ट्रंप की प्रतीक्षा, द्विपक्षीय क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा, ट्रेड डील पर भारत-अमेरिका में कैसे बन गई बात?
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत आए तो उनकी मुलाकात की तस्वीर पीएम मोदी के साथ जमकर शेयर की गई। पूरे भारत में जेडी वेंस और उनके परिवार की चर्चाएं रही। बच्चें सबसे बड़ी हाईलैंट रहें। लेकिन इन सब के बीच भारत और अमेरिका के बीच हुई एक और मुलाकात की नई तस्वीर भी सामने आई है। दोनों देशों ने व्यापार समझौते को लेकर सहमति जता दी है। व्यापार को लेकर दोनों देशों के बीच हुई बात काफी महत्वपूर्ण थी। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात और दोनों नेताओं ने भारत अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते को और तेज करने की बात कही इसका जिक्र इस मुलाकात में आया। बातचीत के दौरान उन्होंने कुछ शर्तों को अंतिम रूप देने की औपचारिक घोषणा भी कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी भी दी है। इसे भी पढ़ें: JD Vance India visit: PM मोदी और जेडी वेंस के बीच हुई मुलाकात, दोनों के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई, परिवार संग दिल्ली से जयपुर के लिए रवाना हुएप्रधानमंत्री मोदी और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने विभिन्न क्षेत्रों के द्विपक्षीय क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की। दोनों शीर्ष नेताओं ने इस बैठक में भारत-अमेरिका कारोवारी समझौते पर हुई प्रगति का स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर पहुंचकर उपराष्ट्रपति के साथ उषा वेंस और उनके साथ साथ उनके बच्चे प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंचे थे और इसी दौरान ट्रंप प्रशासन द्वारा लिए गए फैसले और टैरिफ को लेकर भी बातचीत हुई। दरअसल, ट्रंप प्रशासन के टैरिफ से बचने के लिए भारत को 90 दिनों के अंदर अमेरिका से यह समझौता करना है, जिस पर अंतिम चरण की बाकची बुधवार से अमेरिका में शुरू होने की उम्मीद है। मोदी और वेन्स मुलाकात में ऊर्जा, रक्षा, सामरिक तकनीक में सहयोग बढ़ाने की दिशा में जारी प्रयासों पर भी चर्चा हुई। द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भी शुभकामनाएं दीं और कहा कि हम इस वर्ष के अंत में उनकी भारत यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।इसे भी पढ़ें: भारत में कदम रखने से पहले बड़ा खेल कर गए अमेरिकी उप राष्ट्रपति, फिर छिड़क दिया कट्टरपंथियों के जख्मों पर नमकमोदी ने फरवरी में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हुई सकारात्मक चर्चा पर भी बात की, जिसमें 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' और 'विकसित भारत 2047' पर सहयोग का रोडमैप तैयार किया गया था। भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय कारोवार को 500 अरव डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दिनों अमेरिकी दौरे पर है। सोमवार को सैन फ्रैंसिस्को में भारतवंशियों से मुलाकात में निर्मला ने कहा कि मोदी सरकार 2047 तक देश को विकसित बनाने पर पूरा ध्यान दे रही है। इसे भी पढ़ें: Vance in India: JD Vance पहुंचे भारत, अश्विनी वैष्णव ने किया स्वागत, दिया गया औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनरअमेरिकी राष्ट्रपति के शुल्क विवाद ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं को जन्म दे दिया है। जवाबी शुल्क की घोषणा के कुछ दिनों बाद ट्रंप ने चीन को छोड़कर सभी देशों के लिए शुल्क पर 90 दिनों की रोक की घोषणा की। अमेरिका, भारत पर अधिक अमेरिकी तेल, गैस और सैन्य उपकरण खरीदने के लिए दबाव डाल रहा है, ताकि व्यापार घाटे को कम किया जा सके, जो भारत के पक्ष में लगभग 45 अरब अमेरिकी डॉलर है। वर्ष 2023 में वस्तुओं और सेवाओं में कुल द्विपक्षीय व्यापार 190 अरब अमरीकी डॉलर के साथ अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। वित्त वर्ष 2023-24 में, अमेरिका 4.99 अरब अमरीकी डॉलर के प्रवाह के साथ भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत था।

ट्रंप की प्रतीक्षा, द्विपक्षीय क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा, ट्रेड डील पर भारत-अमेरिका में कैसे बन गई बात?
Haqiqat Kya Hai - यह समाचार लेख भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों की आगे बढ़ती स्थिति पर केंद्रित है। लेख को तैयार किया है टीम नेटानगारी की लेखिकाएँ, जैसे कि साक्षी वर्मा और प्रिया मित्तल।
परिचय
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल इस क्षेत्र में कई तरह के बदलाव लेकर आया। इस लेख में हम जानेंगे कि भारत और अमेरिका की द्विपक्षीय व्यापार चर्चा कैसे प्रगति कर रही है और इसमें ट्रंप की भूमिका क्या रही है।
द्विपक्षीय व्यापार संबंधों का इतिहास
भारत और अमेरिका के व्यापार की शुरुआत 1947 में हुई थी, जब भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की। तब से दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ता गया है। ट्रंप के कार्यकाल में, खासतौर पर 2016 के बाद, व्यापार संबंधों में दुरुस्ती का प्रयास किया गया, जिससे दोनों देशों के लिए लाभकारी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकीं।
प्रमुख द्विपक्षीय क्षेत्रों में प्रगति
ट्रंप प्रशासन के दौरान कुछ प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति हुई, जो निम्नलिखित हैं:
- सुरक्षा सहयोग: अमेरिका ने भारत को सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग करने की पेशकश की, जिससे सामरिक परिप्रेक्ष्य में मजबूती आई।
- व्यापार समझौते: दोनों देशों के बीच कई व्यापार समझौतों पर चर्चा की गई, जिनमें कृषि, फार्मास्यूटिकल्स और टेक्नोलॉजी शामिल हैं।
- द्विपक्षीय संवाद: ट्रंप ने भारतीय नेताओं के साथ लगातार बातचीत की, जिससे आपसी विश्वास और समझ को बढ़ावा मिला।
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर स्थिति
अमेरिका ने कई बार कहा है कि वह भारतीय उत्पादों के लिए अपने बाजारों को अधिकतम खोलने के लिए तैयार है। ट्रंप के कार्यकाल के दौरान कारोबारी समूहों के बीच चर्चा ने अद्भुत गति प्राप्त की। विशेषकर भारतीय वस्त्र और धातु उत्पादों को अमेरिका में अधिक स्वीकृति मिली।
आगे की संभावनाएँ
बाइडेन प्रशासन के आने के बाद भी, भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कई संभावनाएँ बनी हुई हैं। दोनों देशों के व्यापारिक नेता अब भी चर्चा में हैं और नई व्यापार डील पर काम कर रहे हैं।
निष्कर्ष
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध विकसित होने की संभावनाएँ अधिक हैं। ट्रंप का कार्यकाल इस दिशा में महत्वपूर्ण रहा, और इसके परिणामस्वरूप बहुत सारी सकारात्मक बातें सामने आईं। इन द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों की समीक्षा और विकास निरंतर और महत्वाकांक्षी रहेगा। भविष्य में, नई सरकारी नीतियां इन संबंधों को और अधिक सशक्त कर सकती हैं। इसके लिए दोनों देशों को एक-दूसरे के साथ सामंजस्यपूर्ण बातचीत जारी रखनी होगी।
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