कर्मठ कर्नल कोठियाल सरकार से नहीं लेंगे 24 लाख की सुविधाएं, सैनिक सलाहकार परिषद का निशुल्क निभाएंगे दायित्व
Amit Bhatt, Dehradun: एक सैनिक के लिए खुद और खुद के परिवार से पहले देश होता है। कर्मठता और कर्त्तव्यपरायणता की मिसाल बन चुके कर्नल अजय कोठियाल (रिटा.) इस पैमाने पर पूरी तरह फिट बैठते हैं। 28 वर्ष तक सेना में रहते हुए देश की सेवा करने के बाद जब उन्होंने वर्ष 2018 में स्वैच्छिक … The post कर्मठ कर्नल कोठियाल सरकार से नहीं लेंगे 24 लाख की सुविधाएं, सैनिक सलाहकार परिषद का निशुल्क निभाएंगे दायित्व appeared first on Round The Watch.

कर्मठ कर्नल कोठियाल सरकार से नहीं लेंगे 24 लाख की सुविधाएं, सैनिक सलाहकार परिषद का निशुल्क निभाएंगे दायित्व
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Written by Priya Sharma, Anjali Verma, and Neha Singh, Team haqiqatkyahai.
एक नई मिसाल कायम करते हुए कर्नल कोठियाल का अद्वितीय निर्णय
देहरादून: भारतीय सेना में 28 वर्षों तक सेवा देने के बाद retired Colonel Ajay Kothiyal ने एक सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने उत्तराखंड राज्य पूर्व सैनिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद सरकार से मिलने वाली 24 लाख रुपये की वित्तीय सुविधाओं का परित्याग करने का निर्णय लिया है। यह कदम न केवल उनकी कर्तव्यपरायणता को दर्शाता है, बल्कि यह भी एक प्रेरणा है कि कैसे देश की सेवा सर्वोपरि होती है।
समाज के प्रति जिम्मेदारी
कर्नल कोठियाल का मानना है कि एक सैनिक के लिए अपना देश और समाज सबसे पहले आता है। 2018 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद, उन्होंने अपने प्रदेश उत्तराखंड के युवाओं को सेना में भर्ती करने की दिशा में सक्रियता दिखाई। उनके यूथ फाउंडेशन के माध्यम से, वह युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए तैयार कर रहे हैं।
सरकारी सुविधाओं का परित्याग
कर्नल कोठियाल ने इस बात की पुष्टि की है कि वे सरकार से मिलने वाली कई सुविधाओं को नहीं लेंगे, जो कि अगले तीन वर्षों में 24 लाख रुपये के अनुमानित मूल्य की हैं। उन्होंने सैनिक कल्याण निदेशालय को लिखा एक पत्र जिसमें उन्होंने अपने अनुभवों का विवरण भी दिया है और यह कहा है कि पूर्व सैनिकों की क्षमता का सही उपयोग समाज के लिए लाभकारी हो सकता है।
सुविधाओं का विवरण और व्यक्तिगत निर्णय
कर्नल के परित्याग की गई सुविधाओं में शामिल हैं:
- वाहन भत्ता: 80,000 रुपये
- आवास/कार्यालय: 25,000 रुपये
- टेलीफोन/मोबाइल: 2,000 रुपये
- स्टाफ भत्ता: 27,000 रुपये
- महानुभाव का मानदेय: 45,000 रुपये
- महानुभाव का यात्रा भत्ता: 40,000 रुपये
इस प्रकार, कुल मिलाकर वह प्रति माह 2.19 लाख रुपये की राशि का परित्याग कर रहे हैं।
पूर्व सैनिकों के कल्याण का लक्ष्य
कर्नल कोठियाल ने कहा है कि उनके कार्यों का प्राथमिक उद्देश्य पूर्व सैनिकों की भलाई में योगदान देना है। उन्होंने यह भी कहा कि वे परिषद के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता स्वयं जुटाने को तैयार हैं, ताकि परिषद के कार्य प्रभावी ढंग से संचालित हो सकें। उनकी दृढ़ भावना से यह स्पष्ट है कि उन्होंने आजीविका से ऊपर देश की सेवा और समाज की भलाई को प्राथमिकता दी है।
निष्कर्ष
कर्नल अजय कोठियाल का यह कदम न केवल एक प्रेरणा है बल्कि यह भी प्रदर्शित करता है कि कैसे एक सैनिक अपने कर्तव्यों को निभाते हुए समाज की सेवा कर सकता है। यह मिसाल युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगी कि वे देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें और व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठ कर समाज की भलाई के लिए काम करें। कर्नल कोठियाल की इस अनूठी सोच के लिए हम उन्हें सलाम करते हैं।
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