एक लड़की ने की दो भाईयों से शादी, एक करता है सरकारी नौकरी तो दूसरा विदेश में

महानाद डेस्क : हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र के कुन्हट गांव की एक युवती ने थिंडो खानदान के दो सगे भाइयों से पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शादी रचाई। शादी में गांव के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आपको बता दें कि सिरमौर जिले के शिलाई गांव के प्रदीप नेगी और कपिल […]

Jul 20, 2025 - 18:39
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एक लड़की ने की दो भाईयों से शादी, एक करता है सरकारी नौकरी तो दूसरा विदेश में
एक लड़की ने की दो भाईयों से शादी, एक करता है सरकारी नौकरी तो दूसरा विदेश में

एक लड़की ने की दो भाईयों से शादी, एक करता है सरकारी नौकरी तो दूसरा विदेश में

महानाद डेस्क: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र के कुन्हट गांव की एक युवती ने थिंडो खानदान के दो सगे भाइयों से पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शादी रचाई। इस अद्भुत घटना में गाँव के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। यह शादी समाज में एक नया और विशेष संदेश उत्पन्न करते हुए परंपरा और आधुनिकता का एक अद्भुत मेल है।

खास शादी की खास बातें

सिरमौर के शिलाई गाँव के प्रदीप नेगी और कपिल नेगी, जिन्होंने सुनीता चौहान को लेकर बारी-बारी से सात फेरे लिए, यह विवाह एक अनूठा उदाहरण है जब बहुपति विवाह की प्रथा को खुलेआम मनाया गया। शादी में परिजनों के साथ-साथ गाँववाले भी शामिल हुए, जिसने इस परंपरा को एक नई पहचान दी। इसके साथ ही, यह घटना विवाह के मानक रूपों को चुनौती देते हुए प्रेम, विश्वास, और सहमति का प्रतीक बनी।

शादी का उद्देश्य

प्रदीप नेगी, जो जल शक्ति विभाग में कार्यरत हैं, ने बताया कि यह विवाह आपसी सहमति से किया गया था। उनके अनुसार, “यह विश्वास, देखभाल और साझा जिम्मेदारी का प्रतीक है। हमें अपनी विरासत पर गर्व है।” वहीं, कपिल नेगी, जो विदेश में हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में कार्यरत हैं, ने कहा, “हम हमेशा पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। भले ही मैं दूर रहूं, इस विवाह से हमारी पत्नी को एक संयुक्त परिवार का सहयोग और सुरक्षा मिलेगी।”

बहुपति प्रथा की महत्ता

इस विवाह का मुख्य उद्देश्य संयुक्त परिवार के संरक्षण और संपत्ति के बंटवारे से बचना है। इसे 'जोड़ीदार प्रथा' भी कहा जाता है और हिमाचल प्रदेश में इसे कानूनी मान्यता प्राप्त है। इस प्रकार के विवाह केवल व्यक्तिगत प्रेम तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह समाज और संस्कृति में संतुलन बनाए रखने का एक तरीका हैं।

अन्य पहाड़ी क्षेत्र में परंपरा

ध्यान देने योग्य बात यह है कि किन्नौर, लाहौल, और स्पीति जैसे अन्य पर्वतीय जिलों में भी इस प्रकार की प्रथा अभी भी जीवित है। यह स्पष्ट है कि थिंडो खानदान और सुनीता ने परंपरा को पुनर्जीवित करने का एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। यह न केवल एक नया विचार है, बल्कि यह विभिन्न क्षेत्रों में समान दृष्टिकोण पेश करता है जो भविष्य में अधिक लचीलेपन और समग्रता की तरफ इशारा करते हैं।

निष Conclusion

इस विवाह ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश दिया है—पारंपरिकता और आधुनिकता का मेल कैसे संभव है। इसने यह दर्शाया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में सांस्कृतिक विविधता को समझने और स्वीकारने की आवश्यकता है। शादी के इस समारोह ने न केवल समाज को एक चेतावनी दी है बल्कि यह उनके लिए भी एक प्रेरणा है जो पारंपरिक रीति-रिवाजों को सम्मान देने का प्रयास कर रहे हैं। आने वाले समय में, ऐसी घटनाएँ हमारी संस्कृति को और समृद्ध बनाएँगी और हमारे समाज में नई सोच का संचार करेंगी।

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Written by: Rina Sharma, Neha Gupta, Team haqiqatkyahai.

Keywords:

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