शेख हसीना की बेटी का फ्लैट होगा जब्त,अदालत ने भेजा नोटिस
बांग्लादेश की एक अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की बेटी साइमा वाजेद पुतुल के गुलशन स्थित अपार्टमेंट को जब्त करने का आदेश दिया। प्रथोम अलो अखबार ने बताया कि ढाका मेट्रोपॉलिटन के वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश मोहम्मद जाकिर हुसैन गालिब ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) के उप निदेशक मोहम्मद मोनिरुल इस्लाम द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। याचिका में कहा गया था कि पुतुल के खिलाफ अवैध रूप से धन एकत्र करने की जांच चल रही है। बिक्री या हस्तांतरण रोकने के लिए यह संपत्ति जब्त करना आवश्यक है। इससे पहले, 5 मार्च को इसी अदालत ने पुतुल के सुचाना फाउंडेशन से संबंधित 14 बैंक खातों में 48.35 करोड़ टका को फ्रीज करने का आदेश दिया था। इसे भी पढ़ें: Chinmoy Krishna Das Bail: बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय दास को बड़ी राहत, राजद्रोह के केस में मिली जमानतएसीसी की याचिका में कहा गया है कि पुतुल के खिलाफ अवैध रूप से संपत्ति एकत्र करने के आरोपों की जांच चल रही है। इसमें कहा गया है कि संपत्ति की बिक्री या हस्तांतरण को रोकने के लिए जब्ती को आवश्यक माना गया। इससे पहले, 5 मार्च को इसी अदालत ने पुतुल द्वारा स्थापित सुचोना फाउंडेशन से संबंधित 14 बैंक खातों में जमा 483.5 मिलियन टका को फ्रीज करने का आदेश दिया था।इसे भी पढ़ें: Gujarat illegal Bangladeshi | राज्यव्यापी कार्रवाई में 6,500 लोगों को हिरासत में लिया गया, 450 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान हुईहसीना के लिए रेड नोटिस?ढाका कोर्ट ने अधिकारियों को पूर्वाचल में एक प्लॉट आवंटन से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े वाजेद के खिलाफ इंटरपोल गिरफ्तारी वारंट जारी करने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा, बांग्लादेश ने हाल ही में इंटरपोल से हसीना और 11 अन्य लोगों के लिए 'रेड नोटिस' जारी करने का अनुरोध किया है, जिन पर यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को अस्थिर करने और नागरिक अशांति भड़काने की साजिश रचने का आरोप है। असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल (मीडिया) इनामुल हक सागर ने कथित तौर पर इंटरपोल के अनुरोध की पुष्टि की, और बताया कि यह चल रही जांच और मामले की कार्यवाही से उत्पन्न हुआ है।

शेख हसीना की बेटी का फ्लैट होगा जब्त, अदालत ने भेजा नोटिस
ताजा अपडेट
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की बेटी सैफा कादर के फ्लैट पर अदालत ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उनके फ्लैट के जब्त होने की प्रक्रिया की पुष्टि करता है। यह मामला पिछले कुछ महीनों से चर्चा में था और अब यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
बातचीत की शुरुआत
सैफा कादर, जो कि एक उभरती हुई व्यवसायी हैं, पर आरोप है कि उन्होंने अपने व्यवसाय के लिए आवासीय फ्लैट का अनुचित तरीके से उपयोग किया है। अदालत के मुताबिक, यह संपत्ति कानून के अनुसार गलत तरीके से अधिग्रहित की गई थी। इस विषय पर बयान देते हुए स्थानीय अदालत ने कहा कि मामले की विस्तृत सुनवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
इस मामले में मुख्य आरोप यह है कि सैफा ने अपने पद का गलत उपयोग करते हुए एक सरकारी आवास को अपने निजी व्यवसाय के लिए बदल दिया। यूनेस्को के शिक्षण मंत्रालय में एक शिक्षिका के रूप में कार्यरत होने के बावजूद, यह मामला उनके परिवार में कई प्रश्न उठाता है। ऐसा माना जा रहा है कि अगर उनकी संपत्ति जब्त होती है, तो इसके दूरगामी प्रभाव बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति पर भी पड़ सकते हैं।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
बांग्लादेश में इस मामले पर राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ लोग इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे एक आवश्यक कदम मानते हैं। इस मामले का राजनीतिक प्रभाव इतना गहरा हो सकता है कि यह आने वाले चुनावों को भी प्रभावित कर सकता है।
आगे की प्रक्रिया
अदालत ने इस मामले पर सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी है। बांग्लादेश के नागरिकों में इस मामले के लिए μεγάλη जिज्ञासा है। जब्त होने की प्रक्रिया की बारीकियों को लेकर सभी की नजरें अदालत के फैसले पर टिक गई हैं।
निष्कर्ष
इस पूरे घटनाक्रम ने बांग्लादेश की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। अदालत द्वारा जारी नोटिस ने सैफा कादर और उनके परिवार के लिए एक नई चुनौतियों का सामना करने की दिशा में बढ़ाते हुए सबसे बड़ी परीक्षा खड़ी कर दी है। इस मामले को लेकर सभी की नजरें अदालत की अगली सुनवाई पर हैं।
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संपत्ति के लिए कानूनी लड़ाई एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन यह निश्चित रूप से बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने का अवसर बन सकती है। क्या यह मामला बांग्लादेशियन लोगों में एक नई जागरूकता लाएगा? यह तो आगे आने वाले समय में देखा जाएगा।
लेखिका: राधिका शर्मा, टीम हेतानागरी
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