पंचायत चुनाव: मुन्ना सिंह चौहान बनाम प्रीतम सिंह, क्या दोनों की होगी जीत!

Rajkumar Dhiman, Dehradun: दून जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव अब सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक मुकाबला नहीं रह गया, बल्कि यह सीधे-सीधे दो कद्दावर विधायकों की प्रतिष्ठा की जंग में बदल चुका है। अध्यक्ष पद पर भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी मधु चौहान मैदान में हैं, तो … The post पंचायत चुनाव: मुन्ना सिंह चौहान बनाम प्रीतम सिंह, क्या दोनों की होगी जीत! appeared first on Round The Watch.

Aug 13, 2025 - 18:39
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पंचायत चुनाव: मुन्ना सिंह चौहान बनाम प्रीतम सिंह, क्या दोनों की होगी जीत!
पंचायत चुनाव: मुन्ना सिंह चौहान बनाम प्रीतम सिंह, क्या दोनों की होगी जीत!

पंचायत चुनाव: मुन्ना सिंह चौहान बनाम प्रीतम सिंह, क्या दोनों की होगी जीत!

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Written by Priya Sharma, Suman Gupta, and Anjali Verma | Team haqiqatkyahai

राजकुमार धिमान, देहरादून: दून जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव अब राजनीतिक मैदान में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला बन गया है। इस चुनाव में भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी मधु चौहान एवं कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह के बेटे अभिषेक सिंह शामिल हैं। यह चुनाव अब केवल पार्टी के प्रति निष्ठा की नहीं, बल्कि इन कद्दावर नेताओं की व्यक्तिगत और पारिवारिक प्रतिष्ठा की भी परीक्षा बन चुका है।

प्रतिष्ठा का संग्राम

अध्यक्ष पद पर मधु चौहान की जीत विधायक मुन्ना सिंह चौहान के लिए एक राजनीतिक मजबूती का प्रमाण होगी। वहीं, उपाध्यक्ष पद पर अभिषेक सिंह की जीत प्रीतम सिंह के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। यह मुकाबला अब न सिर्फ पार्टी की, बल्कि परिवार और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। शुक्रवार, 14 अगस्त को मतदान के बाद यह तय होगा कि जिला पंचायत की कमान किसके हाथ में होगी।

धुर विरोधी, फिर भी एक ही पंचायत में!

दिलचस्प पहलू यह है कि मुन्ना सिंह चौहान और प्रीतम सिंह लंबे समय से एक-दूसरे के धुर राजनीतिक विरोधी माने जाते हैं। ऐसे में यदि दोनों के प्रत्याशी अपनी-अपनी कुर्सी जीत जाते हैं, तो जिला पंचायत के कामकाज में तालमेल कैसे बनेगा, यह बड़ा सवाल होगा। क्या विकास कार्यों में सहयोग की राह निकलेगी या फिर राजनीतिक मतभेद फैसलों पर भारी पड़ेंगे? यह चुनाव केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि शक्ति संतुलन में बदलाव का संकेत भी हो सकता है।

कांग्रेस और भाजपा के समीकरण

कांग्रेस का दावा है कि उनके पास पहले से ही बहुमत है। दूसरी ओर, भाजपा अपने समीकरणों को मजबूत करने में जुटी है। अध्यक्ष बनने के लिए 16 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। यह स्पष्ट रूप से इस बात का संकेत है कि दोनों पार्टियों को अपनी पूरी ताकत लगाने की आवश्यकता होगी। इस चुनाव के परिणाम ने केवल दून जिला में बल्कि पूरे क्षेत्र में राजनीतिक दिशा को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है।

14 अगस्त को होगा फैसला

उम्मीद है कि 14 अगस्त को मतदान के बाद यह तय होगा कि जिला पंचायत की कमान किसके हाथों में होगी और उपाध्यक्ष की कुर्सी पर कौन बैठेगा। इस चुनाव में जितने भी राजनीतिक पहलू हैं, वे सब एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। यह चुनाव मात्र वोटों की संख्या का नहीं, बल्कि लोगों के विश्वास और उम्मीदों का भी है।

अंत में, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मुन्ना सिंह चौहान अपनी पत्नी के माध्यम से भाजपा को जीत दिलाने में सफल होंगे, या प्रीतम सिंह का बेटा अभिषेक इस बार की बाजी जीतने में कामयाब रहेगा। क्या इस चुनाव से भाजपा और कांग्रेस के बीच की पुरानी दुश्मनी समाप्त होगी? यह प्रशन दोनों पार्टियों और उनके समर्थकों के लिए जोश और उत्सुकता का विषय है।

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