वीडियो: गैरसैंण पर आग-बबूला हुए हाई कोर्ट के जस्टिस थपलियाल, कहा उत्तराखंड की पब्लिक क्या बेवकूफ है…

Amit Bhatt, Dehradun: नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राकेश थपलियाल की कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग की एक फुटेज सामने आई है। जिसमें वह राजधानी गैरसैंण के मुद्दे पर बेहद तल्ख नजर आ रहे हैं। वह कड़ी टिप्पणी करते हुए सवाल कर रहे हैं कि उत्तराखंड की पब्लिक क्या बेवकूफ है? चुनाव जीतने के लिए … The post वीडियो: गैरसैंण पर आग-बबूला हुए हाई कोर्ट के जस्टिस थपलियाल, कहा उत्तराखंड की पब्लिक क्या बेवकूफ है… appeared first on Round The Watch.

Jul 20, 2025 - 00:39
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वीडियो: गैरसैंण पर आग-बबूला हुए हाई कोर्ट के जस्टिस थपलियाल, कहा उत्तराखंड की पब्लिक क्या बेवकूफ है…
वीडियो: गैरसैंण पर आग-बबूला हुए हाई कोर्ट के जस्टिस थपलियाल, कहा उत्तराखंड की पब्लिक क्या बेवकूफ है…

वीडियो: गैरसैंण पर आग-बबूला हुए हाई कोर्ट के जस्टिस थपलियाल, कहा उत्तराखंड की पब्लिक क्या बेवकूफ है…

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Amit Bhatt, Dehradun: नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राकेश थपलियाल की कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग की एक फुटेज सामने आई है। इस फुटेज में जस्टिस थपलियाल राजधानी गैरसैंण के मुद्दे पर बेहद तल्ख नजर आ रहे हैं। उन्होंने कड़ी टिप्पणी करते हुए सवाल किया, "उत्तराखंड की पब्लिक क्या बेवकूफ है?" यह गंभीर प्रश्न उस संदर्भ में उठाया गया है, जब राजनीति चुनावी लाभ उठाने के लिए गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने का वादा कर रही है।

गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने का मुद्दा

जस्टिस थपलियाल ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए राजनेता लोगों को स्थाई राजधानी का झुनझुना थमाते हैं और फिर सो जाते हैं। यह टिप्पणी उन्होंने कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बयान पर की, जिसमें रावत ने कहा था कि यदि वर्ष 2027 में जनता उन्हें सत्ता में लाती है, तो वह गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थाई राजधानी घोषित कर देंगे।

उज्जवल भविष्य के लिए स्थाई राजधानी का महत्व

जस्टिस थपलियाल ने राजधानी गैरसैंण के विकास और वहां की 08 हजार करोड़ की संपत्ति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वहां सभी आवश्यक व्यवस्थाएं हैं, परंतु राजनेताओं की निष्क्रियता के कारण यह मुद्दा आगे नहीं बढ़ रहा है। उन्होंने सवाल किया, "जब हरीश रावत सत्ता में थे, तो उन्होंने गैरसैंण को स्थाई राजधानी क्यों नहीं घोषित किया?"

राजनीतिक वादा और उसकी वास्तविकता

हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि यदि गैरसैंण को प्रारंभ से ही हिल कैपिटल माना गया होता, तो उत्तराखंड का विकास एक अलग दिशा में होता। गांव-गांव में अस्पताल, स्कूल, बिजली जैसी सुविधाएं होतीं, लेकिन विकास का सारा फोकस देहरादून पर ही रहा है।

संपादकीय टिप्पणी

जस्टिस थपलियाल की तल्खी महज कुछ शब्द नहीं हैं, बल्कि यह राजनीतिक दलों के ओछे वादों पर करारा प्रहार है। उनकी बातें न केवल राजनीतिक चेतना को जगाने का कार्य करती हैं, बल्कि जनता की अंदर की बेचैनी को भी उजागर करती हैं। आशा है कि यह मुद्दा राजनीतिक दलों को गंभीरता से लेने पर मजबूर करेगा और लोग भी अपने अधिकारों के प्रति सजग रहेंगे।

राजनीतिक वादों के बीच यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि जनता की आवाज़ सुनाई दे, और न्यायपालिका की यह आवाज़ उस दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकती है।

इस मुद्दे से संबंधित अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहाँ जाएं: हकीकत क्या है.

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