Biju Patnaik Birth Anniversary: आधुनिक ओडिशा के शिल्पकार थे बीजू पटनायक, ऐसे बने राजनीति के हीरो

आज ही के दिन यानी की 05 मार्च को राजनीतिज्ञ, पायलट और ओडिशा के सीएम रहे बीजू पटनायक का जन्म हुआ था। वह दो बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे थे। उनको वर्तमान ओडिशा का निर्माता भी कहा जाता है। बीजू पटनायक पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी के करीबी रहे। उन्होंने ओडिशा में अपनी सियासी पार्टी कलिंगा कांग्रेस बनाई और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वहीं जनता पार्टी के शासन के समय मोरारजी देसाई की सरकार में वह केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर बीजू पटनायक के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...जन्मओडिशा के गंजाम जिले में 05 मार्च 1916 को बीजू पटनायक का जन्म हुआ था। उनका असली नाम विजयानंद पटनायक था। उन्होंने राजनीति में क्रांति लाने के साथ अंग्रेजों के भी छक्के छुड़ा दिए थे। वह एक स्वतंत्रता सेनानी और जाबांज पायलट भी थे। उनको एविएशन इंडस्ट्री में दिलचस्पी थी और पायलट बनने के लिए उन्होंने पढ़ाई तक छोड़ दी थी। ट्रेनिंग लेने के बाद बीजू पटनायक ने प्राइवेट एयरलाइंस के साथ उड़ान भरनी शुरू की। वहीं सेकेंड वर्ल्ड वार में उन्होंने रॉयल इंडियन एयरफोर्स जॉइन कर ली। इसी समय पटनायक ने कलिंग एयरलाइन की भी शुरूआत की।इसे भी पढ़ें: Jamshedji Tata Birth Anniversary: भारतीय उद्योग जगत के 'भीष्म पितामह' थे जमशेदजी टाटा, अरबों का खड़ा किया साम्राज्यइंडोनेशिया के 'भूमिपुत्र'बता दें कि बीजू पटनायक बेहद साहसी थे और अपने कार्यों की वजह से कई बार वह मुसीबत में फंसे तो कई बार उनको सम्मानित किया गया। बीजू पटनायक ने इंडोनेशिया के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। पटनायक ने इंडोनेशिया के नेताओं को डच के अधिकारियों के षड्यंत्र से बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। जिसकी वजह से बीजू पटनायक ने उनको 'भूमिपुत्र' के सम्मान से नवाजा गया।कश्मीर बचाने में निभाया अहम रोलसाल 1947 में पाकिस्तानी हमलावरों ने कश्मीर पर हमला कर दिया, तब बीजू पटनायक ने कश्मीर को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बीजू एक पायलट थे और वह डकोटा डी सी-3 विमान उड़ाते थे। वहीं 27 अक्तूबर को बीजू ने अपने विमान से श्रीनगर की हवाई पट्टी के लिए उड़ान भरी और इस दौरान उन्होंने साथ में 1-सिख रेजिमेंट के 17 जवानों को भी साथ में लिया। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए कि हवाई पट्टी पर कहीं दुश्मन का कब्जा तो नहीं है। इस दौरान उन्होंने हवाई पट्टी के बेहद नजदीक से उड़ाया और जब देखा कि रास्ता एकदम साफ है, तो उन्होंने विमान को उतार दिया। वहीं भारतीय सैनिकों ने घुसपैठियों को खदेड़ दिया।सियासी सफरबीजू पटनायक ने कांग्रेस से अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। राजनीति में उन्होंने काफी लंबी और सफल पारी खेली थी। साल 1961 में पहली बार और साल 1990 में वह दूसरी बार उड़ीसा के मुख्यमंत्रीबने। फिर साल 1977 से 1980 तक पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई और चरण सिंह की सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री भी रहे। पंडित नेहरू से बीजू पटनायक की मित्रता और इंदिरा गांधी से उनके राजनीतिक मतभेद जगजाहिर हैं। वहीं पूर्व पीएम वीपी सिंह को सत्ता के शिखर पर पहुंचाने में बीजू पटनायक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन जब वीपी सिंह ने मंडल कमीशन की बात छेड़ी तो बीजू पटनायक वीपी सिंह के विरोध में उठ खड़े हुए। चीन तक मार करने वाली मिसाइलभले ही वर्तमान समय में भारत के पास एक से बढ़कर मिसाइलें हों। लेकिन बीजू पटनायक के अलावा स्व. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने सालों पहले मिसाइलों का सपना देखा था। वहीं पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने भी इसका जिक्र किया था। जिस समय डॉ कलाम डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबॉरटरी में कार्यरत थे। उस दौरान उनको मिसाइलों के परीक्षण के लिए उड़ीसा के तट पर एक द्वीप चाहिए था। इस पर बातचीत करने के लिए डॉ कलाम बीजू पटनायक से मिले। पटनायक ने कहा था कि वह डॉ कलाम को पांच द्वीप देने को तैयार हैं, लेकिन बदले में डॉ कलाम उनको ऐसी मिसाइल देने का वादा करें, जो चीन तक मार करे।मौतबता दें कि 17 अप्रैल 1997 को बीजू पटनायक का निधन हो गया था।

Mar 5, 2025 - 12:39
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Biju Patnaik Birth Anniversary: आधुनिक ओडिशा के शिल्पकार थे बीजू पटनायक, ऐसे बने राजनीति के हीरो
Biju Patnaik Birth Anniversary: आधुनिक ओडिशा के शिल्पकार थे बीजू पटनायक, ऐसे बने राजनीति के हीरो

Biju Patnaik Birth Anniversary: आधुनिक ओडिशा के शिल्पकार थे बीजू पटनायक, ऐसे बने राजनीति के हीरो

Haqiqat Kya Hai

बीजू पटनायक की जयंती हर साल 5 मार्च को मनाई जाती है। वे न केवल ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं, बल्कि एक महान उद्योगपति और समाजसेवी भी थे। आज हम उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि कैसे उन्होंने आधुनिक ओडिशा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बीजू पटनायक का जीवन और राजनीतिक करियर

बीजू पटनायक का जन्म 5 मार्च 1916 को ओडिशा के कटक में हुआ था। उनका परिवार राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय था, जिसने उनके राजनीतिक भविष्य को आकार दिया। कॉलेज की पढ़ाई के बाद, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और महात्मा गांधी के आदर्शों को अपनाया। उनके समर्पण और साहस ने उन्हें ओडिशा के लोगों के बीच एक नायक बना दिया।

बीजू पटनायक ने 1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की। वे 1961 में पहली बार ओडिशा के मुख्यमंत्री बने और 1977 में दूसरी बार इस पद पर रहे। उनके शासनकाल के दौरान ओडिशा में कई विकासात्मक योजनाएँ और कार्यक्रम लागू किए गए, जो आज भी लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण हैं।

सभ्यताओं का निर्माण: उद्योग और अर्थव्यवस्था में योगदान

बीजू पटनायक का एक महत्वपूर्ण योगदान राज्य की औद्योगिक और आर्थिक विकास में था। उन्होंने उड़ीसा में अनेक उद्योगों की स्थापना की और वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। उनकी दृष्टि और नेतृत्व ने ओडिशा को औद्योगिक क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में एक शक्तिशाली कदम उठाया।

राज्य की बुनियादी सुविधाओं के विकास में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने विद्युतीकरण, सड़क निर्माण, और शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए। बीजू पटनायक ने लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए जिस दृढ़ता और संकल्प का परिचय दिया, वह आज भी प्रेरणादायक है।

समाज सेवा का अनूठा उदाहरण

बीजू पटनायक ने समाज सेवा के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई। उन्होंने सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर काम किया। उनके प्रयासों के कारण कई समुदायों में सुधार हुआ और उन्हें "ओडिशा का शिल्पकार" कहा जाता है।

निष्कर्ष: बीजू पटनायक की विरासत

बीजू पटनायक न केवल ओडिशा के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी सोच, कार्यशैली और दृष्टि ने न केवल ओडिशा को बल्कि देश को भी एक नए दिशा दी। उनकी जयंती पर, हमें यह याद रखना चाहिए कि कैसे वे राजनीति के हीरो बने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया। उनकी सोच और कार्य आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।

इस लेख के माध्यम से हमने बीजू पटनायक के जीवन और उनके योगदान पर एक नजर डाली। बीजू पटनायक के प्रयास और उनके विचार हमेशा हमारे लिए प्रेरणा देते रहेंगे।

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