ये अधिकारी करेगा बालाकोट 2.0? डोभाल से भी खतरनाक, खुद सामने बैठे मोदी, फिर जो हुआ, जयशंकर भी दंग रह गए!
जम्मू कश्मीर में आतंकी हमला हुआ और 28 लोगों की मौत की खबर है। लेकिन इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी अपना सऊदी का दौरा कैंसिल कर तुरंत भारत लौट आए और ताबड़तोड़ तरीके से उन्होंने बैठके शुरू कर दी। आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब कैसे देना है इसकी रणनीति बनाई गई। सबसे खास बात और खास तस्वीरें सामने आईं, प्रधानमंत्री मोदी जब एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उन्होंने वहीं पर अधिकारियों के साथ बैठक शुरू कर दी। इस बैठक में एनएसए अजित डोभाल मौजूद थे। इसके साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। लेकिन इसी दौरान तस्वीर में एक और अधिकारी बैठे नजर आ रहे हैं और जिससे प्रधानमंत्री मोदी डायरेक्ट बातचीत करते दिख रहे हैं। इस तस्वीर में पीएम मोदी और उस अधिकारी की बातचीत के बाद कहा जाने लगा कि इसी अधिकारी के जरिए कोई ऐसा एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है जिससे पाकिस्तान के साथ साथ अब आतंकियों की जमीन भी हिलने वाली है। इसे भी पढ़ें: अल्लाह ब्लेस यू ऑलवेज...झारखंड में मन रहा था पहलगाम आतंकी हमले का जश्न, पाकिस्तान को थैंक यू बोलने वाला गिरफ्तारइस तस्वीर को देखेंगे तो आपको पीएम मोदी के ठीक सामने अजित डोभाल और डॉ. जयशंकर बैठे नजर आते हैं। दोनों ही पीएम मोदी के खास माने जाते हैं। इससे पहले के सर्जिक स्ट्राइक या फिर बालाकोट एयरस्ट्राइक हो इन्हीं के नेतृत्व में किया गया था। लेकिन जब बड़े अधिकारी होते हैं तो जो एक्सीक्यूट करने वाले छोटे अधिकारी होते हैं उनका नाम नहीं आता है। तस्वीर में हम जिसकी बात कर रहे हैं वो विक्रम मिसरी हैं। विक्रम मिसरी विदेश सचिव हैं। जैसे पीएम मोदी प्रधानमंत्री हैं और वो किसी योजना को लेकर आते हैं तो उसको अमल में लाना मंत्रिमंडल का काम होता है। उसी तरह अजित डोभाल कोई योजना बनाते या बनवाते हैं, चाहे वो डिप्टी एनएसए हो या फिर विक्रम मिसरी हो। चर्चा के बाद कहा जा रहा है कि बालाकोट 2.0 की तैयारी की जा रही है। बालाकोट एयरस्ट्राइक भारत ने की थी उसमें भी विक्रम मिसरी का बहुत बड़ा हाथ था। सारी योजना बनाई गई थी वो विक्रम मिसरी ने बनाई थी और फिर उस योजना को अजित डोभाल ने नरेंद्र मोदी के सामने रखा था। इसे भी पढ़ें: 19 अप्रैल को होने वाला था PM मोदी का दौरा, अचानक किया गया रद्द, बड़ी साजिश का इशारा कर रही है आतंकी हमले की टाइमिंगआतंकियों को कड़ा संदेश देने की तैयारीहमले के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार गृह मंत्री अमित शाह के संपर्क में हैं। शाह ने पहले दिल्ली और फिर श्रीनगर में हुई उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में साफ कर दिया है कि आतंकी किसी भी हालत में बख्शे नहीं जाएंगे। सेना, आईबी, सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ अमित शाह की बैठक में बड़े ऑपरेशन के संकेत मिला है, ताकि आतंकियों को कठोर संदेश दिया जा सके।2022 में घाटी में 172 आतंकवादी मारे गएजम्मू-कश्मीर पुलिस ने वर्ष 2022 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया था कि कश्मीर में सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ 90 से ज़्यादा ऑपरेशनों को अंजाम दिया। इनमें 42 विदेशी सहित 172 आतंकवादी मारे गए। घाटी में मारे गए आतंकवादियों में से ज्यादातर (108) द रेजिस्टेंस फ्रंट या लश्कर-ए-तैयबा के थे। इसके साथ ही आतंकवादी समूहों में शामिल होने वाले 100 लोगों में से 74 टीआरएफ द्वारा भर्ती किए गए थे।

ये अधिकारी करेगा बालाकोट 2.0? डोभाल से भी खतरनाक, खुद सामने बैठे मोदी, फिर जो हुआ, जयशंकर भी दंग रह गए!
Haqiqat Kya Hai
लेखक: प्रिया शर्मा, राधिका वर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में भारत के रक्षा क्षेत्र में एक नई चर्चा उठी है, जिसमें कुछ अधिकारियों की भूमिका और मोदी सरकार की सुरक्षा नीति पर गहराई से विचार किया जा रहा है। विशेष रूप से, एक उच्चस्तरीय अधिकारी की चर्चा हो रही है जो बालाकोट 2.0 को अमल में लाने का कार्य करेगा। जानिए, इस अधिकारी की पहचान और उस बैठक के महत्वपूर्ण बिंदुओं को, जिसमें खुद प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल थे।
बालाकोट एयर स्ट्राइक का संदर्भ
2019 में हुए बालाकोट एयर स्ट्राइक को अभूतपूर्व सफलता के तौर पर याद किया जाता है। इस ऑपरेशन ने आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया था और भारतीय सेना की क्षमता को एक नया आयाम दिया। अब बात चल रही है कि क्या हमें बालाकोट 2.0 की आवश्यकता है? इस संदर्भ में चर्चा का मुख्य केंद्र 'डोभाल से भी खतरनाक' अधिकारी है, जो वर्तमान में इस मामले को संभालने के लिए तैयार है।
विशेष बैठक में क्या हुआ?
खुद प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, और विदेश मंत्री एस. जयशंकर एक उच्चस्तरीय बैठक में शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य देश की सुरक्षा नीतियों को फिर से रिव्यू करना और नए आतंकवादी खतरों का सामना करने की रणनीतियों पर चर्चा करना था। यह बैठक बहुत ही गहन और गंभीर थी, जिसमें कई विशेषज्ञों ने भाग लिया।
मोड़ लेने वाली रणनीतियाँ
बैठक के दौरान, उस अधिकारी ने अपने अनुभवों और दृष्टिकोण साझा किए। उनके विचार इतने प्रभावशाली थे कि पीएम मोदी ने उनकी ओर विशेष ध्यान दिया। चर्चा में आधारित डेटा और पिछले ऑपरेशनों के निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए उन्होंने जटिल समस्याओं के लिए सरल समाधान प्रस्तुत किए। इस अधिकारी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया दृष्टिकोण पेश किया, जिसे सुनकर जयशंकर भी दंग रह गए।
क्या होगा आगे?
इस बैठक के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार आतंकवाद पर कड़ी नज़र रखेगी और भविष्य में अतिरिक्त कदम उठाने के लिए तैयार है। बालाकोट 2.0 की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है, और यदि यह अधिकारी अपनी योजनाओं को लागू करने में सफल होते हैं, तो यह भारतीय रक्षा इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।
निष्कर्ष
भारत की सुरक्षा हमेशा से प्राथमिकता रही है, और इस बार भी सरकार इस मामले में गंभीर है। अधिकारियों के बीच की बातचीत स्पष्ट करती है कि भविष्य में सख्त और अति व्यवस्थित सुरक्षा उपायों को लागू किया जाएगा। अब देखना होगा कि यह अधिकारी अपनी योजनाओं को कितनी अच्छी तरह लागू करता है।
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