गैरसैंण सत्र: बड़े अफसरों के लिए लग्जरी इंतजाम, महिला कार्मिक सड़क व गाड़ियों में गुजार रहे रातें
Round The Watch Desk, Dehradun: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में हो रहे विधानसभा सत्र ने एक बार फिर सरकार की “दोहरी व्यवस्था” को उजागर कर दिया है। जहां बड़े अधिकारी और जनप्रतिनिधि आलीशान कक्षों और तमाम सुख-सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं, वहीं सचिवालय सेवा संवर्ग के नोडल अधिकारी, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल … The post गैरसैंण सत्र: बड़े अफसरों के लिए लग्जरी इंतजाम, महिला कार्मिक सड़क व गाड़ियों में गुजार रहे रातें appeared first on Round The Watch.

गैरसैंण सत्र: बड़े अफसरों के लिए लग्जरी इंतजाम, महिला कार्मिक सड़क व गाड़ियों में गुजार रहे रातें
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Round The Watch Desk, Dehradun: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में हो रहे विधानसभा सत्र ने एक बार फिर सरकार की “दोहरी व्यवस्था” को उजागर कर दिया है। जहां बड़े अधिकारी और जनप्रतिनिधि आलीशान कक्षों और तमाम सुख-सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं, वहीं सचिवालय सेवा संवर्ग के नोडल अधिकारी, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं, ठहरने की जगह तक से वंचित हैं।
बड़े अफसरों के लिए भव्य इंतज़ाम
गैरसैंण विधानसभा सत्र में प्रमुख नेताओं और उच्च रैंक के अधिकारियों के लिए विशेष रूप से भव्य इंतजाम किए गए हैं। उनके लिए उच्च गुणवत्ता के कक्ष, खाना और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। राज्य सरकार ने ये सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संसाधन व्यय किए हैं, जिससे अधिकारियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इससे स्पष्ट होता है कि शासन के लिए बड़े अधिकारियों की प्राथमिकता है।
महिला कर्मचारियों की अवहेलना
वहीं दूसरी ओर, सचिवालय सेवा के नोडल अधिकारी और विशेषकर महिला कर्मियों को ठहरने की उचित व्यवस्था नहीं मिल पाई है। अनेक महिला कर्मचारी सड़क किनारे या गाड़ियों में रात बिताने को मजबूर हो रही हैं, जो की उनकी गरिमा के खिलाफ है। पूर्व अध्यक्ष सचिवालय संघ दीपक जोशी ने सरकारी व्यवस्था की आलोचना करते हुए इसे “शर्मनाक और अमानवीय” करार दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह स्थिति शासन की संवेदनहीनता और भेदभाव का प्रतीक है। उनके अनुसार, महिलाओं के लिए ऐसी स्थितियों में काम करना अनैतिक है और यह न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि उनके मान-सम्मान को भी ठेस पहुंचाता है।
सरकार से मांग
जोशी ने मुख्य सचिव, सचिव सचिवालय प्रशासन, और विधानसभा सचिव से अपील की है कि इस असमानता को खत्म करने के लिए उचित कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के लिए पांच सितारा स्तर की सुविधाएं और निचले स्तर के अधिकारियों और महिलाओं के लिए बेसिक सुविधाएं भी न होना, एक सामाजिक गलती है।
निष्कर्ष
सरकार को चाहिए कि वह इस दोहरे मापदंड को समझे और निचले अधिकारियों तथा महिला कर्मचारियों के लिए सम्मानजनक आवास की व्यवस्था करे। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो इससे न केवल कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होगी, बल्कि यह शासन से आम जनता का विश्वास भी खो सकता है।
हम आपको इस मुद्दे पर आगे की जानकारी देते रहेंगे। इस स्थिति की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता है ताकि सभी कर्मचारियों के मान और गरिमा का ख्याल रखा जा सके। अधिक अपडेट के लिए, विजिट करें haqiqatkyahai.com.
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