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड
बागेश्वर (महानाद) : पुलिस अभिरक्षा से फरार अभियुक्तों के मामले में एसपी बागेश्वर चंद्रशेखर घोड़के ने कठोर कार्यवाही करते हुए थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया वहीं, 5 सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया। मामले की विभागीय जांच सीओ बागेश्वर को सौंपी गई है। आपको बता दें कि थाना कपकोट में धारा 8/20/60 से सम्बन्धित अभियुक्तों […]

बागेश्वर में पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई: थानाध्यक्ष लाइन हाजिर, 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड
बागेश्वर (महानाद) : हाल ही में पुलिस अभिरक्षा से फरार हुए अभियुक्तों के मामले में एसपी बागेश्वर, चंद्रशेखर घोड़के ने कठोर कदम उठाते हुए थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया है। इसके अलावा, इस मामले में लापरवाही बरतने के कारण 5 पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया है। इस मामले की विभागीय जांच सीओ बागेश्वर को सौंपी गई है।
कम शब्दों में कहें तो, एसपी बागेश्वर ने अपने अधिकारों का प्रयोग कर अनुशासनहीनता के मामले में कड़ी कार्रवाई की है।
पुलिस अभिरक्षा से भागने का मामला
आपको बताना चाहते हैं कि थाना कपकोट में धारा 8/20/60 से सम्बन्धित अभियुक्तों का दिनांक 17/09/2025 को पुलिस अभिरक्षा से भाग जाने का गंभीर मामला सामने आया था। जिस वजह से सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस कर्मियों की लापरवाही उजागर हुई है। ऐसे में एसपी चंद्रशेखर घोड़के ने इस मामले के तहत निम्नलिखित पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की है:
- एसआई खुशवन्त सिंह, थानाध्यक्ष कपकोट (लाइन हाजिर)
- हेड कां. दलजीत सिंह, थाना कपकोट (सस्पेंड)
- कां. राधेश्याम लोहनी, थाना कपकोट (सस्पेंड)
- कां. महेश डंगवाल (सस्पेंड)
- कां. अशोक कुमार (सस्पेंड)
- कां. नवीन सिंह (सस्पेंड)
कार्रवाई का उद्देश्य
इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है। एसपी चंद्रशेखर के अनुसार, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पुलिस अभियुक्तों की सुरक्षा में कोई चूक न हो।
समाज की प्रतिक्रिया
इस मामले पर आम नागरिकों की प्रतिक्रियाएं भी रोचक रही हैं। कई लोग एसपी की इस कठोर कार्रवाई को सकारात्मक मानते हैं, जबकि कुछ अन्य इसे प्रतिकूलता के रूप में देख रहे हैं। ऐसे मामलों में नवाचार और त्वरित कार्रवाई पुलिस प्रशासन की विश्वसनीयता को बहाल करते हैं।
भविष्य की दिशा
अब देखना यह होगा कि क्या बागेश्वर पुलिस इस मामले से सबक लेते हुए अपने कार्यों में सुधार करेगी या यह घटना केवल एक उदाहरण के रूप में रह जाएगी। अधिकारियों की जिम्मेदारियों और उनके आदेशों का पालन करना बहुत आवश्यक है।
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यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से ले रहा है और इस प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाइयां दोबारा न हों, इसके लिए तैयारी कर रहा है।
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साइन ऑफ: दीप्ति शर्मा, Team Haqiqat Kya Hai
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