पहले काम, फिर बात...भूकंप से एक हजार मौतें झेल रहे म्यांमार के जनरल को PM मोदी ने घुमाया फोन, हादसे पर जताई संवेदना
म्यांमार में भूकंप की वजह से हालात भयावह हो गए हैं. पीएम मोदी ने म्यांमार के सेना प्रमुख से फोन पर बात कर संवेदनाएं जताई हैं। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि एक करीबी मित्र और पड़ोसी के रूप में भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है। म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने शनिवार को 'ऑपरेशन ब्रह्मा' शुरू किया। देश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने म्यांमार के लोगों के लिए तत्काल मानवीय सहायता की पहली खेप भेजी है। सी-130 विमान कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, भोजन के पैकेट और रसोई सेट ले जा रहा है।इसे भी पढ़ें: Operation Brahma: म्यांमार में तबाही के बीच भारत का सबसे बड़ा 'ऐलान', बैंकॉक की जमीन पर उतारा दिया अपना C-130म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के एक दिन बाद, बचावकर्मी मलबे में अथक परिश्रम कर रहे हैं। देश के दूसरे सबसे बड़े शहर और भूकंप के केंद्र मांडले में जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं। बर्मी राज्य मीडिया के अनुसार, 1,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि एक अमेरिकी एजेंसी ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या 10,000 से अधिक हो सकती है। भूकंप इतना शक्तिशाली था कि 900 किलोमीटर दूर स्थित बैंकॉक में भी इसका असर महसूस किया गया, जिससे कई प्रतिष्ठित संरचनाएं और पुल ढह गए। भारत के कुछ हिस्सों, जिनमें मेघालय और मणिपुर शामिल हैं, के साथ-साथ बांग्लादेश, विशेषकर ढाका और चटगाँव, तथा चीन में भी तीव्र भूकंप महसूस किए गए।इसे भी पढ़ें: भूकंप से ढही बड़ी मस्जिद, मारे गए कई नमाजी, भारत ने किया बड़ा ऐलानकल की घटना से बचे हुए लोगों द्वारा बताई गई भयावह कहानियों के अनुसार तबाही के भयावह विवरण सामने आ रहे हैं। म्यांमार के एक जीवित बचे व्यक्ति ने बीबीसी को बताया कि भूकंप के बाद उसे मलबे से कैसे निकाला गया, जबकि वह शौचालय में था। जब वह और अन्य लोग दूसरी इमारत में शरण लेने के लिए भागे, तो एक और भूकंप आया, जिससे वह इमारत भी ढह गई। उन्होंने कहा कि उनकी दादी, चाची और चाचा अभी भी लापता हैं, उन्होंने कहा कि उनके बचने की संभावना शून्य है।Spoke with Senior General H.E. Min Aung Hlaing of Myanmar. Conveyed our deep condolences at the loss of lives in the devastating earthquake. As a close friend and neighbour, India stands in solidarity with the people of Myanmar in this difficult hour. Disaster relief material,…— Narendra Modi (@narendramodi) March 29, 2025

पहले काम, फिर बात...भूकंप से एक हजार मौतें झेल रहे म्यांमार के जनरल को PM मोदी ने घुमाया फोन, हादसे पर जताई संवेदना
Haqiqat Kya Hai
नई दिल्ली: हाल ही में म्यांमार में आए बड़े भूकंप ने देश को हिलाकर रख दिया है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक एक हजार से अधिक लोगों की मौत की खबर है। इस संकट के समय भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के जनरल को फोन कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और उनके लिए मदद प्रस्तावित की। यह स्थिति निस्संदेह चिंताजनक है, और भारत एक पड़ोसी देश के रूप में म्यांमार के साथ खड़ा है।
भूकंप का भयावह मंजर
म्यांमार में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। 8.0 की तीव्रता वाला यह भूकंप ने न केवल जीवन को क्षति पहुंचाई है, बल्कि अनेक इमारतें और बुनियादी ढांगे भी ध्वस्त कर दिए हैं। राहत कार्यों में बढ़ती चुनौतियों का सामना करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने हालात पर नज़र रखी है और म्यांमार सरकार को आवश्यक सहायता देने का आश्वासन दिया है।
प्रधान मंत्री मोदी की सहानुभूति
मोदी ने म्यांमार के जनरल से संवाद करते हुए कहा, "यह समय बात करने का नहीं, बल्कि काम करने का है। हम आपकी हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं।" उनका यह बयान एक सकारात्मक संकेत है, जो भारत की मानवता की भावना को दर्शाता है, खासकर जब बात पड़ोसी देश की हो।
भारत की सहायता की तत्परता
भारत ने म्यांमार में राहत कार्यों में सहयोग देने का निर्णय लिया है। भारतीय एनडीआरएफ की टीमें जल्द ही म्यांमार पहुंचेंगी ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके। साथ ही, भारत में मौजूद म्यांमार के छात्रों और नागरिकों के लिए भी संकट के समय में समर्थन प्रदान करने का आशवासन दिया गया है।
संवेदनाओं की महत्ता
इस घटनाक्रम ने केवल भौतिक सहायता की आवश्यकता को ही नहीं दर्शाया, बल्कि विचारों और संवेदनाओं का आदान-प्रदान भी आवश्यक है। भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय मदद और एकजुटता का होना बेहद महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
म्यांमार में भूकंप से आई भयावहता सच में कई सवाल खड़े करती है। संकट के समय में मदद का हाथ बढ़ाना न केवल एक शांति संदेश है, बल्कि यह हमारे संबंधों को भी मजबूत बनाता है। पीएम मोदी का यह कदम, उनके नेतृत्व की मानवता के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। ऐसे में म्यांमार का भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
हमें उम्मीद है कि म्यांमार की सरकार जल्द ही स्थिति को संभाल लेगी और प्रभावित लोग फिर से सामान्य जीवन की ओर लौट सकेंगे।
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