ईडी ने उत्तराखंड में ड्रग तस्करों और फार्मा कंपनियों के गठजोड़ पर की चोट, 05 फार्मा कंपनियों पर ताबड़तोड़ छापेमारी

Rajkumar Dhiman, Dehradun: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तराखंड में ड्रग तस्करों और फार्मा कंपनियों के गठजोड़ पर मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की। ईडी की अलग-अलग टीम ने बायोजेनेटिक ड्रग्स प्रा. लि.), सीबी हेल्थकेयर, स्माइलैक्स फार्माकेम ड्रग्स इंडस्ट्रीज, सोल हेल्थ केयर (आइ) प्रा. लि. और एस्टर फार्मा) के ऋषिकेश, हरिद्वार और काशीपुर के ठिकानों पर ताबड़तोड़ … The post ईडी ने उत्तराखंड में ड्रग तस्करों और फार्मा कंपनियों के गठजोड़ पर की चोट, 05 फार्मा कंपनियों पर ताबड़तोड़ छापेमारी appeared first on Round The Watch.

Jun 18, 2025 - 00:39
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ईडी ने उत्तराखंड में ड्रग तस्करों और फार्मा कंपनियों के गठजोड़ पर की चोट, 05 फार्मा कंपनियों पर ताबड़तोड़ छापेमारी
ईडी ने उत्तराखंड में ड्रग तस्करों और फार्मा कंपनियों के गठजोड़ पर की चोट, 05 फार्मा कंपनियों पर ताबड़तोड़ छापेमारी

ईडी ने उत्तराखंड में ड्रग तस्करों और फार्मा कंपनियों के गठजोड़ पर की चोट, 05 फार्मा कंपनियों पर ताबड़तोड़ छापेमारी

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Rajkumar Dhiman, Dehradun: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तराखंड में ड्रग तस्करों और फार्मा कंपनियों के गठजोड़ पर मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की। ईडी की अलग-अलग टीम ने बायोजेनेटिक ड्रग्स प्रा. लि., सीबी हेल्थकेयर, स्माइलैक्स फार्माकेम ड्रग्स इंडस्ट्रीज, सोल हेल्थ केयर (आइ) प्रा. लि., और एस्टर फार्मा के ऋषिकेश, हरिद्वार और काशीपुर के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।

छापेमारी के कारण और प्रभाव

यह कार्रवाई ड्रग तस्करों और फार्मा कंपनियों के बीच के अनुबंधों का खुलासा करने के लिए की गई थी। ईडी ने जांच के दौरान पाया कि फार्मा कंपनियों ने तस्करों के साथ मिलकर नशे की दवाओं की अवैध बिक्री और आपूर्ति की थी। इस छापेमारी में दवा बिक्री, सप्लाई चेन, और कंपनी के वित्तीय लेन-देन की जाँच की जा रही है।

ईडी के सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में एक साथ 15 ठिकानों पर की गई थी। इस बड़ी मुहिम के पीछे एसटीएफ द्वारा दर्ज की गई एफआईआर है, जिस पर कार्रवाई का आधार बनाया गया।

ड्रग पैडलर के जरिए मिली जानकारी

जांच के दौरान, ड्रग पैडलर एलेक्स पालीवाल की गिरफ्तारी से मिली जानकारी ने ईडी की कार्रवाई को तेज किया। एलेक्स ने बताया कि इन फार्मा कंपनियों ने असामान्य रूप से बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित दवाओं का उत्पादन किया था। एक मिसाल के तौर पर, मात्र कुछ माह में 20 करोड़ से अधिक अल्प्राजोलम टैबलेट का उत्पादन हुआ है।

नशीले पदार्थों की बिक्री पर नकेल

हाल की छापेमारी से यह स्पष्ट होता है कि नशा तस्करों ने फार्मा कंपनियों से मिलकर करोड़ों रुपए की आय अर्जित की है। यह न केवल मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गंभीर है, बल्कि इससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ रहा है। फार्मा सेक्टर में इस कार्रवाई ने घबराहट और चिंता की स्थिति पैदा कर दी है, जिसके चलते कई कंपनियों की संभावित संपत्ति अटैच की जा सकती है।

हमारा विश्लेषण

इस पूरी स्थिति पर विचार करते हुए, यह पूरी कार्रवाई उन कारणों को उजागर करती है जिनसे नशा तस्करी का नेटवर्क मजबूत हुआ है। फार्मा उद्योग और नशा तस्करों का यह गठजोड़ न केवल कानून की दृष्टि से गलत है, बल्कि यह समाज में भी बड़े संकट का कारण बन सकता है। ईडी की यह कार्रवाई एक मजबूत संकेत है कि अब समय आ गया है कि हम नशीली दवाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाएं।

निष्कर्ष के तौर पर, ईडी की कार्रवाई से न केवल ड्रग तस्करों को कठोर चेतावनी मिली है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाया जाए।

इस घटनाक्रम पर और जानकारी के लिए, यहाँ देखें.

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ED raids, drug smugglers, Uttarakhand pharma companies, enforcement directorate, drug trafficking, illicit drug production, Indian law enforcement actions, pharmaceutical industry crackdown

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