Union Budget 2025 में दिखा ट्रंप इफेक्ट? वित्त मंत्री के भाषण में 64 बार हुआ टैरिफ शब्द का जिक्र
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ धमकियों का भारत के 2025-2026 के केंद्रीय बजट पर कुछ प्रभाव पड़ता दिख रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना लगातार 8वां बजट पेश किया और अपनी तरह का एक इतिहास रच दिया। भाषण के दौरान, सीतारमण ने उल्लेख किया कि भारत दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी हुई है। बजट का एक महत्वपूर्ण पहलू यह था कि इसमें ऐसे उपाय प्रस्तावित किए गए जो दुनिया भर में चल रही अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर केंद्रित थे। 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद, ट्रम्प कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय गुटों पर टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे हैं। ट्रम्प ने अक्सर ब्रिक्स देशों के खिलाफ उच्च टैरिफ की धमकी दी है, जिसमें भारत भी शामिल है। नई दिल्ली ट्रम्प की धमकियों से खुद को बचाने के लिए वस्तुओं पर टैरिफ को पहले से कम करने की कोशिश कर रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या ट्रम्प की चेतावनियों का बजट पर कोई असर पड़ा, खासकर आयकर स्लैब में तो सीतारमण ने साफ किया कि किया कि लोगों की आवाज बजट की प्राथमिकता है। इसे भी पढ़ें: अफगानिस्तान के लिए भारत ने खोला खजाना, म्यांमार पर बरसाए पैसे, बजट में 'पड़ोसियों' का भी रखा ख्यालनिर्यात संवर्धन मिशनसरकार ने शनिवार को निर्यात बढ़ाने के लिए 2,250 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक निर्यात संवर्धन मिशन की स्थापना की घोषणा की है। इस मिशन को वाणिज्य, एमएसएमई और वित्त मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाएगा। 2025 के बजट में सीतारमण ने निर्यात प्रोत्साहन मिशन का प्रस्ताव रखा, जिसे वाणिज्य, एमएसएमई और वित्त मंत्रालय संयुक्त रूप से संचालित करेंगे। इस पहल का उद्देश्य विदेशी बाजारों में गैर-टैरिफ उपायों से निपटने के लिए निर्यात ऋण, सीमा पार फैक्टरिंग समर्थन और एमएसएमई को आसान पहुंच प्रदान करना है। यह मिशन न केवल विनिर्माण क्षेत्र को सहायता प्रदान करेगा बल्कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहन भी देगा। बजट की घोषणाओं से कपड़ा, समुद्री, खिलौने और चमड़ा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।इसे भी पढ़ें: Budget की खामियां गिनाने के लिए कांग्रेस ने पूर्व वित्त मंत्री को किया आगे, उदाहरण के साथ उन्होंने क्या समझाया?कस्टम टैरिफ में ढीलजुलाई 2024 के बजट में घोषित सीमा शुल्क दर संरचना की व्यापक समीक्षा के एक भाग के रूप में, सीतारमण ने सात टैरिफ दरों को हटाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि इसके बाद शून्य' दर सहित केवल आठ टैरिफ दरें शेष रह जाएंगी। ट्रंप अक्सर शिकायत करते रहे हैं कि भारत का आयात शुल्क बहुत अधिक है। 2019 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले, ट्रम्प ने प्रतिष्ठित हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिलों पर उच्च आयात शुल्क के बारे में शिकायत की थी।

Union Budget 2025 में दिखा ट्रंप इफेक्ट? वित्त मंत्री के भाषण में 64 बार हुआ टैरिफ शब्द का जिक्र
Haqiqat Kya Hai
2025 का संघीय बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा को इंगित कर रहा है। इस साल के बजट में वित्त मंत्री ने एक नई तरह की दिशा में कदम बढ़ाया है, जो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नीतियों की याद दिलाती है। आज हम इस विषय पर गहराई से जानकारी प्राप्त करेंगे कि किस प्रकार ट्रंप का प्रभाव भारतीय बजट में देखा जा सकता है।
टैरिफ का लगातार जिक्र: क्या है इसके पीछे का कारण?
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में 'टैरिफ' शब्द को 64 बार दोहराया, जो कि अपने आप में एक उल्लेखनीय तथ्य है। यह रुझान तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब हम समझते हैं कि ट्रंप की अर्थव्यवस्था नीति का केंद्र भी एक ही थी - घरेलू उद्योगों की रक्षा करना। भारतीय बजट की ये विशेषताएँ युवा उद्योगपतियों और नई कंपनियों को प्रोत्साहित कर सकती हैं।
ट्रंप इफेक्ट: क्या ये सिर्फ एक संयोग है?
कई अर्थशास्त्री यह सोच रहे हैं कि क्या भारतीय बजट की इस प्रवृत्ति का ट्रंप से कोई सीधा नाता है। जब हम ट्रंप के 'अमेरिका फर्स्ट' नारे की चर्चा करते हैं, तो स्पष्ट होता है कि यह नीति भारत के स्थानीय उद्योगों के लिए भी एक संदर्भ पेश कर रही है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ का बढ़ता जिक्र निश्चित रूप से घर के उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक संकेत है।
बजट के अन्य महत्वपूर्ण पहलू
इस बजट में केवल टैरिफ का जिक्र नहीं किया गया है, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री ने यह सुनिश्चित किया है कि कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। ये योजनाएँ सीधे तौर पर गरीब वर्ग और मध्यम वर्ग को लाभान्वित करेंगी।
निष्कर्ष
ट्रंप का प्रभाव केवल अमेरिका तक सीमित नहीं हो सकता है, बल्कि इसका विस्तार अन्य देशों तक भी हो सकता है। भारत के इस नए बजट ने प्रमाणित कर दिया है कि आर्थिक नीतियाँ वैश्विक स्तर पर आपसी संबंधों से प्रभावित होती हैं। आने वाले समय में हमें देखना होगा कि कैसे ये नीतियाँ भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती हैं और टैरिफ की ये बातें कितनी प्रभावी सिद्ध होती हैं।
इस बजट की विशेषताएँ निश्चित रूप से दिलचस्प हैं, और हमें निरंतर इस पर नजर रखने की आवश्यकता है।
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