बढ़ गई भारत के पासपोर्ट की ताकत, अब 59 देशों में बिना वीजा के कर सकते हैं यात्रा
महानाद डेस्क : हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में ऊंची छंलांग लगाते हुए विगत 6 महीनों में भारतीय पासपोर्ट 85वें स्थान से 77वें स्थान पर पहुंच गया है। हेनली पासपोर्ट इंडेक्स पासपोर्ट की ताकत को उन देशों की संख्या के आधार पर मापता है, जहां बिना वीजा के यात्रा की जा सकती है। भारतीय पासपोर्ट पर अब […]

बढ़ गई भारत के पासपोर्ट की ताकत, अब 59 देशों में बिना वीजा के कर सकते हैं यात्रा
महानाद डेस्क : हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में ऊंची छंलांग लगाते हुए विगत 6 महीनों में भारतीय पासपोर्ट 85वें स्थान से 77वें स्थान पर पहुंच गया है। हेनली पासपोर्ट इंडेक्स पासपोर्ट की ताकत को उन देशों की संख्या के आधार पर मापता है, जहां बिना वीजा के यात्रा की जा सकती है।
भारतीय पासपोर्ट पर अब 59 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश की सुविधा प्राप्त है, जो पहले से अधिक है। यह खबर देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यह दर्शाता है कि भारत की वैश्विक स्थिति में सुधार हो रहा है। वहीं अमेरिका और ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली पासपोर्ट धीरे-धीरे कमजोर हो रहे हैं।
भारतीय पासपोर्ट की स्थिति
हेनली एंड पार्टनर्स के सीईओ डॉ. जुएर्ग स्टेफेन ने बताया कि वैश्विक गतिशीलता में एक बड़ा बदलाव हो रहा है, जो राजनीतिक और कूटनीतिक बदलावों से प्रभावित हो रहा है। अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिक अब वैकल्पिक निवास और नागरिकता की तलाश कर रहे हैं। ये देश आत्मकेंद्रित नीतियां अपना रहे हैं, जिससे उनके पासपोर्ट की ताकत कम हो रही है।
विभिन्न देशों की स्थिति
वर्तमान में, 193 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश के साथ सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट है। जापान और दक्षिण कोरिया 190 देशों के साथ दूसरे स्थान पर हैं, जबकि फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली, फिनलैंड, डेनमार्क और आयरलैंड 189 देशों के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो सऊदी अरब के पासपोर्ट में सबसे ज्यादा सुधार हुआ है, जिसमें 4 नए देश जोड़े गए हैं। साथ ही, संयुक्त अरब अमीरात पिछले 10 वर्षों में 34 पायदान की छलांग लगाते हुए 8वें स्थान पर पहुंच गया है। चीन ने भी अपने पासपोर्ट की स्थिति में सुधार किया है।
क्या यह बदलाव महत्वपूर्ण है?
पारंपरिक दृष्टिकोण से, पासपोर्ट केवल एक यात्रा दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह देश की कूटनीतिक ताकत और अंतरराष्ट्रीय रिश्तों का प्रतीक है। बढ़ती असमानता और जियो-पॉलिटिकल अनिश्चितता के दौर में, गतिशीलता और नागरिकता की योजना बनाना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी है। भारतीय पासपोर्ट की ताकत में यह वृद्धि न केवल भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा की सुविधा बढ़ाती है, बल्कि देश की अंतरराष्ट्रीय पहचान को भी मजबूत करती है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, भारतीय पासपोर्ट की क्षमता में वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है, जो दर्शाती है कि भारत ने वैश्विक मंच पर खुद को मजबूती से स्थापित किया है। यह भारतीय नागरिकों के लिए अधिक यात्रा के अवसर पैदा करेगा, और साथ ही देश की कूटनीतिक स्थिति को भी सशक्त बनाएगा।
इसके अलावा, यह समय है भारत के नागरिकों के लिए और अधिक इंटरैक्टिव यात्रा अनुभवों का लाभ उठाने का। अगर आप किसी यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो ये जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी हो सकती है।
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