भूकंप के झटकों से थर्राया अफगानिस्तान, रिक्टर पैमाने पर 5.6 रही तीव्रता
अफगानिस्तान में 5.8 तीव्रता का भूकंप आने के बाद दिल्ली-एनसीआर में भी झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप 130 किलोमीटर की गहराई पर था। इससे पहले 16 अप्रैल को भी अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने बताया कि बुधवार सुबह अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र सहित भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए। एनसीएस के अनुसार, भूकंप 75 किलोमीटर की गहराई पर आया। 5.9 तीव्रता का भूकंप गंभीर क्षति पहुंचाने के लिए काफी शक्तिशाली माना जाता है, खासकर भूकंप के केंद्र के पास। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने या नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई थी।इसे भी पढ़ें: पहले हमास को थैंक्यू, अब तालिबान को आतंकवादी ग्रुप मानने से इनकार, अमेरिका के Exit के बाद रूस फिर से अफगानिस्तान में Entry लेने वाला है?सोशल मीडिया पर भूकंप के बारे में संदेशों की बाढ़ आ गई, तथा दिल्ली और पड़ोसी क्षेत्रों के लोगों ने भूकंपीय गतिविधि के अपने अनुभव साझा किए। पहले की रिपोर्टों में भूकंप की तीव्रता 6.9 बताई गई थी। हालांकि, बाद में इसमें संशोधन किया गया। 16 अप्रैल को ही क्षिण-पश्चिम ऑस्ट्रेलियाई तट से दूर बुधवार को 6.6 तीव्रता का भूकंप आया, लेकिन सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप का केन्द्र अल्बानी से 2,069 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में हिंद महासागर में 10 किलोमीटर की गहराई पर था। संयुक्त ऑस्ट्रेलियाई सुनामी चेतावनी केन्द्र ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया या अंटार्कटिका के लिए सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई।

भूकंप के झटकों से थर्राया अफगानिस्तान, रिक्टर पैमाने पर 5.6 रही तीव्रता
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: राधिका जोशी, टीम नेतानागरी
अफगानिस्तान में भूकंप का कहर
हाल ही में अफगानिस्तान में एक भूकंप ने हम सभी को चिंतित कर दिया है। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.6 मापी गई, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला डाला। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्वी हिस्से में था, जिससे न केवल स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई, बल्कि कई संरचनाओं को भी नुकसान पहुँचाया।
भूकंप का समय और स्थान
रविवार की सुबह, स्थानीय समयानुसार 9:44 बजे, भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र तकरीबन 20 किमी की गहराई में स्थित था। भूकंप की तीव्रता को देखकर विशेषज्ञों ने पहले से ही चेतावनी जारी की थी, लेकिन इस घटना ने सभी को चौका दिया।
जिला प्रभावित
भूस्खलन और दरकने वाली इमारतों की खबरें आ रही हैं, विशेषकर बदख्शान और नंगरहार प्रांतों से। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के भूकंप क्षेत्र में सामान्य हैं, लेकिन इसकी तीव्रता और समय ने सभी को चिंतित कर दिया है।
प्रभावित नागरिकों की स्थिति
भूकंप के झटके के बाद कई नागरिकों में घबराहट फैल गई। अस्पतालों में घायल लोगों की संख्या बढ़ने लगी। विभिन्न संगठनों ने राहत कार्य के लिए सहायता जुटाई है। वहां के लोग अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
भूकंप के बाद कई देशों ने अफगानिस्तान को सहायता का आश्वासन दिया है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने स्थिति पर नजर रखने का वादा किया है। इससे यह साबित होता है कि वैश्विक समुदाय इस कठिन समय में अफगानिस्तान के साथ खड़ा है।
निष्कर्ष
यह भूकंप केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं है, बल्कि हमें यह याद दिलाता है कि प्राकृतिक घटनाएँ हमारी तैयारी और प्रतिक्रिया की क्षमता की परख लेती हैं। हमें संकट के इस समय में एकजुट होकर अपने भाइयों और बहनों की मदद करनी चाहिए।
अफगानिस्तान के लोग इस कठिन समय से न केवल उबरेंगे, बल्कि एकजुट होकर फिर से खड़े होंगे। जिससे यह साबित होगा कि मुश्किल समय में मानवता की भावना और अधिक मजबूत हो जाती है।
भविष्य में और अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट haqiqatkyahai.com पर जाएं।
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