Pope Francis’ funeral: सेंट पीटर्स स्क्वायर में रखा गया पोप का शव, 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के बीच, जारी हैं अंतिम संस्कार की रस्में
ईसाई कैथोलिक धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की रस्में जारी है। उनके शव को सेंट पीटर्स बेसिलिका में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। ताबूत में रखे गए उनके शव को अब सेंटर पीटर्स स्क्वायर में रख दिया गया है। यहां पोप के अंतिम संस्कार से जुड़ी अन्य रस्मों को पूरा किया जा रहा है। पोप के अंतिम संस्कार में लाखों की संख्या में सेंटर पीटर्स में श्रद्धालु उमड़े है। इसमें 170 देशों के प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे है। पोप के अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों में भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल है। उनके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई, ब्रिटेन के पीएम कीर स्टारमर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी शामिल है। पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया खबर लिखे जाने के दौरान भी चल रही है। अंतिम संस्कार की प्रक्रियाएं खत्म होने के बाद पोप को लकड़ी के बेहद सादे ताबूत में धीरे से रोम के सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका में ले जाया जाएगा। उन्हें इसी जगह पर दफनाया जाएगा। ये सेंट पीटर्स स्क्वायर से लगभ चार किलोमीटर दूर स्थित एक जगह है। बता दें कि वेटिकन के बाहर दफनाए जाने वाले पोप फ्रांसिस बीते 100 वर्षों में पहले पोप होने वाले है।

Pope Francis’ funeral: सेंट पीटर्स स्क्वायर में रखा गया पोप का शव, 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के बीच, जारी हैं अंतिम संस्कार की रस्में
Haqiqat Kya Hai - यह स्पष्ट है कि पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार एक ऐतिहासिक घटना थी, जो सेंट पीटर्स स्क्वायर में संपन्न हुई। इस अवसर पर 2 लाख से अधिक श्रद्धालु वहां उपस्थित हुए, जिन्होंने अपने प्रिय पोप को अंतिम विदाई दी। इस लेख में हम इस यादगार घटना के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करेंगे।
पोस्ट-फ्रांसिस के अद्वितीय योगदान
पोप फ्रांसिस का निधन एक ऐसा क्षण है जो चर्च के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने जो धार्मिक और सामाजिक परिवर्तन किए, वे न केवल कैथोलिक समुदाय तक सीमित थे, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणास्त्रोत बने। उनकी विचारधारा में प्रेम, शांति, और समाज सेवा थी। उनके कार्यों ने लाखों लोगों को प्रभावित किया।
अंतिम संस्कार की रस्में
सेंट पीटर्स स्क्वायर में आयोजित अंतिम संस्कार की रस्में बहुत ही धूमधाम से हुईं। श्रद्धालुओं ने विभिन्न देशों से यात्रा कर इस मौके पर भाग लिया। पोप का शव एक भव्य ताबूत में रखा गया था, जिसे विशेष रूप से सजाया गया था। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को लेकर श्रद्धालुओं में कई भावनाएं थीं - दुख, श्रद्धा, और आभार।
विश्व स्तर पर प्रतिक्रिया
पोप फ्रांसिस के निधन की खबर सुनकर विश्व के विभिन्न नेताओं और धार्मिक व्यक्तियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत समेत अन्य देशों के नेताओं ने भी इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने पोप के द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
एक नया अध्याय शुरू होना
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद, कैथोलिक चर्च के लिए एक नया अध्याय प्रारंभ होता है। ऐसे में नए पोप का चुनाव महत्वपूर्ण होगा। चर्च और उसके अनुयायियों के लिए ये समय एक साहसिक भविष्य का सामना करने का है। पोप फ्रांसिस ने जिस रास्ते की पहचान की थी, उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता होगी।
निष्कर्ष
सेंट पीटर्स स्क्वायर में पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार केवल एक विदाई नहीं थी, बल्कि यह धर्म और मानवता के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत बनता है। उनकी शिक्षाएं और विचार हमेशा हमारे साथ रहेंगे। हम सभी को उनसे प्रेरणा लेते हुए मानवता की सेवा करते रहना चाहिए।
इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं और विश्व के विभिन्न नेताओं का आभार व्यक्त करते हुए हमें उम्मीद है कि हम सभी उनकी शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने में सफल होंगे। और अपडेट के लिए, haqiqatkyahai.com पर जाएं।
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