महाराष्ट्र: 13 साल की बच्ची का यौन उत्पीड़न करता था 51 साल का खूसट- बुड्ढा, कोर्ट ने सुनाई जेल में सड़ने की सजा
महाराष्ट्र के ठाणे से एक हैवानियत की घटना सामने आयी है। एक अदालत ने 2019 में एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने के लिए 51 वर्षीय व्यक्ति को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। ऐसी घटनाओं की सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए क्योंकि इससे समाज में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी और दोषसिद्धि अपराधियों के लिए एक निवारक के रूप में काम करेगी, अभियोजन पक्ष ने बुधवार को पारित आदेश में विशेष POCSO अदालत के न्यायाधीश डीएस देशमुख के हवाले से कहा गया। इसे भी पढ़ें: Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव के दिन दिल्ली के सभी 700 बाजारों में होगी छुट्टी, कर्मचारियों की भी नहीं कटेगी सैलरीविशेष लोक अभियोजक संध्या एच मात्रे ने अदालत को बताया कि 5 जुलाई, 2019 को, पीड़िता, जो उस समय 13 वर्ष की थी और कक्षा 9 में पढ़ती थी, ठाणे के मुंब्रा इलाके में अपने स्कूल जा रही थी, जब आरोपी मोइज हातिम रामपुरवाला ने उसका पीछा किया और उसे अनुचित तरीके से छुआ।अभियोजन पक्ष ने कहा लड़की ने उसके प्रयासों का विरोध किया, शोर मचाया और उस व्यक्ति पर छाते से वार किया, जिसके बाद वहां से गुजर रही एक महिला वहां पहुंची और उसने पीड़िता को बचाया, जबकि आरोपी भाग गया। पीड़िता और महिला ने उस व्यक्ति का उसके घर तक पीछा किया और बाद में उसे पकड़ लिया,। इसे भी पढ़ें: Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव के दिन दिल्ली के सभी 700 बाजारों में होगी छुट्टी, कर्मचारियों की भी नहीं कटेगी सैलरीलड़की और महिला ने बाद में पुलिस से संपर्क किया और उस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। न्यायाधीश देशमुख ने बुधवार को यौन उत्पीड़न के आरोपों और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोपी को दोषी ठहराया। अभियोक्ता ने न्यायाधीश के हवाले से कहा कि इन दिनों नाबालिग लड़कियों के खिलाफ इस तरह के अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन पीड़ित शायद ही कभी शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे आते हैं।

महाराष्ट्र: 13 साल की बच्ची का यौन उत्पीड़न करता था 51 साल का खूसट- बुड्ढा, कोर्ट ने सुनाई जेल में सड़ने की सजा
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: सुमन कुमारी, टीम नेतानागरी
महाराष्ट्र में एक गंभीर घटना सामने आई है जिसमें 13 साल की एक बच्ची के यौन उत्पीड़न के मामले में 51 वर्षीय व्यक्ति को अदालत ने सजा सुनाई है। यह मामला न केवल समाज में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाता है बल्कि हमें सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर हमारे समाज में ऐसी घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं।
घटना का विवरण
घटना की शुरुआत तब हुई जब बच्ची ने अपने माता-पिता को बताया कि एक स्थानीय व्यक्ति, जो कि 51 वर्ष का है, उसे लगातार शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। आरोपी व्यक्ति 'खूसट-बुड्ढा' के नाम से मशहूर था और उसकी पास के इलाके में एक भयावह छवि बन चुकी थी। बच्ची ने अपनी दास्तान सुनाने के बाद अपने माता-पिता का सहारा लिया और FIR दर्ज कराई।
कोर्ट का निर्णय
कोर्ट ने सभी सबूतों को देखते हुए आरोपी को दोषी ठहराया और उसे कठोर सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में नरमी नहीं बरती जानी चाहिए क्योंकि इसका समाज पर गहरा असर पड़ता है। कोर्ट ने आदेश दिया कि वह जेल में 'सड़ने' की सजा भुगते, जिससे यह माध्यम बने कि भविष्य में कोई भी इस तरह के जघन्य अपराध करने की संभावना न रखे। यह फैसला कई लोगों के लिए आशा का स्रोत बन सकता है कि न्याय मिल सकता है।
समाज पर प्रभाव
यह घटना हम सभी को एक कड़ी चेतावनी देती है कि हमारे समाज में ऐसी स्थितियों को रोका जाए। इस प्रकार के मामलों में न केवल कानूनी सहायता, बल्कि मानसिक और सामाजिक सहायता भी आवश्यक है। सभी को एक साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे बच्चे सुरक्षित रहें और उन्हें संरक्षण मिल सके।
निष्कर्ष
आखिरकार, ऐसी घटनाओं के खिलाफ हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम ऐसे अपराधों को रोकने के लिए जागरूक रहें और बच्चों की सुरक्षा के प्रति गंभीर हों। न्यायालय का यह निर्णय हमें बताता है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि हमारे समाज में सुरक्षा और शांति वापस लौटी सके।
समाज को इस दिशा में आगे बढ़ना होगा और अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण तैयार करना होगा।
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