उत्तराखंड: जल जीवन मिशन में गड़बड़झाले पर कई इंजीनियरों पर तलवार

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड पेयजल निगम में जल जीवन मिशन के तहत शुरू हुए कार्यों में बड़े पैमाने पर घोटाले और अनियमितताएं सामने आ रही हैं। हाल ही में प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद मुख्य अभियंता कुमाऊं के खिलाफ विजिलेंस जांच और निलंबन की कार्रवाई के बाद अब कई अन्य इंजीनियरों पर … The post उत्तराखंड: जल जीवन मिशन में गड़बड़झाले पर कई इंजीनियरों पर तलवार appeared first on Round The Watch.

Jul 20, 2025 - 18:39
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उत्तराखंड: जल जीवन मिशन में गड़बड़झाले पर कई इंजीनियरों पर तलवार
उत्तराखंड: जल जीवन मिशन में गड़बड़झाले पर कई इंजीनियरों पर तलवार

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Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड पेयजल निगम में जल जीवन मिशन के तहत शुरू हुए कार्यों में बड़े पैमाने पर घोटाले और अनियमितताएं सामने आ रही हैं। हाल ही में प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद मुख्य अभियंता कुमाऊं के खिलाफ विजिलेंस जांच और निलंबन की कार्रवाई के बाद अब कई अन्य इंजीनियरों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है। इस मामले ने विभागीय हलकों में हड़कंप मचा दिया है।

जांच की गहनता और प्रभाव

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, निगम मैनेजमेंट ने जल जीवन मिशन सहित अन्य लघु एवं दीर्घ योजनाओं के कार्यों में सामने आई गड़बड़ियों की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कई योजनाओं में टेंडर आवंटन, साइट सेलेक्शन, डिजाइनिंग और निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। यह दर्शाता है कि किस तरह से परियोजना में लगे अधिकारियों ने केंद्र की महत्वाकांक्षी योजनाओं का इस्तेमाल अपनी गलतियों को छिपाने में किया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट

जांच में यह भी सामने आया कि कई योजनाओं पर करोड़ों रुपये का बजट खर्च होने के बावजूद ग्रामीणों को आज तक स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पाया। भ्रष्टाचार के मामले में यह बातें चौंकाने वाली हैं, जहाँ पाइपलाइन बिछाने और टंकियों के निर्माण में घोटालेबाज़ी हुई है। योजनाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि संरचना घटिया थी और कार्य पूर्ण नहीं हुए।

भ्रष्टाचार में बड़े अधिकारियों की भूमिका

सूत्रों का कहना है कि सिर्फ फील्ड इंजीनियर ही नहीं, बल्कि मैनेजमेंट स्तर पर बैठे अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। ठेकेदारों को बिना योग्यता के काम दिए गए और काम में गुणवत्ता की अनदेखी कर भारी घपला किया गया। इस व्यवहार ने न केवल योजना के विकास को प्रभावित किया, बल्कि समग्र सरकारी पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए हैं।

सख्ती से उपयुक्त कार्रवाई की तैयारी

जल निगम प्रबंधन की ओर से संकेत दिए गए हैं कि जल्द ही कुछ और इंजीनियरों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। कई योजनाओं में भुगतान के बावजूद काम अधूरा या न के बराबर है। फर्जी बिलिंग, घटिया सामग्री और बिना साइट विजिट के पेमेंट जैसी गंभीर अनियमितताएं उजागर हुई हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए और सभी दोषियों को सजा मिले।

जांच समिति और पारदर्शिता की नीति

इन सभी मामलों को लेकर उच्च स्तर पर जांच बैठा दी गई है। विजिलेंस और विभागीय जांच दोनों स्तर पर कार्रवाई तेज़ कर दी गई है। विभाग का कहना है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उत्तराखंड में जल जीवन मिशन जैसी महत्वाकांक्षी योजना की आड़ में घोटाले का यह मामला शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही की नीति पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है। उच्च अधिकारियों द्वारा की गई जाँच से उम्मीद है कि ऐसी योजनाओं में सुधार और जिम्मेदारी का विस्तार होगा।

जल जीवन मिशन में गड़बड़झाले की यह घटनाएँ न केवल सरकारी योजनाओं पर बल्कि हमारे समाज में जल व्यवस्था पर भी सवाल उठाती हैं। इस तरह के घोटालों से बचने के लिए सुधार प्रक्रिया की आवश्यकता है।

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शीर्षक और तथ्य को ध्यान में रखते हुए, यह एक सकारात्मक कदम के रूप में कार्य करेगा। यह न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मील का पत्थर होगा, बल्कि यह यह भी दिखायेगा कि सरकार अपने नागरिकों की भलाई के लिए कितनी गंभीर है।

Written by: Team haqiqatkyahai

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