नये आर्थिक सूरज बनने के सुखद एवं गौरवपूर्ण पल
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने रविवार की सुबह नये उगते सूरज के साथ भारत के नये आर्थिक सूरज बनने की सुखद एवं आह्लादकारी खबर दी। उन्होंने बताया कि भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब अगले ढाई से तीन वर्षों में जर्मनी को हटाकर तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकडों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी बन चुके भारत ने अनेक नवीन संभावनाओं एवं उपलब्धियों को पंख लगाये हैं। निश्चित ही भारत आर्थिक क्षेत्र के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में एक महाशक्ति बन कर उभर रहा है, जो हर भारतीय के लिये गर्व एवं गौरव की बात है।सुब्रह्मण्यम ने कहा, केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जर्मनी ही हमसे बड़े हैं और जो योजना बनाई जा रही है, अगर हम उसी पर टिके रहते हैं, अपनी योजनाओं एवं नीतियों को आगे बढ़ाते है तो भारत शीघ्र ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अप्रैल 2025 में कहा था कि 2025 में भारत की नॉमिनल जीडीपी बढ़कर 4,187.017 अरब डॉलर हो जाएगी। वहीं, जापान की जीडीपी का आकार 4,186.431 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार, आने वाले वर्षों में भारत जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन सकता है। 2027 तक भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर सकती है और इस दौरान जीडीपी का आकार 5,069.47 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। वहीं, 2028 तक भारत की जीडीपी का आकार 5,584.476 अरब डॉलर होगा, जबकि इस दौरान जर्मनी की जीडीपी का आकार 5,251.928 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। आईएमएफ के मुताबिक, 2025 में अमेरिका 30,507.217 अरब डॉलर के आकार के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वहीं, चीन 19,231.705 अरब डॉलर के साथ दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।इसे भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती रुपए की ताकत एवं भारत में बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडारभारत का चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से विश्व स्तर पर कई महत्वपूर्ण प्रभावों में बढ़ोतरी होगी। भारत का अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे जी 20 और आईएमएफ में प्रभाव बढ़ेगा। भारत में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) में और वृद्धि होगी, क्योंकि ग्लोबल कंपनियां भारत को एक आकर्षक बाजार के रूप में देख रही हैं। इससे भारत और जापान के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी, जैसे चंद्रयान-5 और सैन्य सहयोग, भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। भारत इस उपलब्धि के बाद ग्लोबल इकोनॉमिक लीडरशिप की दिशा में और करीब आ गया है। भारत अगर 2028 तक जर्मनी को पीछे छोड़ देता है तो लीडरशिप और मजबूत होगी। भारत विश्वगुरु बनने एवं विश्व नेतृत्व करने में सक्षम होगा। भारत ने जापान को पछाड़ कर जो छलांग लगायी है, इसके पीछे जापान की अर्थव्यवस्था के सामने कई चुनौतियों रही है। आईएमएफ के अनुमान के अनुसार, 2025 में जापान की जीडीपी ग्रोथ रेट केवल 0.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो भारत की 6.5 प्रतिशत की तुलना में बहुत कम है। जापान की उम्रदराज आबादी और लो बर्थ रेट ने लेबर फोर्स को सीमित कर दिया है। अमेरिका और अन्य देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ और व्यापार नीतियों ने जापान की निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। जापान की अर्थव्यवस्था कई दशकों से स्थिरता के लिए संघर्ष कर रही है, जिसके कारण वह भारत जैसे तेजी से बढ़ते देशों से पिछड़ गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने यह भी कहा कि भारत की विकास दर 2025 में 6.2 प्रतिशत और 2026 में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि बाकी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में ज्यादा है। इससे स्पष्ट है कि भारत अब सिर्फ जनसंख्या में ही नहीं, अर्थव्यवस्था के मामले में भी दुनिया में सबसे आगे निकलने की रेस में है। ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ने से ये विकास दर बनी रहेगी। हालांकि, ग्लोबल अनिश्चितता और ट्रेड टेंशन की वजह से इसमें थोड़ा असर पड़ सकता है।सशक्त एवं विकसित भारत निर्मित करने, उसे दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनाने और अर्थव्यवस्था की सुनहरी तस्वीर निर्मित करने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निरन्तर प्रयास कर रहे हैं। मोदी सरकार ने देश के आर्थिक भविष्य को सुधारने पर ध्यान दिया, उनके अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। मोदी सरकार की नियोजित एवं दूरगामी सोच का ही परिणाम है रिजर्व बैंक के पास सोने के भंडार में लगातार वृद्धि हो रही है। भारत में आर्थिक गतिविधियां नये शिखरों पर सवार है, क्योंकि भारत में डीमैट खाते 19 करोड़ के पार पहुंच चुके हैं। देश के कुल डीमैट खाते अब अन्य देशों की तुलना में नौवें स्थान पर हैं, जिसका मतलब है डीमैट खाते रूस, जापान, इथियोपिया, मैक्सिको जैसे देशों की आबादी से अधिक और बांग्लादेश की आबादी के करीब है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जिसमें 1,40,000 से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप और हर 20 दिन में एक यूनिकॉर्न उभरता है। यूनिकॉर्न उन स्टार्टअप को कहा जाता है, जिनका मूल्यांकन एक अरब डॉलर हो जाता है। इन आर्थिक उजले आंकड़ों में जहां मोदी के विजन ‘हर हाथ को काम’ का संकल्प साकार होता हुआ दिखाई दे रहा है, वहीं ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से उजागर हो रहा है। दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर भारत ने जापान को पीछे छोड़ चौथी अर्थ-व्यवस्था बन गयी है। भारत ने अनेक आर्थिक क्षेत्रों में नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। लेकिन भारत के सामने चुनौतियां भी नयी-नयी शक्लों में उभर रही है। नयी आर्थिक उपलब्धियों एवं फिजाओं के बीच धनाढ्य परिवारों का भारत से पलायन कर विदेशों में बसने का सिलसिला चिन्ताजनक है। पलायनवादी सोच के कगार पर खड़े राष्ट्र को बचाने के लिए र

नये आर्थिक सूरज बनने के सुखद एवं गौरवपूर्ण पल
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - haqiqatkyahai
भारत, एक बार फिर से वैश्विक आर्थिक मंच पर चमकने के लिए तैयार है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने रविवार की सुबह एक नई सुबह की किरण के साथ, यह ख़ुशख़बरी दी कि भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह सफलता भारत के लिए एक गर्व का क्षण है, जिसने कई अनेकों चनौतियों का सामना करते हुए, एक नई दिशा में कदम बढ़ाने का साहस दिखाया है।
भारत की आर्थिक वृद्धि: एक नई दिशा
देश की चार ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के साथ, भारत ने अनेक अवसरों को अपने हाथ में लिया है। सुब्रह्मण्यम ने बताया कि यदि हम अपनी योजनाओं और नीतियों पर स्थिर रहते हैं, तो अगले ढाई से तीन वर्षों में हम जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुँच सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में भारत की नॉमिनल जीडीपी 4,187.017 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
जापान की जीडीपी 4,186.431 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। भारत की यह उपलब्धि किसी भी भारतीय के लिए गर्व का विषय है, जिसने समय के साथ दुनिया के आर्थिक नक्शे में अपनी पहचान बनाई है।
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का बढ़ता प्रभाव
भारत का चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे G20 और IMF में भारत के प्रभाव को भी बढ़ाएगा। विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि हो रही है, क्योंकि वैश्विक कंपनियाँ भारत को एक आकर्षक बाजार मान रही हैं। इससे भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारियों में मजबूती आएगी और इस तरह वैश्विक आर्थिक नेतृत्व की दिशा में भारत एक कदम और करीब पहुँच जाएगा।
आर्थिक चुनौतियाँ और संभावनाएँ
हालाँकि, भारत के समक्ष कुछ चुनौतियाँ भी हैं। एक ओर जहाँ भारत तेजी से बढ़ता हुआ देश है, वहीं दूसरी ओर पहले से अनुभवी देशों जैसे जापान की समस्याएँ भी सामने हैं। जापान की वृद्ध होती जनसंख्या और कम जन्म दर ने उसे भारत की तुलना में पीछे छोड़ दिया है। दूसरी ओर, भारत की विकास दर 2025 में 6.2 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत एक सशक्त एवं विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। 'हर हाथ को काम' का विज़न और 'सबका साथ, सबका विकास' की सोच, भारत को एक नई ऊँचाई पर ले जा रही है।
भविष्य की दिशा
हालांकि, भारत के समक्ष न केवल अवसर हैं, बल्कि चुनौतियाँ भी हैं। धनाढ्य परिवारों का पलायन करने का बढ़ता ट्रेंड चिंताजनक है। इसे ठीक करने के लिए नीतिगत निर्णय और सशक्त कदम उठाने की आवश्यकता है। भारत का हर व्यक्ति, चाहे वह कितना भी समृद्ध क्यों न हो, उसे अपने देश के प्रति जिम्मेदारी निभाने की ज़रूरत है।
लेखक एवं पत्रकार ललित गर्ग का कहना है कि भारत एक बार फिर समृद्धि की ओर बढ़ रहा है और यह समय है कि हम अपनी आर्थिक नीतियों को और अधिक स्पष्टता और निश्चितता से लागू करें। यह जरूरी है कि हम हर भारतीय के सपनों को संजोए और उन्हें साकार करें।
संक्षेप में, भारत का आर्थिक प्रदर्शन एक सुनहरी तस्वीर पेश करता है, जहाँ हमे अपनी ताकत और कमजोरियों के आधार पर आगे बढ़ना है। एक समृद्ध भारत, एक शक्तिशाली भारत की ओर ये नये क्षितिज का निर्माण हमें करना होगा।
इस नए आर्थिक सूरज के साथ, भारत ने एक नई दिशा दर्शाई है, जो वैश्विक विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
For more updates, visit haqiqatkyahai.com
Keywords:
new economic sunrise, India's GDP, global economy, fourth largest economy, BVR Subrahmanyam, IMF projections, economic growth, foreign direct investment, strategic partnerships, Modi government policiesWhat's Your Reaction?






