BJP ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को किया निष्कासित, दो पत्नी प्रकरण और UCC पर बयान बना कारण

देहरादून : भाजपा ने ज्वालापुर से पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता सुरेश राठौर को पार्टी The post BJP ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को किया निष्कासित, दो पत्नी प्रकरण और UCC पर बयान बना कारण first appeared on radhaswaminews.

Jun 29, 2025 - 00:39
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BJP ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को किया निष्कासित, दो पत्नी प्रकरण और UCC पर बयान बना कारण
BJP ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को किया निष्कासित, दो पत्नी प्रकरण और UCC पर बयान बना कारण

BJP ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को किया निष्कासित, दो पत्नी प्रकरण और UCC पर बयान बना कारण

देहरादून : भाजपा ने ज्वालापुर से पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता सुरेश राठौर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। निर्णय का कारण बना राठौर का व्यक्तिगत और सार्वजनिक आचरण, जिसने पार्टी की छवि को गहरा आघात पहुंचाया।

सुरेश राठौर का विवादास्पद बयान

पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने हाल ही में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर विवादित बयान देकर पार्टी की नीति का मजाक उड़ाया था। उनकी टिप्पणियों को लेकर पार्टी में असंतोष फैल गया और उन्होंने अपनी पहली पत्नी और परिवार की मौजूदगी में दूसरी महिला से विवाह कर उसे सार्वजनिक रूप से पत्नी का दर्जा दे दिया। यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में सामने आया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

सोशल मीडिया पर भड़की प्रतिक्रियाएँ

राठौर का नाम लंबे समय से अभिनेत्री उर्मिला सनावर के साथ विवादों में रहा है। दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई बार मुकदमे दर्ज कराए हैं। अब हाल ही में राठौर ने उसी अभिनेत्री से विवाह कर लिया, जिससे मामला और गर्मा गया। जब इस विवाह का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, तो पार्टी नेतृत्व ने इस पर सख्त रुख अपनाया।

पार्टी की कार्रवाई

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर भाजपा प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने सुरेश राठौर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में राठौर के अमर्यादित और अनुशासनहीन आचरण का हवाला देते हुए सात दिन में जवाब मांगा गया था।

नोटिस में कहा गया कि सुरेश राठौर की गतिविधियां लगातार मीडिया और सोशल मीडिया में पार्टी के मूल्यों और अनुशासन के विपरीत दिखाई दे रही थीं, जिससे भाजपा की सार्वजनिक छवि को ठेस पहुंची है। समय पर संतोषजनक जवाब न मिलने पर पार्टी ने उन्हें छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया।

निष्कासन का संदेश

भाजपा की यह कार्रवाई न केवल सुरेश राठौर के व्यक्तिगत जीवन के प्रति पार्टी की स्पष्ट नीति को दर्शाती है, बल्कि यह संकेत भी देती है कि पार्टी अपने अनुशासन को बनाए रखने के लिए गंभीर है। इस निर्णय ने उन नेताओं के लिए एक चेतावनी पैदा की है जो अनुशासन की सीमाओं को तोड़ते हैं।

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा अपने मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति गंभीर है, और इसे बनाए रखने के लिए किसी भी कीमत पर कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

निष्कर्ष

भाजपा द्वारा सुरेश राठौर को निष्कासित करने का मामला न केवल एक राजनीतिक पहलू है, बल्कि यह सामाजिक मानदंडों और व्यक्तिगत आचरण के महत्व को भी उजागर करता है। राठौर का मामला भारतीय राजनीति में व्यक्तिगत आचरण के प्रभाव को दर्शाता है।

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