खामनेई संग मीटिंग कर रहे थे मोहम्मद बिन सलमान के भाई, तभी आया सऊदी किंग का ईरान के लिए चेतावनी वाला संदेशा
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के छोटे भाई सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान को अपने पिता किंग सलमान का एक संदेश मिला था, जिसे उन्होंने तेहरान में बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान ईरानी नेतृत्व को दिया। रोम में होने वाली अमेरिका-ईरान वार्ता से दो दिन पहले प्रिंस खालिद पिछले महीने तेहरान पहुंचे थे, जो दशकों में उनकी सबसे बड़ी यात्रा थी। इसके बाद उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई और राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से मुलाकात की थी। सऊदी अरब के 89 वर्षीय राजा सलमान बिन अब्दुलअजीज ने अपने बेटे प्रिंस खालिद को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के लिए चेतावनी का संदेशा भेजा था। प्रिंस खालिद ने नेतृत्व को सूचित किया कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के परमाणु समझौते पर बातचीत करने के प्रस्ताव को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इससे इजरायल के साथ युद्ध का जोखिम टल जाएगा।इसे भी पढ़ें: मौत को मात देने वाला हमास चीफ खल्लास, इजरायल ने कैसे किया खत्मईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन, सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने प्रिंस खालिद के साथ बंद कमरे में हुई बैठक में भाग लिया। सऊदी रक्षा मंत्री ने तर्क दिया कि गाजा और लेबनान पर इजरायल के हमले से त्रस्त यह क्षेत्र तनाव में और वृद्धि को बर्दाश्त नहीं कर सकता। इससे पहले, शाही दरबार के करीबी सऊदी विश्लेषक अली अल-शिहाबी के हवाले से रिपोर्ट आई थी कि सऊदी ने तेहरान को संदेश भेजा है कि वह ईरान पर हमले के लिए किसी भी तरह का माध्यम नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रिंस खालिद ने नेतृत्व को सूचित किया कि सऊदी ने कूटनीतिक समाधान खोजने के ट्रम्प के प्रयासों का समर्थन किया है। इसे भी पढ़ें: लापता या अरेस्ट हुए हैं भारतीय नागरिक? ईरान को लेकर विदेश मंत्रालय ने क्या बड़ा अपडेट दियासऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं ने इस महीने की शुरुआत में अपने मध्य पूर्व दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से कहा था कि वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर सैन्य हमले का विरोध करते हैं। इन देशों ने कथित तौर पर ट्रम्प से कहा कि उन्हें ईरान के साथ परमाणु समझौते की दिशा में काम करना चाहिए। कतर के अमीर तमीम अल थानी, अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि हमले की स्थिति में ईरान उनके देशों को निशाना बनाएगा। Stay updated with Latest International News in Hindi on Prabhasakshi

खामनेई संग मीटिंग कर रहे थे मोहम्मद बिन सलमान के भाई, तभी आया सऊदी किंग का ईरान के लिए चेतावनी वाला संदेशा
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क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के छोटे भाई, सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने हाल में तेहरान में ईरानी नेतृत्व के साथ एक महत्वूपर्ण बैठक की। इस बैठक के दौरान उन्हें अपने पिता, किंग सलमान का एक संदेश मिला, जिसे उन्होंने ईरानी नेतृत्व के समक्ष रखा। इस महत्वपूर्ण बातचीत का उद्देश्य ईरान के साथ संबंधों में तनाव को कम करना और क्षेत्रीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना था।
बैठक का संदर्भ
पिछले महीने प्रिंस खालिद की यह यात्रा, दशकों में उनकी सबसे बड़ी यात्रा मानी जा रही है, जिससे यह संकेत मिलता है कि सऊदी अरब ईरान के साथ बातचीत को गंभीरता से ले रहा है। रोम में अमेरिका-ईरान वार्ता से दो दिन पहले यह मीटिंग हुई, जिसमें ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई और राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन जैसे शीर्ष नेता शामिल थे। इस बैठक में, प्रिंस खालिद ने चेतावनी दी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के परमाणु समझौते पर बात करने का अवसर गंभीरता से लेना चाहिए।
सऊदी किंग द्वारा भेजा गया संदेश
राजा सलमान बिन अब्दुलअजीज ने अपने बेटे प्रिंस खालिद के माध्यम से ईरानी नेतृत्व को स्पष्ट संदेश भेजा। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बढ़ते तनाव को देखते हुए, आगे बढ़ने के लिए कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता है। यह संदेश इस समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता को दर्शाता है, जब इजरायल के साथ संभावित युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। उनके विचार में, यह आवश्यक है कि ईरान शांति और स्थिरता की दिशा में कदम उठाए।
ईरान के प्रति सऊदी का दृष्टिकोण
इस मीटिंग में, प्रिंस खालिद ने यह भी उल्लेख किया कि सऊदी अरब ईरान पर हमले के लिए किसी भी प्रकार की मध्यस्थता नहीं करेगा। एक सऊदी विश्लेषक द्वारा साझा किए गए विचारों के अनुसार, क्षेत्रीय सुरक्षा को केवल कूटनीति के माध्यम से ही सुनिश्चित किया जा सकता है। प्रिंस खालिद ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रयासों का समर्थन किया और स्पष्ट किया कि इस संदर्भ में कूटनीतिक समाधान अनिवार्य है।
आगे का रास्ता
सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं ने हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से कहा था कि वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर किसी भी सैन्य कार्रवाई का विरोध करते हैं। इन नेताओं ने स्पष्ट किया कि ईरान के साथ बातचीत से ही स्थायी समाधान निकलेगा। इस बैठक का व्यापक प्रभाव हो सकता है, विशेषकर मध्य पूर्व में स्थिति को देखते हुए।
सऊदी रक्षा मंत्री के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि किंग सलमान की सरकार समस्त संकटों के बीच शांति की दिशा में ठोस कदम उठाने को तत्पर है। वर्तमान भू-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में, यह प्रयास किसी संघर्ष से बचने और एक स्थिर भविष्य की तलाश में महत्वपूर्ण है।
सारांश: यह बैठक सऊदी और ईरानी नेतृत्व के बीच की विभिन्न मुद्दों को सुलझाने की कोशिश का एक हिस्सा है। प्रिंस खालिद द्वारा पेश किया गया संदेश अधिकतम शांति और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है।
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लेखक: तान्या वर्मा, प्रिया सिंह, टीम हैकीकतक्या है
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