पहलगाम हमले पर फूटा तुलसी गबार्ड का गुस्सा, बताया भयानक इस्लामी आतंकवाद, बोलीं- हम भारत के साथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद कि भारत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या करने वाले प्रत्येक आतंकवादी और उनके समर्थकों की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें दंडित करेगा, अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने शुक्रवार को इस्लामी आतंकवादी हमले की निंदा की और कहा कि अमेरिका अपराधियों की तलाश में भारत का समर्थन करेगा। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने ट्वीट कर कहा कि हम पहलगाम में 26 हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए भीषण इस्लामी आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत के साथ एकजुटता में खड़े हैं। इसे भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमले पर सियासत शुरू, कांग्रेस का सवाल, क्या PM मोदी लेंगे इस चूक की जिम्मेदारी, क्या गृह मंत्री देंगे इस्तीफा? तुलसी गबार्ड ने आगे लिखा कि मेरी प्रार्थनाएं और गहरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजन खो दिए हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के सभी लोगों के साथ हैं। हम आपके साथ हैं और इस जघन्य हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की तलाश में आपका समर्थन करते हैं। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस, ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली उन विश्व नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने बुधवार को पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की। पाकिस्तान, चीन, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, सिंगापुर और श्रीलंका के विदेश कार्यालयों ने भी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने पहलगाम में हुए हमले की कड़ी निंदा की है तथा इस बात पर जोर दिया है कि आम नागरिकों पर हमले किसी भी परिस्थिति में अस्वीकार्य हैं। मंगलवार को पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में यह सबसे घातक हमला था। पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की। इसे भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमले के बीच PM Modi से मिले चंद्रबाबू नायडू, सरकार को दिया अपना पूरा समर्थन बुधवार को यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन ने पहलगाम हमले को ‘‘घृणित’’ करार दिया और कहा कि यूरोप भारत के साथ खड़ा है। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पहलगाम में आज हुए जघन्य आतंकी हमले ने कई निर्दोष लोगों की जान ले ली। मैं नरेन्द्र मोदी और आज शोक मना रहे हर भारतीय के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। मैं जानती हूं कि भारत की भावना अटूट है। आप इस मुश्किल घड़ी में मजबूती से खड़े रहेंगे और यूरोप आपके साथ खड़ा रहेगा।’’ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर और विदेश मंत्री डेविड लैमी ने सोशल मीडिया पर भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।

पहलगाम हमले पर फूटा तुलसी गबार्ड का गुस्सा, बताया भयानक इस्लामी आतंकवाद, बोलीं- हम भारत के साथ
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: साक्षी रस्तोगी और निधि प्रताप सिंह, टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक हमले ने देश को हिलाकर रख दिया है। इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री तुलसी गबार्ड का गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने इसे भयानक इस्लामी आतंकवाद की संज्ञा दी है। उनकी भावनाएं सिर्फ व्यक्तिगत नहीं हैं, बल्कि यह समाज और देश के लिए एक संदेश भी हैं कि हम ऐसे आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एकजुट हैं।
तुलसी गबार्ड का बयान
ग Baar्ड ने कहा है, "इस प्रकार के हमलों से हमारा मनोबल नहीं टूटेगा। यह स्पष्ट है कि इस्लामी आतंकवाद केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए खतरा है। हम भारत के साथ हैं और अपनी सेना का समर्थन करते हैं। हमें एकजुट होकर इस खतरे का सामना करना होगा।"
हमले की पृष्ठभूमि
पहलगाम में ये हमले उस समय हुए जब कुछ पर्यटक当地 दौरे पर आए थे। ये आतंकी हमले न केवल सुरक्षा बलों के लिए चुनौती पेश करते हैं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी खतरा हैं। इससे पहले भी कई बार इस क्षेत्र में आतंकवाद की घटनाएं हो चुकी हैं।
तुलसी गबार्ड का आतंकवाद पर दृष्टिकोण
गबार्ड ने यह भी कहा कि आतंकवाद को केवल एक दृष्टिकोण से नहीं देखा जा सकता। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी समस्या बन चुकी है। हमें इस खतरे के खिलाफ न केवल सुरक्षा बलों के जरिये कार्रवाई करनी होगी, बल्कि समाज के सभी वर्गों को समझाना होगा कि समाज में एकता और समर्पण की आवश्यकता है।
सामाजिक एकता की आवश्यकता
इस प्रकार के हमलों के जवाब में हमारी एकजुटता जरूरी है। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कदम उठाए हैं, लेकिन इसके लिए नागरिक समाज की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। गबार्ड ने यह बताया कि हमें एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ना होगा और समाज में सुरक्षा पैदा करनी होगी।
निष्कर्ष
तुलसी गबार्ड के बयान ने एक बार फिर से आतंकवाद के खिलाफ हमारी एकजुटता को मजबूती दी है। भारत के लोग इस तरह के हमलों को सिर्फ आतंकवाद नहीं मानते, बल्कि इसे हमारे देश की अखंडता पर हमला भी समझते हैं। अब हमें मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा। हम सभी को यह समझना होगा कि शक्ति में एकता है, और हमें इस संकट का सामना मिलकर करना है।
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