Brahmos लेने भारत पहुंचे इस मुस्लिम देश के राष्ट्रपति, होने वाला है बड़ा ऐलान
पिछले कई सालों में भारत आसियान देशों के बहुत करीब पहुंचा है। इनमें से एक देश इंडोनेशिया है जिसके साथ संबंध सबसे ज्यादा मजबूत होते नजर आए हैं। भारत इंडोनेशिया संबंध बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि इस बार गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत की तरफ से इंडोनेशिया को आमंत्रित किया गया। अब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारतीय गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ाने वाले हैं। इस गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ाने के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति का विमान अब भारत की सरजमीं पर लैंड भी कर चुका है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति अब भारत आए हैं तो वो न सिर्फ भारत के सबसे बड़े समारोह का हिस्सा बनेंगे। इसके साथ ही वो कई बड़ी ऐसी डील करने वाले हैं जिसपर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी होंगी। इसे भी पढ़ें: इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर भूस्खलन और बाढ़ का कहर, 16 लोगों की मौतविदेश राज्य मंत्री ने किया स्वागत इंडोनेशियाई राष्ट्रपति का हवाई अड्डे पर विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने स्वागत किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर कहा कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर नयी दिल्ली पहुंचने पर हार्दिक स्वागत है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत-इंडोनेशिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी। सुबियांतो की यात्रा के दौरान दोनों पक्षों द्वारा कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौते किए जाने की उम्मीद है। वह भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले चौथे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति होंगे। इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। 450 मिलियन डॉलर का समझौताहिन्दुस्तान के हथियारों की ताकत की धमक अब दुनियाभर में सुनाई दे रही है। जिसमें सबसे पहला नाम सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का है। ये भारत की ऐसी मिसाइल है जिसकी काट दुनिया के किसी भी देश के पास नहीं है। अब इसी हथियार से ड्रैगन के शिकार की तैयारी हो रही है। भारत इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के लिए 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे को अंतिम रूप देने के करीब है। मामले से परिचित सूत्रों के अनुसार, इंडोनेशिया के रक्षा मंत्रालय ने खरीद के संबंध में जकार्ता में भारतीय दूतावास से आधिकारिक तौर पर संपर्क किया है। इस सौदे की घोषणा इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की आगामी नई दिल्ली यात्रा के दौरान होने की उम्मीद है। समझौते को सुविधाजनक बनाने के लिए, भारत भारतीय स्टेट बैंक या किसी अन्य राष्ट्रीय बैंक के माध्यम से इंडोनेशिया को ऋण देने पर विचार कर रहा है। इसे भी पढ़ें: सबसे बड़े मुस्लिम देश के राष्ट्रपति का विमान भारत ने मुड़वाया, पाकिस्तान की जगह मलेशिया जाएंगे प्रबोवो सुबियांतो1950 में सुकर्णो थे मुख्य अतिथिइंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। इंडोनेशिया से 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दस्ता यहां कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेगा। यह पहली बार होगा कि इंडोनेशियाई मार्चिंग और बैंड दस्ता विदेश में राष्ट्रीय दिवस परेड में भाग लेगा। पिछले कुछ वर्षों में भारत-इंडोनेशिया संबंधों में मजबूती आई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में इंडोनेशिया की यात्रा की थी, जिस दौरान भारत-इंडोनेशिया संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया।

BrahMos लेने भारत पहुंचे इस मुस्लिम देश के राष्ट्रपति, होने वाला है बड़ा ऐलान
Haqiqat Kya Hai
लेखक: प्रिया शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में एक प्रमुख मुस्लिम देश के राष्ट्रपति ने भारत का दौरा किया है, जिसके तहत वे विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम की खरीद को लेकर चर्चा करेंगे। इस दौरे को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे न केवल भारत और उस देश के बीच संबंध और मजबूत होंगे, बल्कि इसके साथ ही एशिया के भौगोलिक सुरक्षा समीकरण में भी बदलाव आ सकता है।
ब्रह्मोस की विशेषताएँ
ब्रह्मोस एक उच्च गति वाली cruise मिसाइल है जिसे भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इसकी विशेषताएँ इसे दुनिया की सबसे प्रभावी मिसाइलों में से एक बनाती हैं, जैसे कि:
- हाई स्पीड: ब्रह्मोस की गति 2.8 मैक तक होती है।
- सटीकता: यह अत्यधिक सटीकता के साथ अपने लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है।
- लचीलापन: इसे जमीन, समुद्र और वायु से लॉन्च किया जा सकता है।
दौरे का उद्देश्य
राष्ट्रपति का यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए किया जा रहा है। विश्व के इस तंतर में सुरक्षा चुनौती बढ़ने के साथ, दोनों देश एक दूसरे के साथ सहयोग की दिशाओं में आगे बढ़ना चाह रहे हैं। इस दौरे के दौरान रक्षा सहयोग और व्यापारिक संबंधों को लेकर कई महत्वपूर्ण समझौते होने की संभावना है।
भविष्य पर प्रभाव
यदि यह देश ब्रह्मोस मिसाइल लेने का निर्णय लेता है, तो यह न केवल अपने सैन्य तंत्र को मजबूत करेगा, बल्कि भारत के साथ उसके संबंधों में भी नई दिशा दे सकता है। इसके अलावा, इस मिसाइल प्रणाली की बिक्री भारत की रक्षा उद्योग के लिए भी एक बड़ा कदम होगा।
निष्कर्ष
इस दौरे के दौरान होने वाले ऐलान से न केवल दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए एक नई सुरक्षा निरंतरता को भी जन्म देगा। यह भारत की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पायदान साबित हो सकता है। सभी की नजरें राष्ट्रपति द्वारा की जाने वाली घोषणाओं पर हैं।
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