18 मई के बाद भारत और मारेगा, पाकिस्तानी संसद में क्यों चीख पड़े विदेश मंत्री
भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐसा बयान आया है, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने खुद संसद में खड़े होकर कहा कि सीजफायर केवल 18 मई तक है। क्या इसका मतलब ये है कि 19 मई से फिर गोलियां चलेंगी? क्या मोदी सरकार ऑन ऑपरेशन सिंदूर की तैयारी कर चुकी है। ये बयान पाकिस्तान की डर की निशानी है या फिर एक नई धमकी। दरअसल, इशाक डारने पाकिस्तान की संसद में बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ लेवल बातचीत हुई है। इसे भी पढ़ें: पाकिस्तानी जासूस जालंधर में गिरफ्तार, 4 मोबाइल और 3 सिम कार्ड बरामदइशाक डार ने क्या कहा? पाकिस्तान की संसद में बोलते हुए डार ने कहा कि पाकिस्तान के मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला और उनके भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बुधवार दोपहर (14 मई) को हॉटलाइन पर बातचीत की। हालांकि, डार की टिप्पणियों के बारे में भारतीय पक्ष की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। नई दिल्ली में एक वरिष्ठ भारतीय सेना अधिकारी ने उल्लेख किया कि 10 मई को आपसी सहमति के बाद दोनों देशों ने विश्वास-निर्माण उपायों को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है। डार ने संसद में आगे उल्लेख किया कि आगे की चर्चा के लिए 18 मई को डीजीएमओ के फिर से जुड़ने की उम्मीद है। हालांकि वार्ता का विशिष्ट विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन दोनों पक्ष कथित तौर पर युद्धविराम प्रतिबद्धता को बनाए रखने के लिए सहमत हुए हैं। जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, डार ने बताया कि पहली डीजीएमओ-स्तरीय वार्ता के दौरान युद्धविराम को शुरू में 12 मई तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद बाद की वार्ताओं के दौरान इसे 14 मई तक बढ़ा दिया गया और अब नवीनतम वार्ता के बाद इसे 18 मई तक बढ़ा दिया गया है।इसे भी पढ़ें: Pakistan का साथ देने वाले तुर्की को अडानी ने सबक सिखा दिया, कर दी ये बड़ी स्ट्राइकगौरतलब है कि यह बयान डार द्वारा सीएनएन को दिए गए साक्षात्कार में एक परोक्ष धमकी जारी करने के तुरंत बाद आया है, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहा सिंधु जल संधि विवाद अनसुलझा रहा तो संघर्ष विराम समझौता खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर इस मामले को नहीं सुलझाया गया तो इसे "युद्ध की कार्रवाई" माना जा सकता है। यहाँ यह उल्लेख करना आवश्यक है कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढाँचों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सटीक हमले किए। भारतीय कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर भीषण जवाबी हमला किया और 100 से अधिक आतंकवादियों को भी मार गिराया। ❗️India-Pakistan ceasefire EXTENDED to 18 May — Pakistani FM Ishaq Dar says 'military to military' talks held, political dialogue still to occur pic.twitter.com/Mg5XOvdY2m— RT (@RT_com) May 15, 2025

18 मई के बाद भारत और मारेगा, पाकिस्तानी संसद में क्यों चीख पड़े विदेश मंत्री
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भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐसा बयान आया है, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने खुद संसद में खड़े होकर कहा कि सीजफायर केवल 18 मई तक है। क्या इसका मतलब ये है कि 19 मई से फिर गोलियां चलेंगी? क्या मोदी सरकार ऑन ऑपरेशन सिंदूर की तैयारी कर चुकी है? ये बयान पाकिस्तान की डर की निशानी है या फिर एक नई धमकी।
इशाक डार ने क्या कहा?
पाकिस्तान की संसद में बोलते हुए डार ने कहा कि पाकिस्तान के मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला और उनके भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बुधवार दोपहर (14 मई) को हॉटलाइन पर बातचीत की। हालांकि, डार की टिप्पणियों के बारे में भारतीय पक्ष की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। नई दिल्ली में एक वरिष्ठ भारतीय सेना अधिकारी ने उल्लेख किया कि 10 मई को आपसी सहमति के बाद दोनों देशों ने विश्वास-निर्माण उपायों को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है।
डार ने संसद में आगे उल्लेख किया कि आगे की चर्चा के लिए 18 मई को डीजीएमओ के फिर से जुड़ने की उम्मीद है। हालांकि वार्ता का विशिष्ट विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन दोनों पक्ष कथित तौर पर युद्धविराम प्रतिबद्धता को बनाए रखने के लिए सहमत हुए हैं। जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, डार ने बताया कि पहली डीजीएमओ-स्तरीय वार्ता के दौरान युद्धविराम को शुरू में 12 मई तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद बाद की वार्ताओं के दौरान इसे 14 मई तक बढ़ा दिया गया और अब नवीनतम वार्ता के बाद इसे 18 मई तक बढ़ा दिया गया है।
सीजफायर का संभावित खतरा
गौरतलब है कि यह बयान डार द्वारा सीएनएन को दिए गए साक्षात्कार में एक परोक्ष धमकी जारी करने के तुरंत बाद आया है, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहा सिंधु जल संधि विवाद अनसुलझा रहा तो संघर्ष विराम समझौता खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर इस मामले को नहीं सुलझाया गया तो इसे "युद्ध की कार्रवाई" माना जा सकता है।
यहाँ यह उल्लेख करना आवश्यक है कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढाँचों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सटीक हमले किए। भारतीय कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर भीषण जवाबी हमला किया और 100 से अधिक आतंकवादियों को भी मार गिराया।
आगे की राह
अब सवाल यह उठता है कि क्या 18 मई के बाद वास्तविकता में गोलियों की आवाज़ एक बार फिर सुनाई देगी? क्या भारत और पाकिस्तान के बीच एक नए सैन्य संघर्ष की तैयारी की जा रही है या फिर डिप्लोमेटिक चैनलों के माध्यम से स्थिति को शांत रखा जाएगा? कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान केवल एक राजनैतिक दांव हो सकता है, लेकिन दूसरे इसे गंभीरता से ले रहे हैं।
आगे की घटनाओं का प्रभाव केवल भारत और पाकिस्तान पर ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र पर पड़ेगा। सभी पार्टियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे युद्ध की ओर न बढ़ें, क्योंकि इससे व्यापक मानवता को खतरा होगा। ऐसे में भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
निष्कर्ष
इस पूरी स्थिति के पीछे कई जटिलताएँ और भू राजनीतिक हालात हैं। हमें टाइमलाइन पर नजर बनाए रखने के साथ-साथ भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद के हर पहलू पर ध्यान केंद्रित करना होगा। चाहे सीजफायर हो या भविष्य की संभावनाएँ, यह सब कुछ लगातार बदल रहा है।
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