Rajesh Pilot Birth Anniversary: राजस्थान की सियासत का बड़ा नाम थे राजेश पायलट, कभी घर-घर जाकर बेचते थे दूध

राजस्थान की सियासत में कांग्रेस नेता राजेश पायलट का नाम आज भी सम्मान से लिया जाता है। आज ही के दिन यानी की 10 फरवरी को राजेश पायलट का जन्म हुआ था। राजेश पायलट अपने बलबूते कई बार सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे थे। उन्होंने देश में अपनी छवि किसान नेता के रूप में बनाई थी। वहीं उनका पूरा परिवार सूबे की सियासत में सक्रिय है। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर राजेश पायलट के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...जन्म और शिक्षागौतमबुद्ध नगर जिले के वेदपुरा गांव में 10 फरवरी 1945 को राजेश पायलट का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम राजेश्वर प्रसाद बिधूड़ी था। वहीं पिता की मौत के बाद राजेश घर-घर जाकर दूध बेचने का काम करते थे। काम के साथ-साथ वह दिल्ली के अंग्रेजी मीडियम म्यूनिसिपल बोर्ड स्कूल में पढ़ाई करते थे। फिर साल 1974 में राजेश पायलट ने रमा पायलट को अपनी जीवनसंगिनी बनाया।वायुसेना से सियासत तक का सफरबता दें कि साल 1971 में राजेश पायलट ने भारत-पाक युद्ध में भारतीय वायुसेना की तरफ से अहम भूमिका निभाई थी। वहीं देश सेवा के बाद राजेश पायलट ने वायु सेना से इस्तीफा देकर सियासत में प्रवेश किया था।राजनीतिक जीवनवहीं साल 1980 में राजेश पायलट ने पहली बार भरतपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इस सीट पर चुनाव जीतकर सांसद बने। फिर साल 1984 में वह दौसा से सांसद चुने गए। इसके बाद देश के तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने राजेश पायलट को केंद्रीय मंत्री बनाया। वहीं साल 1991 से लेकर 1999 तक उन्होंने लगातार दौसा सीट पर जीत बनाए रखी। फिर साल 1991, 1996, 1998 और 1999 के चुनाव में जीत हासिल कर वह 20 साल तक सांसद रहे।मृत्युवहीं 11 जून 2000 को भंडाना गांव के पास सड़क दुर्घटना में राजेश पायलट की मृत्यु हो गई।

Feb 10, 2025 - 10:39
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Rajesh Pilot Birth Anniversary: राजस्थान की सियासत का बड़ा नाम थे राजेश पायलट, कभी घर-घर जाकर बेचते थे दूध
Rajesh Pilot Birth Anniversary: राजस्थान की सियासत का बड़ा नाम थे राजेश पायलट, कभी घर-घर जाकर बेचते थे दूध

राजेश पायलट जयंती: राजस्थान की सियासत का बड़ा नाम थे राजेश पायलट, कभी घर-घर जाकर बेचते थे दूध

Haqiqat Kya Hai - राजेश पायलट का नाम भारतीय राजनीति के उन प्रमुख चेहरों में शुमार है, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे देश की सियासत में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। वे केवल एक नेता नहीं थे, बल्कि उन्होंने हमेशा जनता के साथ काम किया और उनके बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की। आइए, जानते हैं उनके जीवन के कुछ यादगार पल।

राजनीति में एंट्री और शुरुआती जीवन

राजेश पायलट का जन्म 10 अक्टूबर 1945 को राजस्थान के धौलपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा के बाद भारतीय वायु सेना में अपनी सेवाएं दीं। राजनीति में उनका प्रवेश हुआ 1980 में, जब वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। उनकी सरलता और सेवा भावना ने उन्हें तेजी से लोकप्रियता दिलाई। राजेश पायलट ने जनता से जुड़ने के लिए कई बार घर-घर जाकर दूध बेचने का काम भी किया था। यह उनकी गहरी सोच का प्रमाण था कि वे जानना चाहते थे कि आम जनता की आवश्यकताएं क्या हैं।

नेतृत्व कौशल और उपलब्धियां

राजेश पायलट ने कांग्रेस पार्टी में कई महत्वपूर्ण पद संभाले। वे केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके थे और उन्होंने कई सामाजिक सुधार कार्यक्रमों में भाग लिया। वे हमेशा अपनी बातों से लोगों को प्रेरित करते थे और उनकी पहचान एक योग्य नेता के रूप में बनी। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने जनसाधारण के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं।

राजेश पायलट की विरासत

राजेश पायलट का निधन 2000 में हुआ, लेकिन उनकी विरासत आज भी जिंदा है। उनके बेटे और राजनीतिक उत्तराधिकारी, सचिन पायलट, उनके विचारों और सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। राजेश पायलट ने जो रास्ता दिखाया, वह आज भी उनकी पहचान बना हुआ है। उनकी जयंती पर हमें यह याद करना चाहिए कि एक सच्चे नेता की पहचान उनके द्वारा किए गए कार्यों में होती है।

निष्कर्ष

राजेश पायलट की जयंती पर, हमें उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए। चाहे वो दूध बेचने का अनुभव हो या फिर राजनीति में उनके योगदान, उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची सेवा का क्या अर्थ होता है। हमें उनके सिद्धांतों को आगे बढ़ाना चाहिए और समाज में उनके योगदान को सम्मानित करना चाहिए।

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