Blue Origin Mission क्यों है खास? पहली बार 6 महिलाओं ने की स्पेस की सैर
अमेरिका के अरबपति जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन का एक अंतरिक्ष मिशन खूब चर्चा में है। 14 अप्रैल को ब्लू ओरिजिन के स्पेस मिशन ने अपनी पहली ऑल फीमेल स्पेसफ्लाइट को लॉन्च किया। इस मिशन में हॉलीवुड सिंगर केटी पेरी समेत अन्य 5 महिलाओं ने अंतरिक्ष की यात्रा की। ये 1963 में सोवियत कॉस्मोनॉट वैलेंटिना तेरेश्कोवा की सोलो स्पेसफ्लाइट के बाद पहला ऑल फीमेल मिशन था। इसमें जो क्रू मेंबर्स हैं वो सभी महिलाएं हैं। ये महिलाएं अपनी अपनी फील्ड में बड़ा नाम हैं। इस मिशन पर केटी पेरी के साथ अरबपति बिजनेस जेफ बेजोस की मंगेतर लॉरेन सांचेज़, पत्रकार गेल किंग, नासा की पूर्व साइंटिस्ट आयशा बोवे, साइंटिस्ट अमांडा गुयेनऔर फिल्ममेकर केरिएन फ्लिन थीं। इसे भी पढ़ें: China का अमेरिका पर भयंकर वार, अब खतरे में पड़ जाएगी F-35 Fighter Jet की सप्लाईरॉकेट ने शाम 7 बजे टेक्सास के वेन होर्न लॉन्च पैड से उड़ान भरी। करीब 11 मिनट के बाद मिशन वापस लौटा। इस दौरान रॉकेट ने आना-जाना मिलाकर कुल 212 किमी का सफर तय किया। 1963 के बाद अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाला ये पहला ऑल विमेन क्रू है। इससे पहले 1963 में रूसी इंजीनियर वेलेंटिना तेरेश्कोवा ने अकेले अंतरिक्ष की यात्रा की थी।इसे भी पढ़ें: Bangladesh में हिंदुओं को Pohela Boishakh मनाने से रोका गया, Waqf Bill के विरोध में ढाका में कट्टरपंथी करेंगे बड़ा विरोध प्रदर्शनइस प्रक्षेपण के गवाह पश्चिम टेक्सास के अति विशिष्ट लोग बने, जिनमें ओपरा विन्फ्रे, क्रिस जेनर और कर्दाशियां परिवार के अन्य सदस्य और कई महिलाएं शामिल हैं, जो पहले निजी रॉकेट के जरिये उड़ान भर चुकी हैं। जब महिला अंतरिक्ष यात्री वापसी के लिए सीट बेल्ट बांध रही थीं, तो पेरी ने गाना शुरू कर दिया। उन्होंने ‘व्हाट अ वंडरफुल वर्ल्ड’ गीत गाया। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे बारे में नहीं है। यह मेरे गीत गाने के बारे में नहीं है। यह वहां की सामूहिक ऊर्जा के बारे में है। यह हमारे बारे में है।’’ बेजोस ने लैंडिंग के कुछ मिनट बाद कैप्सूल को खोला, और सबसे पहले बाहर निकलीं सांचेज को गले लगाया। पेरी और किंग घुटने के सहारे बैठ गईं और धरती को चूमा। किंग ने कहा, ‘‘हे भगवान, यह अद्भुत था।

Blue Origin Mission क्यों है खास? पहली बार 6 महिलाओं ने की स्पेस की सैर
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: नेहा शर्मा, टीम नेटानागरी
हाल ही में, बहुत सी विशेषताएँ और कहानियाँ सामने आई हैं, जो हमें यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि अंतरिक्ष पर्यटन की दुनिया में हम किस दिशा में बढ़ रहे हैं। Blue Origin पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है, जिसका हालिया मिशन न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिलाएं किस हद तक स्पेस यात्रा में भाग ले सकती हैं, इसका एक प्रतीक भी है।
पहली बार छह महिलाओं की स्पेस यात्रा
Blue Origin का यह मिशन खास इसलिए है क्योंकि इस बार 6 महिलाएं अंतरिक्ष की सैर करने गई हैं, जो कि न केवल उनके साहस और इच्छाशक्ति की कहानी है, बल्कि एक अनूठी उपलब्धि भी है। इस मिशन ने女性 विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नई राहें खोली हैं।
मिशन की कई विशेषताएँ
इस मिशन में अंतरिक्ष में भेजी गई महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी थीं, जैसे कि विज्ञान, इंजीनियरिंग, कला और खेल। यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि अब महिलाएं भी उन क्षेत्रों में काम कर रही हैं जो आमतौर पर पुरुषों तक सीमित माने जाते थे। इस मिशन ने यह साबित कर दिया है कि महिलाएं भी अंतरिक्ष अनुसंधान और यात्रा में बराबरी पर हैं।
महिलाओं का भारत में प्रभाव
भारत में भी महिलाएं अब विज्ञान, तकनीकी और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। ISRO की मिशन निदेशक डॉ. राधा कृष्णन ने भी इसका जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा कि महिलाएं अब न केवल संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल कर रही हैं, बल्कि वे विशेष उपलब्धियाँ भी हासिल कर रही हैं।
निष्कर्ष
Blue Origin का यह मिशन न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है। यह दर्शाता है कि सीमाएं अब टूट रही हैं और महिलाएं हर क्षेत्र में अपने परचम लहरा रही हैं। हमें उम्मीद है कि आगे भी ऐसे ही मिशन हमें देखने को मिलेंगे, जो विज्ञान की दुनिया में महिलाओं का योगदान और भी बढ़ाएं।
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