100 हेलीकॉप्टर, 9 हजार बचावकर्मी, दक्षिण कोरिया के जंगल में लगी आग ने मचाया कोहराम
दक्षिण कोरिया तीन तरफ से समुंदर से घिरा है। दक्षिण कोरिया के दक्षिणी भाग में सेंचियोंग नामक एक इलाका है। ये क्षेत्र गांजे की पत्तियों से अलग अलग प्रयोगों के लिए चर्चा में रहता है। मसलन पत्तियों से कपड़े बनाना या घरों की छत बनाने में करना। इसी सेंचियोंग नामक इलाके के जंगलों में आग लग गई। आग जल्द ही आसपास के इलाकों में भी पहुंची। अब तक इसमें जलकर चार लोगों की मौत हो चुकी है। कई घायल हैं। आग अब तक करीबन 16 हजार एकड़ में फैल चुकी है। करीब डेढ़ हजार लोग घर छोड़कर विस्थापित हो चुके हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में 9 हजार से ज्यादा कर्मचारी और 100 से ज्यादा हेलीकॉप्टर लगे हैं। लेकिन तेज और सूखी हवाएं आग को बढ़ा रही हैं। इसे भी पढ़ें: पहले चक्रवात, फिर आग! अमेरिका के जंगलों में फिर भड़की आग, लगानी पड़ गई इमरजेंसीयोनहाप न्यूज ने बताया कि सप्ताहांत में दक्षिण कोरिया के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में जंगल में लगी आग के फैलने के बाद कम से कम चार अग्निशामकों की मौत हो गई और 1,500 लोगों को निकाला गया, जिसके बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने आग पर काबू पाने के लिए "पूरी ताकत से" प्रयास करने का आह्वान किया। सिम यूई-डेओक द्वारा इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई फुटेज में सैनचियोंग के पहाड़ों में आग जलती हुई दिखाई दे रही है। राष्ट्रीय समाचार के अनुसार, सैनचियोंग में आग शुक्रवार को लगी और तब से 4,150 हेक्टेयर (10,250 एकड़) भूमि जल चुकी है। योनहाप ने कहा कि सैनचियोंग काउंटी में आग पर 70 प्रतिशत तक काबू पा लिया गया है।

100 हेलीकॉप्टर, 9 हजार बचावकर्मी, दक्षिण कोरिया के जंगल में लगी आग ने मचाया कोहराम
Haqiqat Kya Hai
दक्षिण कोरिया के जंगलों में हाल ही में लगी आग ने देश में हाहाकार मचा दिया है। इस भयानक घटना के मद्देनजर, 100 हेलीकॉप्टर और 9,000 से अधिक बचावकर्मी घटना स्थल पर तैनात किए गए हैं। यह आग इतनी तेजी से फैली कि लाखों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ और कई लोगों को evacuate करना पड़ा।
आग लगने का कारण क्या था?
विशेषज्ञों ने बताया कि ये आग मुख्यतः सूखे मौसम और तेज हवाओं के कारण लगी है। लगभग 17,000 हेक्टेयर क्षेत्र में आग फैल चुकी है, जिसमें कई वन्य जीव और पेड़-पौधे नष्ट हो गए। इसका दुष्प्रभाव स्थानीय इकोसिस्टम पर पड़ेगा जिसका असर दूरगामी होगा।
बचाव कार्य की चुनौतियाँ
बचावकर्मियों को आग पर काबू पाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर इलाके पहाड़ी और कठिन हैं, जिससे हेलीकॉप्टरों को सुरक्षित रूप से पानी डालने में कठिनाई हो रही है। इसके अलावा, धुएं और तेज हवाएं भी आग बुझाने के काम को और मुश्किल बना रही हैं।
सरकार की भूमिका
दक्षिण कोरिया की सरकार ने इस आग को नियंत्रित करने के लिए आपातकालीन स्थिति घोषित की है। प्रधानमंत्री ने स्वयं बचाव कार्यों का निरीक्षण करने के लिए फील्ड में जाकर आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही, सरकार ने पहले से ही आपातकालीन आधार पर मदद और संसाधनों का आवंटन शुरू कर दिया है।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी इस आग से बेहद चिंतित हैं। कई लोग अपनी ज़िंदगी और संपत्ति को बचाने के लिए किसी सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे हैं। राहत कार्यों में जुटी टीम ने निवासियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और लगातार दिशा-निर्देश जारी कर रही है।
निष्कर्ष
दक्षिण कोरिया के जंगल में लगी आग ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाएँ आग, जलवायु परिवर्तन, और मानवीय गतिविधियों के प्रभावों का परिणाम होती हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार, स्थानीय प्रशासन, और नागरिकों का सहयोग अत्यंत आवश्यक होगा। उम्मीद है कि हालात जल्द ही नियंत्रण में आ जाएंगे।
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