राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में किया 11 वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ

महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में 11 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ करते हुए योग को भारत की चेतना और विरासत का केंद्र कहा तथा इसे भारत की सॉफ्ट पावर का भी सशक्त उदाहरण बताया। महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि योग एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से, एक समुदाय को दूसरे समुदाय से […]

Jun 22, 2025 - 00:39
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राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में किया  11 वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में किया 11 वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में 11 वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ

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महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में 11 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ करते हुए योग को भारत की चेतना और विरासत का केंद्र बताया। उन्होंने इसे भारत की सॉफ्ट पावर का सशक्त उदाहरण करार दिया, जिसने वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त की है। इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि योग सिर्फ एक शारीरिक क्रिया नहीं बल्कि यह व्यक्तिगत, सामुदायिक और राष्ट्रीय स्वास्थ्य का आधार होता है।

योग - एक व्यापक दृष्टिकोण

महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि योग एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से, एक समुदाय को दूसरे समुदाय से तथा एक देश को दूसरे देश से जोड़ने का कार्य करता है। "जब व्यक्ति स्वस्थ होता है, तो उसका परिवार स्वस्थ होता है, और जब परिवार स्वस्थ होता है, तो राष्ट्र भी स्वस्थ होता है।" राष्ट्रपति ने यह बात स्पष्ट की कि योग का प्रभाव न केवल बुनियादी स्वास्थ्य पर, बल्कि सामाजिक एकता और शांति में भी गहरा होता है।

राज्यपाल का संदेश

इस अवसर पर राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने भी योग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह एक जीवित संस्कृति का हिस्सा है जो भारतीय समाज की आत्मा को दर्शाती है। "इस वर्ष की योग दिवस की थीम 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' न केवल भारत के लिए, बल्कि संपूर्ण पृथ्वी के लिए एक सकारात्मक संदेश है," उन्होंने जोड़ा।

उत्तराखंड की योग नीति 2025 का परिचय

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से तैयार की गई भारत की पहली योग नीति-2025 की विशेषताएं साझा कीं। उन्होंने कहा कि यह नीति राज्य में योग का अनुसंधान और उद्यमिता को बढ़ावा देने का काम करेगी। इस नीति के तहत, योग और ध्यान केंद्रों की स्थापना हेतु 20 लाख रुपए तक का पूंजीगत अनुदान दिया जाएगा।

योग के उद्देश्य और लक्ष्य

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कम से कम पांच नए योग हब्स की स्थापना होगी और मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर्स में योग सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही, एक विशेष ऑनलाइन योग प्लेटफार्म विकसित किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह नीति पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर को समसामयिक अवसरों से जोड़ने में सहायक साबित होगी।

समापन विचार

इस तरह, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का यह समारोह केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए स्वास्थ्य, शांति और समरसता का प्रतीक बन चुका है। जैसे-जैसे योग का संदेश फैलता है, हर व्यक्ति और समुदाय को इसके लाभों का अनुभव होगा। राष्ट्रपति मुर्मू और राज्यपाल सिंह के प्रयासों से, योग न केवल भारत की पहचान बना, बल्कि यह सभी के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करेगा।

योग के माध्यम से स्वास्थ्य और मानसिक शांति की ओर इस यात्रा में शामिल होने के लिए सभी को प्रेरित करने का यह मौका है। बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर समाज और बेहतर विश्व की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

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