waqf by user पर बनाई गई भ्रामक कहानी, केंद्र ने वक्फ एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा
वक्फ कानून में लाए गए संशोधनों का बचाव करते हुए, केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा धर्म और संपत्ति के आधार पर चुनौतियों की सुनवाई के दौरान प्रावधानों पर किसी भी अंतरिम रोक के खिलाफ तर्क दिया। वक्फ (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में, केंद्र ने कहा कि 'उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ' को पिछले 100 वर्षों से - 1923 में पहले वक्फ अधिनियम के बाद से - केवल पंजीकरण के आधार पर मान्यता दी गई है, न कि मौखिक रूप से। केंद्र ने पीठ से कहा, "इसलिए, संशोधन सुसंगत अभ्यास के अनुरूप है। वक्फ बाई यूजर से तात्पर्य ऐसी भूमि या संपत्ति से है जिसे धार्मिक उद्देश्यों के लिए लंबे समय तक इस्तेमाल किए जाने के कारण वक्फ माना जाता है। औपचारिक दस्तावेज या लिखित विलेख के बिना भी, ऐसी संपत्ति को समय के साथ उसके उपयोग के आधार पर 'वक्फ बाई यूजर' घोषित किया जा सकता है।इसे भी पढ़ें: राहुल को वक्फ अधिनियम को असंवैधानिक कहने का कोई अधिकार नहीं: जगदंबिका पालकेंद्र ने आगे तर्क दिया कि भले ही 'उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ' सहित सभी वक्फों को 1923 के मूल अधिनियम के तहत अनिवार्य रूप से पंजीकृत किया जाना था, फिर भी कई निजी और सरकारी भूमि पर 'उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ' के तहत दावा किया गया था, जिससे व्यक्तिगत नागरिकों के मूल्यवान संपत्ति अधिकारों का हनन हुआ और सार्वजनिक संपत्तियों पर अनधिकृत दावे हुए। इस महीने की शुरुआत में, सर्वोच्च न्यायालय ने 'उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ' को हटाने, वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने और विवादित सरकारी भूमि पर वक्फ की स्थिति निर्धारित करने के संबंध में कलेक्टर की शक्तियों पर चिंता व्यक्त की थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अधिनियम के कुछ प्रावधानों को चिह्नित करते हुए कहा कि हम आम तौर पर चुनौती के इस चरण में किसी कानून पर रोक नहीं लगाते हैं, जब तक कि असाधारण परिस्थितियाँ न हों। यह एक अपवाद प्रतीत होता है। हमारी चिंता यह है कि अगर वक्फ-बाय-यूजर को गैर-अधिसूचित किया जाता है, तो इसके बहुत बड़े परिणाम हो सकते हैं।इसे भी पढ़ें: Jan Gan Man: देशभर में Waqf Act के फायदे गिना रहे मोदी सरकार के मंत्री, जवाब में मुस्लिम संगठन सम्मेलन और बैठकों के जरिये कर रहे हैं पलटवार17 अप्रैल को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्वासन दिया कि वे नवीनतम संशोधन के अनुसार केंद्रीय या राज्य वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगली सुनवाई की तारीख तक उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ को डी-नोटिफाई नहीं किया जाएगा। मेहता के आश्वासन को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाने से परहेज किया और केंद्र, राज्यों और वक्फ बोर्डों को एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।

वक्फ पर बनाई गई भ्रामक कहानी, केंद्र ने वक्फ एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा
Haqiqat Kya Hai
रविवार को, केंद्र सरकार ने वक्फ एक्ट के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। इस हलफनामे का मुख्य उद्देश्य वक्फ के मामलों में बढ़ती भ्रामक कहानियों पर रोक लगाना है। इस लेख में हम इस मुद्दे के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि वास्तव में इस हलफनामे का महत्व क्या है।
वक्फ एक्ट का महत्व
वक्फ एक्ट 1995 में पारित किया गया था, जिसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों का संरक्षण करना है। वक्फ के तहत संपत्तियां धार्मिक और समाजिक कल्याण के लिए प्रयोग की जाती हैं, और यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उनका सही से प्रबंधन हो। केंद्र सरकार का यह कदम इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश है कि वक्फ की संपत्तियों का सही और पारदर्शी प्रबंधन हो।
भ्रामक कहानियों का स्रोत
कई बार, वक्फ से जुड़ी कहानियाँ अक्सर भ्रामक होती हैं। इनमें से कुछ कहानियाँ राजनीतिक हितों के लिए बनाई जाती हैं, जिससे वक्फ के महत्व को कमतर किया जा सके। इस हलफनामे के माध्यम से केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी को गंभीरता से लिया जाएगा और इसे नियंत्रित करने का प्रयास किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे का उद्देश्य
केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया हलफनामा इस बात की पुष्टि करता है कि सरकार वक्फ की संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। इसके माध्यम से, केंद्र ने यह स्पष्ट किया है कि सभी संबंधित पक्षों को वक्फ एक्ट की जानकारी होनी चाहिए ताकि भ्रामक कहानियों को मिटाया जा सके। इस हलफनामे के जरिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया है कि इन भ्रामक कहानियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए।
भविष्य की दृष्टि
भ्रामक जानकारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम भविष्य में वक्फ की संपत्तियों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं। इस बात की संभावना है कि सुप्रीम कोर्ट इस हलफनामे पर उचित निर्णय लेगा, जिससे वक्फ से जुड़ी संपत्तियों के प्रबंधन में सच्चाई और पारदर्शिता बनी रहेगी।
निष्कर्ष
वक्फ एक्ट के चलते सरकार ने जो हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दायर किया है, वह सुनिश्चित करता है कि वक्फ से जुड़ी भ्रामक कहानियों पर प्रभावी नियंत्रण होगा। यह कदम निश्चित रूप से वक्फ की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
हमारे इस लेख के माध्यम से, आपको वक्फ एक्ट और इसके महत्व के बारे में व्यापक जानकारी मिली होगी। अगर इस विषय पर और भी जानकारी चाहिए तो हमें जरूर बताएं। अधिक अपडेट्स के लिए, देखें haqiqatkyahai.com.
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