Vishwakhabram: काफी प्रेरणादायक है Nahid Islam के संघर्ष की कहानी, 'बड़े लक्ष्य' के लिए छोड़ दिया Bangladesh Minister का पद

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार और छात्र आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक नाहिद इस्लाम ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। हम आपको बता दें कि नाहिद इस्लाम ने जुलाई में हुए विद्रोह में शामिल कार्यकर्ताओं द्वारा एक नयी राजनीतिक पार्टी शुरू करने से पहले यह कदम उठाया है। माना जा रहा है कि नाहिद इस्लाम के नेतृत्व में बनने वाली पार्टी से बड़ी संख्या में बांग्लादेशी युवा जुड़ सकते हैं और आने वाले संसदीय चुनावों में युवाओं के हाथ में बांग्लादेश की बागडोर जा सकती है। वैसे नाहिद इस्लाम की नजर देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर है यह बात तभी स्पष्ट हो गयी थी जब उन्होंने कैबिनेट मंत्री बनने के बाद मीडिया से बातचीत में अपने मन की इच्छा जाहिर की थी।अब नाहिद इस्लाम ने मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस को अपना त्यागपत्र सौंपने के बाद मीडिया से बातचीत में अपनी पुरानी बात को दोहराते हुए कहा है कि देश में मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक नई राजनीतिक ताकत का उदय आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मैंने जनांदोलन को मजबूत करने के लिए सड़कों पर बने रहने के वास्ते सलाहकार परिषद से इस्तीफा दे दिया है। शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को उखाड़ फेंकने वाले जुलाई विद्रोह के प्रमुख समन्वयकों में से एक, नाहिद इस्लाम ने कहा है कि सरकार में बने रहने की तुलना में सड़क पर उनकी भूमिका अधिक महत्वपूर्ण प्रतीत होती है।इसे भी पढ़ें: 'बांग्लादेश के अल्पसंख्यक भारत की चिंता नहीं', जयशंकर के बयान पर पड़ोसी देश को लगी मिर्चीउन्होंने कहा कि वह लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए लोगों की आकांक्षाओं के लिए काम करना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया है। हम आपको बता दें कि वह प्रभावी रूप से सूचना एवं प्रसारण तथा डाक एवं दूरसंचार के दो विभागों वाले मंत्री थे। पिछले साल पांच अगस्त को छात्र आंदोलन ने बड़े पैमाने पर विद्रोह का नेतृत्व किया था, जिसने लंबे समय से प्रधानमंत्री रही शेख हसीना की सरकार को गिरा दिया था। तीन दिन बाद, यूनुस ने अंतरिम सरकार की कमान संभाली थी। नाहिद इस्लाम आंदोलन के तीन प्रतिनिधियों में से एक थे, जिन्हें सलाहकार परिषद में शामिल किया गया था।अब बताया जा रहा है कि शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छात्र और अन्य लोग पार्टी शुरू करने के लिए 28 फरवरी को ढाका के माणिक मिया एवेन्यू में एक भव्य रैली की तैयारी कर रहे हैं। नाहिद इस्लाम से एक पार्टी का नेतृत्व करने की उम्मीद है; हालाँकि, अभी तक पार्टी के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। देखना होगा कि नाहिद इस्लाम यदि नवगठित पार्टी का नेतृत्व संभालते हैं तो क्या उसे संसदीय चुनावों में जीत हासिल होती है? यह भी देखना होगा कि दो विभागों के मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले नाहिद इस्लाम क्या जल्द ही बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन होंगे?हम आपको याद दिला दें कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के सहयोग के लिए बनाई गयी सलाहकार परिषद एक तरह से बांग्लादेश की कैबिनेट के रूप में कार्य कर रही है। इस सलाहकार परिषद में वैसे तो एक से बढ़कर एक अनुभवी लोग हैं लेकिन इसमें दो नाम ऐसे भी हैं जिन्हें प्रशासनिक कामकाज का कोई अनुभव नहीं है। यह दो व्यक्ति हैं- मोहम्मद नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद।हम आपको याद दिला दें कि जब 1 जुलाई 2024 को आरक्षण विरोधी आंदोलन शुरू हुआ था तब नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद ढाका विश्वविद्यालय के साधारण छात्र मात्र थे। इन दोनों छात्रों ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर उस आंदोलन को आगे बढ़ाने और उसे पूरे देश में फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। धीरे-धीरे छात्रों का आंदोलन जन विद्रोह में बदल गया और शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और 5 अगस्त को देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था।विरोध प्रदर्शन के दौरान, इन दोनों छात्र नेताओं ने तमाम यातनाएं सहन कीं लेकिन सिर झुकाने या अधिकारों की लड़ाई से पीछे हटने से इंकार कर दिया था। इन दोनों छात्रों की ओर लोगों का ध्यान तब आकर्षित हुआ जब आरक्षण सुधार आंदोलन को दबाने के लिए हसीना सरकार द्वारा लगाए गए कर्फ्यू के पहले दौर के दौरान उन्हें पुलिस द्वारा उठा लिया गया था। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया था कि उन्हें प्रताड़ित किया गया था और बाद में सड़क किनारे छोड़ दिया गया था। बताया जाता है कि बाद में डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) के सदस्यों ने चार अन्य छात्र समन्वयकों के साथ इन दोनों छात्र नेताओं को तब फिर से उठाया, जब उनका राजधानी के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। लेकिन तब भी पीछे हटने के बजाय, उन्होंने अन्य छात्र नेताओं की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी और देश भर में छात्रों पर क्रूर कार्रवाई के विरोध में 30 जुलाई को डीबी कार्यालय पर ही भूख हड़ताल शुरू कर दी थी।हम आपको यह भी याद दिला दें कि शेख हसीना सरकार ने इन छात्र नेताओं को हिरासत में रखने के दौरान इन पर दबाव बढ़ाया था और इनसे एक वीडियो जारी करवाया था जिसमें नाहिद और आसिफ सहित छह समन्वयकों ने छात्र आंदोलन को वापस लेने की घोषणा की थी। लेकिन वहां से रिहा होते ही उन्होंने बताया कि उन पर दबाव बनाकर यह वीडियो बनवाया गया था। इन छात्र नेताओं ने आंदोलन को जारी रखने की कसम खाई और उनकी दृढ़ता रंग लाई क्योंकि आंदोलन से जल्द ही जनता भी जुड़ गयी। बाद में आंदोलन के खिलाफ बढ़ती पुलिस की क्रूरता को देखते हुए छात्र नेताओं ने शेख हसीना के इस्तीफे की एक सूत्रीय मांग की घोषणा की, जिसने अंततः अवामी लीग के शासन को समाप्त कर दिया।इस तरह भेदभाव के खिलाफ लड़ाई शुरू करने वाले दो छात्र एक महीने में ही अंतरिम सरकार में सलाहकार बन गए थे। हम आपको बता दें कि नाहिद ढाका विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के स्नातकोत्तर छात्र हैं। उन्होंने 2016-2017 सत्र में विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था। वह गणोतांत्रिक छात्र शक्ति (डीयू इकाई) के सदस्य सचिव भी हैं, जो नुरुल हक नूर के नेतृत्

Feb 27, 2025 - 19:39
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Vishwakhabram: काफी प्रेरणादायक है Nahid Islam के संघर्ष की कहानी, 'बड़े लक्ष्य' के लिए छोड़ दिया Bangladesh Minister का पद
Vishwakhabram: काफी प्रेरणादायक है Nahid Islam के संघर्ष की कहानी, 'बड़े लक्ष्य' के लिए छोड़ दिया Bangladesh Minister का पद

Vishwakhabram: काफी प्रेरणादायक है Nahid Islam के संघर्ष की कहानी, 'बड़े लक्ष्य' के लिए छोड़ दिया Bangladesh Minister का पद

Haqiqat Kya Hai

जब हम संघर्ष और सफलताओं की कहानी सुनते हैं, तो ये हमेशा हमारे लिए प्रेरणा का एक स्रोत बन जाती हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं Nahid Islam की, जिन्होंने Bangladesh Minister का पद छोड़कर बड़े लक्ष्यों की ओर कदम बढ़ाया।

Nahid Islam का अद्वितीय सफर

Nahid Islam की यात्रा बता रही है एक ऐसी सोच की, जो केवल अपनी व्यक्तिगत सफलता नहीं बल्कि समाज की भलाई के बारे में सोचती है। जब उन्होंने Minister का पद छोड़ा, तो उनके इरादों में स्पष्टता थी - वे एक बड़े बदलाव का हिस्सा बनना चाहते थे। उनकी कहानी ने न केवल युवा पीढ़ी को प्रेरित किया है, बल्कि पूरी दुनिया में एक सकारात्मक संदेश भेजा है।

शिक्षा और विकास पर Nahid का ध्यान

Nahid Islam का मानना है कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जिससे समाज में सुधार लाया जा सकता है। वे हमेशा से शिक्षा के प्रति अपने दृष्टिकोण को बढ़ावा देते रहे हैं। उन्होंने अपने मंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कीं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारने में मददगार साबित हुईं।

बड़े लक्ष्यों की ओर कदम

Nahid का यह निर्णय कि उन्होंने मंत्री का पद छोड़ने का फैसला लिया, यह बताता है कि वे अपने व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर समाज के बड़े लक्ष्यों के प्रति समर्पित हैं। वे अब एक गैर-लाभकारी संगठन के माध्यम से शिक्षा और मानवाधिकारों के लिए काम कर रहे हैं।

हार और जीत की कहानी

उनकी कहानी केवल जीत की नहीं है, बल्कि संघर्ष और मात की भी है। Nahid ने कई बाधाओं का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका मानना है कि असफलताएं कभी भी अंतिम नहीं होतीं, बल्कि वे हमें और मजबूती से आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।

सकारात्मक प्रभाव और सामाजिक परिवर्तन

Nahid Islam की प्रतिबद्धता ने न केवल उन्हें प्रेरित किया, बल्कि समाज के लोगों को भी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया। उनकी कहानी का संदेश है कि जब आप अपने लक्ष्यों के प्रति सच्चे होते हैं, तो आप किसी भी सीमाओं को पार कर सकते हैं।

निष्कर्ष

Nahid Islam की यात्रा न केवल व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की है, बल्कि यह बताती है कि हम सबको अपने समाज के लिए क्या करना चाहिए। उनके जैसे नेता हमें यह सिखाते हैं कि असली सफलता का मतलब सिर्फ पद और सत्ता नहीं है, बल्कि समाज के उत्थान के लिए काम करना है।

तो आइए हम सब मिलकर उनके विचारों और दृष्टिकोण को अपनाएं और एक बेहतर समाज के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाएं।

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