पेन हवा में उछालते हुए भारत के दुश्मन पर ट्रंप ने लिया बड़ा एक्शन, जिनपिंग देने लगे मुकदमा दायरे करने की धमकी
अमेरिका का दोबारा राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप जो एक के बाद एक फैसले ले रहे हैं, उससे दुनियाभर में हड़कंप मचा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐसा फैसला लिया जिससे कनाडा, मैक्सिको और चीन बौखला गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले के बाद ट्रेड वर्ल्ड वॉर शुरू होने की आशंका बढ़ गई है। ट्रंप ने भारत के दो दुश्मन देश चीन और कनाडा समेत मैक्सिको के खिलाफ एक बड़ा फैसला लिया। जिसमें इन तीन देशों से आने वाले समान पर टैरिफ टैक्स को कई गुणा बढ़ा दिया गया। जिससे बवाल मच गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन से आने वाले समान पर एक झटके में अचानक कई गुणा टैरिफ बढ़ा दिया है। जिसमें कनाडा पर 25 फीसदी टैक्स लगाया। मैक्सिको पर 25 फीसदी टैक्स लगाया और चीनी सामान पर 10 प्रतिशत टैरिफ टैक्स लगाया गया। वहीं इस टैक्स को लगाने के पीछे ट्रंप ने दो वजहें भी बताई। जिसमें पहली वजह आर्थिक घाटा और दूसरे इन देशों से आने वाली ड्रग्स को बताया। इसे इंटरनेशनल इमरजेंसी एक्ट के तहत लगाने की बात करते हुए ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षित करने के लिए ये कदम उठाना जरूरी था। इसे भी पढ़ें: इस देश ने किया अमेरिका का तगड़ा इलाज, टैरिफ लगाने चले थे ट्रंपअमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कदम के बाद तीनों देशों ने ट्रंप के आदेश के सामने झुकने से इनकार किया है। ट्रेड वॉर छिड़ने की आशंका बढ़ गई है। कनाडा और मेक्सिको ने कहा कि वे भी अमेरिकी सामान पर टैरिफ लगाने जा रहे हैं। चीन ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में मुकदमा दायर करेंगे। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि चीन चीनी वस्तुओं पर अमेरिका के अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ का दृढ़ता से विरोध करता है। इसकी कड़ी निंदा भी करता है। चीन विश्व व्यापार संगठन के पास मामला दायर करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी कदम भी उठाएगा। इसे भी पढ़ें: Mexico और Canada के बाद Donald Trump के फैसले पर भड़का चीन, अमेरिकी टैरिफ को देगा चुनौतीट्रम्प ने टैरिफ क्यों लगाया?व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अवैध आप्रवासन को रोकने और हमारे देश में जहरीली फेंटेनाइल और अन्य दवाओं के प्रवाह को रोकने के अपने वादों के लिए मेक्सिको, कनाडा और चीन को जवाबदेह ठहराने के लिए साहसिक कार्रवाई कर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने टैरिफ पर एक तथ्य पत्र में कहा कि आदेश स्पष्ट करते हैं कि अवैध वितरण नेटवर्क के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका में फेंटेनाइल जैसी प्रतिबंधित दवाओं के प्रवाह ने सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट सहित एक राष्ट्रीय आपातकाल पैदा कर दिया है। ट्रम्प प्रशासन ने आरोप लगाया कि चीनी अधिकारी ज्ञात आपराधिक कार्टेल में पूर्ववर्ती रसायनों के प्रवाह को रोकने और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठनों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग को बंद करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने में विफल रहे हैं।

पेन हवा में उछालते हुए भारत के दुश्मन पर ट्रंप ने लिया बड़ा एक्शन, जिनपिंग देने लगे मुकदमा दायरे करने की धमकी
Haqiqat Kya Hai
हाल ही में, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अनोखा कदम उठाया है, जो न केवल अमेरिका बल्कि भारत के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने हाल ही में एक घटना के दौरान पेन (कलम) को हवा में उछालते हुए भारत के दुश्मनों के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की। वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें मुकदमा दायर करने की धमकी दी है। इस घटनाक्रम ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है।
घटना का तत्कालीन संदर्भ
बात उस समय की है जब ट्रंप एक प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने भारत के सामरिक हितों के खिलाफ जो भी गतिविधियाँ हो रही हैं, उनकी कड़ी निंदा की। ट्रंप का कहना है कि अमेरिका भारत का सशक्त मित्र है और किसी भी प्रकार के द्विपक्षीय संबंधों में कमी नहीं आने दी जाएगी। इस दौरान, ट्रंप ने अपनी कलम को हवा में उछलते हुए दिखाया, जो एक प्रतीकात्मक इशारा था, बुराई पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता का।
शी जिनपिंग की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद शी जिनपिंग का पलटवार भी आया। उन्होंने ट्रंप को चेतावनी दी है कि अगर वह इस प्रकार की बयानबाजी जारी रखते हैं, तो चीन उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। जिनपिंग का ये कथन चीन की आंतरिक सुरक्षा और प्रबंधन के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाता है। लेकिन क्या यह सब बातें राजनीतिक संघर्ष की एक नई पंक्ति को जन्म देंगी? यह देखना होगा।
भारत-चीन संबंधों पर प्रभाव
यह घटना भारत-चीन संबंधों पर क्या प्रभाव डालेगी? भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का समर्थन भारत के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर जब वैश्विक मुद्दों की बात आती है। ट्रंप के इस कदम से भारत को एक नई ताकत मिल सकती है, जिससे वह चीन के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाए रख सकता है।
समापन विचार
अंत में, यह कहना उचित होगा कि ट्रंप द्वारा उठाया गया कदम और जिनपिंग की प्रतिक्रिया, दोनों ही देशों के बीच के तनाव को बढ़ा सकते हैं। भारत के संदर्भ में, यह घटनाक्रम केवल एक साधारण राजनीतिक बयानबाजी से परे है, बल्कि यह देशों के बीच गहराई से जुड़े संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है। इस प्रकार की गतिविधियों पर नज़र रखना आवश्यक है।
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