पोप ने शारीरिक गतिविधियां बढ़ायीं, लेंट की शुरुआत मनायी
पोप फ्रांसिस ने बुधवार को अपनी शारीरिक गतिविधियां बढ़ा दीं, गाजा के कैथलिक पैरिश पादरी से भेंट की और माथे पर राख लगाकर लेंट की शुरुआत मनाई। वेटिकन ने यह जानकारी दी। उसने बताया कि पोप ने आज सांस संबंधी कोई बड़ी दिक्कत नहीं बताई और वह नासिका ट्यूब के जरिए ऑक्सीजन ग्रहण करते रहे। पोप फ्रांसिस रात में फिर से ‘नॉन इन्वेसिव यांत्रिक मास्क’ लगाएंगे। आज उनकी स्थिति स्थिर बनी रही। सुबह उन्होंने ‘एश वेडनेसडे’ उत्सव में भाग लिया, राख प्राप्त की। बाद में उन्होंने काम करना शुरू किया, जिसमें अर्जेंटीना के पादरी रेव. गेब्रियल रोमनेली से बात करना शामिल है। ग्रेबियल गाजा में होली फैमिली चर्च के पैरिश पादरी हैं।

पोप ने शारीरिक गतिविधियां बढ़ायीं, लेंट की शुरुआत मनायी
Haqiqat Kya Hai - आज के समय में जब लोग तनाव और अवसाद का शिकार हो रहे हैं, तब पोप ने एक नया संदेश दिया है। उन्होंने लेंट की शुरुआत के अवसर पर शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर दिया। इस आलेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे। लेख के लेखक हैं, नेहा शर्मा, टीम नेटानागरी।
शारीरिक गतिविधि का महत्व
शारीरिक गतिविधियां केवल शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। पोप ने यह संदेश दिया कि हमें अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करना चाहिए। उन्होंने खासकर ध्यान दिलाया कि लेंट जैसे अवसरों पर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। इससे ना केवल हम स्वस्थ रहेंगे, बल्कि हमें आध्यात्मिक रूप से भी मजबूती मिलेगी।
लेंट का उद्देश्य
लेंट, कैथोलिक धर्म में त्याग और उपासना का ध्यान रखने का एक महत्वपूर्ण समय है। इस अवधि में लोग उपवास करते हैं और खुद को आध्यात्मिक रूप से मजबूत करने का प्रयास करते हैं। पोप ने कहा कि लेंट का उद्देश्य सिर्फ खाने-पीने की चीजों का त्याग करना नहीं है, बल्कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी है। उन्होंने एक स्वस्थ शरीर का निर्माण करने का महत्व बताया, ताकि लोग अच्छे विचारों और कार्यों के साथ आगे बढ़ सकें।
फिजिकल एक्टिविटी और मानसिक स्वास्थ्य
शारीरिक गतिविधियों ने मानसिक स्वास्थ्य में कितनी भूमिका निभाई है, इसे नकारा नहीं जा सकता। शोध में यह पाया गया है कि नियमित व्यायाम से तनाव कम होता है, हर्षोल्लास बढ़ता है, और आत्मविश्वास में सुधार आता है। पादरी ने इस विषय पर बात करते हुए कहा कि उत्सव और धार्मिक अनुशासन को रोजमर्रा की जीवनशैली में लाना चाहिए ताकि हम एक संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक जीवन जी सकें।
निष्कर्ष
पोप का यह संदेश एक नई दिशा दिखाता है। शारीरिक गतिविधियों के महत्व को समझना और उसे अपने जीवन में शामिल करना हम सभी के लिए आवश्यक है। लेंट के इस समय में, यदि हम मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का समानांतर धारणा रखते हैं, तो निःसंदेह यह हमारे जीवन को और अधिक सकारात्मक बना सकता है। For more updates, visit haqiqatkyahai.com.
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