Pahalgam terror attack: चीन, पाकिस्तान के साथ खड़ा है? बीजिंग-इस्लामाबाद के रिएक्शन की टाइमिंग जबरदस्त है
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर चीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। नई दिल्ली में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में इस बर्बर आतंकी हमले की निंदा की। हालांकि चीन का यह बयान आतंकी हमले के एक दिन बाद आया है, लेकिन इससे भी दिलचस्प बात यह है कि इस पर पाकिस्तान और चीन की प्रतिक्रिया एक साथ आई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी बुधवार को पहलगाम की घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। चीनी राजदूत फेइहोंग ने ट्विटर पर लिखा कि पहलगाम में हुए हमले से स्तब्ध हूं और इसकी निंदा करता हूं। पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना और घायलों और शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक सहानुभूति। सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करें। चीनी राजदूत के बयान के साथ ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी घटना पर प्रतिक्रिया दी है।इसे भी पढ़ें: पैसा और हथियार दोनों गंवाया, पहलगाम के जरिए पाकिस्तान ने कैसे मार ली पैर पर कुल्हाड़ी, अमेरिका-सऊदी का भारत को समर्थन शहबाज को बहुत भारी पड़ेगापाकिस्तान ने भी जारी किया बयानपहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम भारत के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में हुए हमले में पर्यटकों की हत्या से चिंतित हैं। हम मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक बयान सामने आया था। पाकिस्तानी मीडिया को दिए गए बयान में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री इस बर्बर हमले के दौरान भी भारत के खिलाफ जहर उगलने से नहीं चूके। आसिफ ने कहा कि पहलगाम हमले से पाकिस्तान का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के अंदर कई संगठन हैं। उनमें घरेलू स्तर पर विद्रोह है। एक-दो नहीं, बल्कि दर्जनों। इसे भी पढ़ें: तब बिल क्लिंटन, इस बार जेडी वेंस, अमेरिकी नेताओं का भारत दौरा, कश्मीर में आतंकी हमले, छत्तीसिंघपोरा से पहलगाम तक की कहानीपाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली में सरकार के खिलाफ विद्रोह हो रहा है। यह घर में ही पनपा है। लोग अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं। हिंदुत्व सरकार के खिलाफ विद्रोह हो रहा है जो अल्पसंख्यकों का शोषण कर रही है, जिसमें मुस्लिम, ईसाई और बौद्ध शामिल हैं। जो वहां हो रहा है। हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। हम किसी भी परिस्थिति में कहीं भी आतंकवाद का समर्थन नहीं करते हैं।

Pahalgam Terror Attack: चीन, पाकिस्तान के साथ खड़ा है? बीजिंग-इस्लामाबाद के रिएक्शन की टाइमिंग जबरदस्त है
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: सिमा शर्मा और प्रिया वासुदेव, टीम नेटानगरी
परिचय
हाल ही में, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। यह घटना न केवल भारत के लिए चिंता का विषय है, बल्कि इसमें चीन और पाकिस्तान की संभावित भूमिका भी चर्चा में है। इस लेख में हम इस हमले के संदर्भ में इन दोनों देशों की प्रतिक्रिया और उनकी समयसीमा पर चर्चा करेंगे।
हमले का विवरण
यह आतंकवादी हमला उस समय हुआ जब भारतीय सुरक्षा बलों का ध्यान विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे उल्लंघनों पर था। हमले में भारतीय जवानों के साथ-साथ नागरिकों को भी निशाना बनाया गया। अधिकारी अब इस हमले के पीछे की साजिश और मुख्य आरोपी को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
पाकिस्तान की भूमिका
पाकिस्तान हमेशा से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को समर्थन देता रहा है। पहलगाम हमले के कुछ समय बाद ही पाकिस्तान के कुछ नेताओं ने भारत के खिलाफ बयान दिए। इन बयानों से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की स्थिति कभी भी अपने आतंकवादी दृष्टिकोण से नहीं बदली है। इस प्रकार की प्रतिक्रिया भारत की चिंताओं को और बढ़ा देती है।
चीन की प्रतिक्रिया
बीजिंग ने भी इस हमले के बाद तुरंत प्रतिक्रिया दी। चीनी सरकार ने भारत के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई पर ध्यान देने की बात कही, जो भारत के लिए नए खतरे का संकेत हो सकता है। चीन के साथ पाकिस्तान की बढ़ती नज़दीकी और उनकी संयुक्त रणनीतियाँ भारत के लिए चिंता का विषय बन गई हैं।
टाइमिंग की जबरदस्तता
बीजिंग और इस्लामाबाद की مشترक प्रतिक्रिया की टाइमिंग महत्वपूर्ण है। यह न केवल एकसाथ पेश की गई है बल्कि यह हमले के तुरंत बाद आई है, जो दोनों देशों के बीच की समझ का संकेत देती है। यह समन्वय केवल एक संयोग नहीं हो सकता है।
भारत की सुरक्षा प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस हमले को गंभीरता से लिया और सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया। सरकार का उत्तेजनापूर्ण स्टैंड और कर्मचारियों की जल्द जांच यह दर्शाती है कि वह किसी भी तरह के आंतरिक या बाहरी खतरे से निपटने के लिए तैयार है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, पहलगाम का आतंकवादी हमला न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह चीन और पाकिस्तान की साजिशों का भी एक संकेत है। ऐसे समय में जब दुनिया को विविध चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, भारत को अपनी सुरक्षा नीति को दृढ़ बनाना होगा। इसे ध्यान में रखते हुए, आगामी दिनों में इस मामले की जांच और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट संकेत देने की आवश्यकता होगी।
फिर से, हम सभी को चाहिए कि हम इस गंभीर स्थिति का ध्यान रखें और इसके पीछे की सच्चाई को समझें।
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