ट्रांसजेंडर्स को लेकर अमेरिकी सेना का बड़ा फैसला, ट्रंप के फरमान पर लगाई मुहर

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा बल में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के कुछ दिनों बाद, अमेरिकी सेना ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को आधिकारिक तौर पर पुष्टि की कि वह अब ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं देगी। अमेरिकी सेना ने यह भी कहा कि वह सेवा सदस्यों के लिए लिंग-पुष्टि देखभाल प्रदान करना बंद कर देगी। एक पोस्ट में कहा गया कि अमेरिकी सेना अब ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं देगी और सेवा सदस्यों के लिए लिंग परिवर्तन से जुड़ी प्रक्रियाओं को निष्पादित करना या सुविधा देना बंद कर देगी। इसे भी पढ़ें: 'बेहद शर्मनाक और मानवता के लिए कलंक', अमेरिका से वापिस आए भारतीयों को देखकर फूटा उमा भारती का गुस्सायह घोषणा ट्रंप द्वारा 27 जनवरी को आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद आई, जिसमें कहा गया था कि लिंग पहचान व्यक्त करना जो किसी व्यक्ति के यौन संघर्षों के साथ असंगत है" सैन्य सेवा के लिए आवश्यक कठोर मानकों को पूरा नहीं कर सकता है। सीबीएस न्यूज के अनुसार, आदेश में पेंटागन को 30 दिनों के भीतर ट्रांसजेंडर सेवा सदस्यों के लिए एक नीति निर्धारित करने का निर्देश दिया गया। अमेरिकी सेना ने कहा कि तत्काल प्रभाव से, लिंग डिस्फोरिया के इतिहास वाले व्यक्तियों के लिए सभी नए प्रवेश रोक दिए जाते हैं, और सेवा सदस्यों के लिए लिंग परिवर्तन की पुष्टि या सुविधा से जुड़ी सभी अनिर्धारित, अनुसूचित या नियोजित चिकित्सा प्रक्रियाओं को रोक दिया जाता है। इसे भी पढ़ें: आलोचकों को शशि थरूर ने दिया जवाब, बोले- केवल पार्टी हितों के संदर्भ में बात नहीं कर सकतेजेंडर डिस्फोरिया एक परेशानी की भावना है जो किसी व्यक्ति के जैविक लिंग और उनकी लिंग पहचान के बीच बेमेल होने के कारण उत्पन्न होती है। अमेरिकी सेना ने यह भी कहा कि लैंगिक डिस्फोरिया से पीड़ित व्यक्तियों ने स्वेच्छा से हमारे देश की सेवा की है और उनके साथ गरिमा और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाएगा। यह घोषणा तब हुई जब ट्रम्प ने अपने पुन: चुनाव अभियान में एक प्रमुख वादा जागृत संस्कृति पर कार्रवाई शुरू करने का वादा किया। वोक नस्लीय और सामाजिक न्याय पर ध्यान केंद्रित करने वालों के लिए एक शब्द है, लेकिन इसका उपयोग रूढ़िवादियों द्वारा प्रगतिशील नीतियों का अपमान करने के लिए किया जाता है।

Feb 15, 2025 - 19:39
 125  501.8k
ट्रांसजेंडर्स को लेकर अमेरिकी सेना का बड़ा फैसला, ट्रंप के फरमान पर लगाई मुहर
ट्रांसजेंडर्स को लेकर अमेरिकी सेना का बड़ा फैसला, ट्रंप के फरमान पर लगाई मुहर

ट्रांसजेंडर्स को लेकर अमेरिकी सेना का बड़ा फैसला, ट्रंप के फरमान पर लगाई मुहर

Haqiqat Kya Hai

लेखिका: सिया शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

हाल ही में अमेरिकी सेना ने ट्रांसजेंडर सैनिकों के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जैसा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय पर किए गए एक अधिसूचना को मान्यता दी गई है, इस फैसले ने न केवल सेना के भीतर बल्कि पूरे देश के अंदर एक नई बहस को जन्म दिया है। यह लेख आपको इस फैसले की बारीकियों और इसके प्रभावों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।

फैसले की पृष्ठभूमि

डोनाल्ड ट्रंप ने 2017 में एक ट्वीट के माध्यम से यह ऐलान किया था कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को अमेरिकी सेना में सेवा करने की अनुमति नहीं होगी। इसके बाद, कई कानूनी मामलों और जन आंदोलन को देखने के बाद, अब बाइडन प्रशासन ने इस मुद्दे को पुनः चर्चा में लाया है। अमेरिकी सेना ने ट्रंप के फरमान पर मुहर लगाते हुए अपने नियमों में कुछ बदलाव करने का निर्णय लिया है।

फैसले का सामूहिक प्रभाव

इस फैसले का प्रभाव अमेरिकी सेना में सेवा कर रहे ट्रांसजेंडर व्यक्तियों पर गहरा पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय उन्हें समय की दृष्टि से पीछे खींच सकता है। सेना में सेवा का मतलब है कि वे अपने देश की रक्षा कर रहे हैं, और ऐसे में उनके अधिकारों का सम्मान होना चाहिए। हालिया सर्वेक्षणों के अनुसार, अमेरिकी जनता का अधिकांश हिस्सा ट्रांसजेंडर सैनिकों के लिए सेवा में खुला दरवाजा चाहता है।

समीक्षा और प्रतिक्रिया

विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने इस निर्णय की निंदा की है और इसे ‘डिस्क्रिमिनेशन’ के रूप में देखा है। इन संगठनों के अनुसार, यह फैसला राष्ट्रपति बाइडन के समावेशी दृष्टिकोण के विपरीत है। इसके अलावा, कुछ सैन्य अधिकारियों ने भी इसे अनुचित बताया है, यह कहते हुए कि यह सेना की तैयारियों और स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

भविष्य की संभावनाएँ

इस फैसले के आगे क्या होगा, यह अभी देखना बाकी है। विशेषज्ञ यह मानते हैं कि भविष्य में इस विषय पर और कानूनी लड़ाइयाँ होंगी। यह भी संभावना है कि राजनीतिक गतिविधियों के चलते सेना के भीतर यातायात को फिर से मजबूत किया जाएगा।

निष्कर्ष

अमेरिकी सेना का ट्रांसजेंडर सैनिकों के संबंध में उठाया गया यह कदम, बहस और विचार विमर्श का एक हिस्सा है। हालाँकि कुछ लोग इस फैसले का समर्थन करते हैं, वहीं अन्य इसे असंगति मानते हैं। सही मायनों में, इस विषय पर बात करना और अधिकारों का सम्मान करना, लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा है। इसका प्रभाव न सिर्फ अमेरिका में, बल्कि पूरे विश्व में देखने को मिलेगा।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया haqiqatkyahai.com पर जाएं।

Keywords

transgender, US army decision, Trump order, civil rights, military policy, human rights activism, Biden administration, discrimination, public opinion, military service

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow