Modi से मीटिंग से पहले ही भारत पर टैरिफ लगाने वाले हैं ट्रंप? अचानच क्यों कहा अमेरिका को फिर से महान बनाने का समय आ गया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी निर्धारित बैठक से कुछ घंटे पहले सोशल मीडिया पोस्ट के साथ अटकलों को हवा दे दी, जिसमें व्यापार और टैरिफ पर एक बड़े कदम का संकेत दिया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पारस्परिक टैरिफ प्रणाली व्यापार करने का एकमात्र उचित तरीका है। व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा था कि पारस्परिक टैरिफ योजना की घोषणा पीएम मोदी के साथ बैठक से पहले की जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो इसे टैरिफ पर अमेरिका की स्थिति के बारे में संदेश देने के रूप में देखा जाएगा। इसे भी पढ़ें: खालिस्तानी आतंकी, H1B वीजा, डिफेंस...ट्रंप से मुलाकात के दौरान किन-किन मुद्दों पर मोदी करेंगे बात?इस कदम से वैश्विक व्यापार में और बाधा आने की आशंका है, जिससे संभावित रूप से भारत और अन्य प्रमुख व्यापारिक साझेदार सतर्क हो जाएंगे। ट्रम्प ने लंबे समय से अनुचित व्यापार प्रथाओं की आलोचना की है, और उनके प्रशासन ने पहले देशों पर अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ कम करने के लिए दबाव डाला था। उन्होंने पहले कहा था, यह रिसिप्रोकल होने का समय है। आप यह शब्द रिसिप्रोकल बहुत सुन रहे होंगे। यदि वे हम पर आरोप लगाते हैं, तो हम उन पर शुल्क लगाते हैं। उन्होंने हाल ही में संकेत दिया था कि नीति पर एक विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा, जिसमें इस बात पर जोर दिया जाएगा कि प्रत्येक देश पारस्परिक होगा। इसे भी पढ़ें: अमेरिकी झंडा हटा लगाया गया तिरंगा, मोदी के होटल में हुआ तगड़ा खेलट्रंप जिस तरह से टैरिफ के मामले में सख्त हैं, उसको देखते हुए पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात से पहले भारत ने भी कुछ अमेरिकी सामानों पर छूट देने का फैसला किया है। इससे पहले भी ट्रंप के टैरिफ वॉर को रोकने के लिए भारत सरकार ने एक फरवरी को बजट पेश करते कई ऐसे विदेशी सामानों पर आयात शुल्क घटाने का फैसला किया था।

Modi से मीटिंग से पहले ही भारत पर टैरिफ लगाने वाले हैं ट्रंप? अचानक क्यों कहा अमेरिका को फिर से महान बनाने का समय आ गया
Haqiqat Kya Hai
भारत और अमेरिका के बीच में बढ़ती आर्थिक और राजनीतिक जटिलताएँ, हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच प्रस्तावित मीटिंग से पहले एक नया मोड़ ले लिया है। ऐसा लगता है कि ट्रंप प्रशासन भारत पर नए टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है। ये फैसले उस समय आ रहे हैं जब ट्रंप ने 'अमेरिका को फिर से महान बनाने' का नारा दिया है। इस लेख में हम इस विषय पर गहराई से चर्चा करेंगे।
अमेरिका के बढ़ते टैरिफ का ख़तरा
सूत्रों से पता चलता है कि अमेरिकी प्रशासन भारतीय उत्पादों पर टैरिफ लगाने का विचार कर रहा है, जो लंबे समय से व्यापार संबंधों में तनाव पैदा कर रहा है। भारत, जो पहले से ही कई अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगा चुका है, अब इसके जवाब में और भी प्रतिवाद कर सकता है। ट्रंप का यह कदम न केवल भारत पर बल्कि वैश्विक स्तर पर व्यापार नीति को प्रभावित करेगा। भारत में व्यापारिक समूह और उद्योगपति इस विषय पर चिंता जाहिर कर रहे हैं।
ट्रंप का 'महान' बयान
ट्रंप ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा, "अमेरिका को फिर से महान बनाने का समय आ गया है।" उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे अपने देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए किसी भी तरह के कदम उठाने को तैयार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान न केवल राष्ट्रीय नीति के प्रमाणीकरण के लिए है, बल्कि यह व्यापारिक संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है।
भारत अमेरिका संबंधों में उठते प्रश्न
भारत और अमेरिका के बीच आंतरिक व्यापारिक संबंध जिनमें एच-1बी वीजा नीति, रक्षा समझौते, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे शामिल हैं, इन तमाम मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बातचीत और सहमति की आवश्यकता है। अगर ट्रंप भारत के खिलाफ टैरिफ लगाने का निर्णय लेते हैं, तो इसके परिणाम विपरीत हो सकते हैं।
निष्कर्ष
हालाँकि ट्रंप प्रशासन के इन टैरिफ संबंधी विचारों की गंभीरता पर बहस जारी है, लेकिन यह बात साफ है कि भारत अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक संबंधों में एक नई दिशा की तलाश कर रहा है। दोनों देशों की सरकारों के लिए यह समय बहुत महत्वपूर्ण है और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मीटिंग का क्या परिणाम निकलता है।
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