जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण मामले में हाई कोर्ट तल्ख, एसएसपी से तीखे सवाल, डीएम से भी मांगा जवाब
Amit Bhatt, Uttarakhand: उत्तराखंड के जिला नैनीताल में जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव से एन वक्त पहले कांग्रेस के 05 सदस्यों के गायब होने, उनका अपहरण किए जाने का आरोप लगने, पुलिस की मौजूदगी में गोली चल जाने और भारी हंगामे की स्थिति सामने आ चुकी है। यहां तक कि चुनाव … The post जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण मामले में हाई कोर्ट तल्ख, एसएसपी से तीखे सवाल, डीएम से भी मांगा जवाब appeared first on Round The Watch.
जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण मामले में हाई कोर्ट तल्ख, एसएसपी से तीखे सवाल, डीएम से भी मांगा जवाब
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अमित भट्ट, उत्तराखंड: उत्तराखंड के जिला नैनीताल में जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के पांच सदस्यों के गायब होने का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। आरोप लगाया गया है कि इन सदस्यों का अपहरण किया गया है। इस स्थिति के चलते पुलिस की मौजूदगी में गोली चल जाने व भारी हंगामे का आलम सामने आया है। अब तक की घटनाओं ने चुनाव की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। इस मामले को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और सोमवार को सुनवाई की।
हाई कोर्ट की तीखी टिप्पणियाँ
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने इस सुनवाई में पुलिस की लापरवाही और खुफिया एजेंसियों की विफलता को लेकर गंभीर टिप्पणियाँ कीं। खंडपीठ ने एसएसपी से पूरे मामले में मंगलवार को शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने यह भी पूछा कि कड़े सुरक्षा के बावजूद हिस्ट्रीशीटर चुनाव स्थल तक कैसे पहुँच गए।
पुलिस की कार्यवाही
इस सुनवाई के दौरान, सरकार की ओर से हल्द्वानी विधायक सुमित ह्रदयेश और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। वहीं, कांग्रेस ने अपहरण के बाद युवकों का एक वीडियो प्रस्तुत किया, जिसमें वे कह रहे थे कि "हमारा मिशन पूरा हो गया।” कोर्ट ने गायब सदस्यों के मामले में एसएसपी से उत्तर मांगा और पूछा कि सीडीआर अब तक क्यों नहीं निकलवाई गई।
भाजपा नेताओं पर आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा नेताओं ने तलवारों और पिस्टलों के दम पर सदस्यों का अपहरण किया था। इस पर पुलिस ने भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, भाजपा प्रत्याशी के पति आनंद दर्मवाल समेत 11 नामी और 15 से 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। तहरीर पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सख्त कदम उठाया।
अपहरण की अफवाहों पर सफाई
ताजातरीन घटनाक्रम में, लापता जिला पंचायत सदस्यों ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि उनका अपहरण नहीं हुआ है, बल्कि वे अपनी मर्जी से गए थे। उनका कहना है कि अफवाहें फैलाना निंदनीय है। पुलिस की मौजूदगी में मतदाता सदस्यों का अपहरण होते समय कांग्रेस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे।
आगे की कानूनी कार्रवाई
इस मामले में हाई कोर्ट ने जिला पंचायत के चुनाव परिणाम पर निर्णय नहीं लिया है। जिलाधिकारी वंदना ने बताया कि चुनाव रद्द करने का अधिकार न होने के कारण राज्य निर्वाचन आयोग से परामर्श किया गया है। इस मुद्दे पर कानूनी पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है। अगली सुनवाई मंगलवार को होगी, जिसमें कांग्रेस ने चुनाव रद्द करने की याचिका भी दायर की है।
हालांकि, इस स्थिति ने राजनीतिक गर्मी को बढ़ा दिया है, और अब पूरा देश इस मामले के उच्चतम न्यायालय के निर्णय का इंतजार कर रहा है। इस आज की सुनवाई और घटनाक्रम ने राज्य में चुनावी प्रक्रिया को लेकर उठने वाले सवालों को और गंभीर बना दिया है।
संदर्भ: इसके अलावा, राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग सभी तथ्यों का ध्यान रखकर अपना निर्णय लेने पर विचार कर रहा है। इस संबंध में अब तक की घटनाओं की जानकारी और सार्वजनिक प्रतिक्रिया भी आकर्षक विषय बन चुकी है।
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