उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की प्रक्रिया फिर से शुरू, दो जुलाई से पहला चरण
Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तराखंड द्वारा शुक्रवार, 28 जून 2025 को संशोधित अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह निर्णय नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा 27 जून को पारित आदेश के बाद लिया गया, जिसमें 23 जून को जारी … The post उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की प्रक्रिया फिर से शुरू, दो जुलाई से पहला चरण appeared first on Round The Watch.

उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की प्रक्रिया फिर से शुरू, दो जुलाई से पहला चरण
Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तराखंड द्वारा शुक्रवार, 28 जून 2025 को संशोधित अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह निर्णय नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा 27 जून को पारित आदेश के बाद लिया गया, जिसमें 23 जून को जारी स्थगन आदेश को समाप्त कर दिया गया था।
चुनाव का स्वरूप और प्रक्रिया
संशोधित अधिसूचना के अनुसार, हरिद्वार जिले को छोड़कर राज्य के अन्य 12 जिलों में ग्राम पंचायतों के सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए पंचायत चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-K में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह चुनाव कार्यक्रम घोषित किया है।
चुनाव के चरण
चुनाव दो चक्रों में होंगे और पहला चक्र 2 जुलाई से प्रारंभ होगा। पहले चक्र का नामांकन 2 जुलाई से 5 जुलाई 2025 तक होगा। नामांकन पत्रों की जांच 7 जुलाई से 9 जुलाई तक की जाएगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि 11 जुलाई निर्धारित की गई है। इसके बाद 14 जुलाई को चुनाव चिन्ह आवंटन, 27 जुलाई को मतदान, और 31 जुलाई को मतगणना एवं परिणामों की घोषणा होगी। दूसरे चक्र की विस्तृत तिथियां आगामी समय में जारी की जाएंगी।
आरक्षण विवरण और चुनाव प्रबंधन
30 जून तक देना होगा आरक्षण विवरण। संबंधित जिला मजिस्ट्रेट/ जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जिलों की सभी पंचायतों में चुनाव के लिए समस्त पदों/स्थानों का आरक्षण विवरण राज्य निर्वाचन आयोग को 30 जून 2025 तक अनिवार्य रूप से प्रेषित करें। यह जानकारी स्थानीय समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और सूचना पटों पर सार्वजनिक की जाएगी।
निर्वाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने हेतु जिला स्तर पर सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक तैयारियां समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। नामांकन, जांच, नाम वापसी और चुनाव चिन्ह आवंटन की प्रक्रिया विकासखंड मुख्यालय या जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्धारित स्थानों पर संपन्न कराई जाएगी।
गुप्त मतदान और पारदर्शिता
चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय, निष्पक्ष एवं पारदर्शी होगी। मतदान के बाद मतगणना विकासखंड या जिला मुख्यालय पर की जाएगी तथा परिणाम भी वहीं घोषित किए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया पुनः प्रारंभ की जा रही है। उन्होंने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से समुचित प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता के निर्देश भी जारी किए हैं ताकि आमजन चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी कर सकें।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की इस प्रक्रिया का इंतजार कई सामान्य नागरिकों और स्थानीय नेतृत्व के लिए महत्वपूर्ण है। इन चुनावों से जनप्रतिनिधि चुनने का मौका मिलेगा, जो स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देंगे। यह चुनाव लोकतंत्र की मजबूत नींव को और भी सुदृढ़ करने में सहायक होगा।
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