दोहा से आया मेरा दोस्त: जहां हर चौथा शख्स है हिंदुस्तानी, कतर कैसे बना गल्फ में भारत का सबसे बड़ा सहयोगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी भारत पहुंचे हैं। पीएम मोदी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए खुद अमीर को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे। शेख तमीम अन्य देशों के शासकों की तरह आम नहीं हैं। उनके डिप्लोमेसी के साथ साथ लाइफ स्टाइल भी दुनियाभर में मशहूर है। अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप की वापसी हुई है। एक साझेदार के तौर पर कतर के साथ भारत की नजदीकियां और भी ज्यादा जरूरी होती हैं। इसके कई रणनीतिक कारण भी हैं। इनमें से एक कतर से भारत को आने वाला एलएनजी है। भारत में ऊर्जा की खपत बड़े पैमाने पर होती है। इसलिए भारत को ऊर्जा संशाधनों की भी जरूरत है। ऐसे में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के लिए कतर भारत के लिए सबसे मजबूत विकल्प माना जाता है। कतर भारत का सबसे बड़ा एलएनजी सप्लायर भी है। इसे भी पढ़ें: Qatar का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर बनेगा भारत, 5 साल में व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्यव्यापार और निवेशवित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 14.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।भारत कतर से आयात करता है: एलएनजी, एलपीजी, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक और एल्युमीनियम का सामान आदि।भारत कतर को निर्यात करता है: अनाज, तांबा, लोहा और इस्पात, सब्जियां, फल, मसाले और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, बिजली और अन्य मशीनरी, प्लास्टिक उत्पाद, निर्माण सामग्री, कपड़ा और परिधान, रसायन, कीमती पत्थर और रबर आदि। भारत में कतर का निवेश: डीपीआईआईटी के अनुसार, वर्तमान एफडीआई 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। निवेश दूरसंचार, खुदरा, शिक्षा, स्वास्थ्य, आईटी, बिजली, किफायती आवास आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में हैं। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार कतर निवेश प्राधिकरण द्वारा हाल ही में किए गए कुछ प्रमुख निवेश और घोषणाएं इस प्रकार हैं:रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) में 1 बिलियन अमरीकी डॉलर (अगस्त 2023)इंडोस्पेस लॉजिस्टिक्स पार्क्स IV (आईएलपी IV) में 393 मिलियन अमरीकी डॉलर (सितंबर 2023 में ग्रोसवेनर प्रॉपर्टी के सहयोग से)  ग्लोबल डेंटल सर्विसेज में 50 मिलियन अमरीकी डॉलर (नवंबर 2023)श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में 140 मिलियन अमरीकी डॉलर 2021 में क्यूआईए ने अन्य निवेशकों के साथ वर्से इनोवेशन में 100 मिलियन अमरीकी डॉलर, रेबेल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड में 175 मिलियन अमरीकी डॉलर  और स्विगीज में 800 मिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया।अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड की एक इकाई में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर  450 मिलियन अमरीकी डॉलर (फरवरी 2020)कतर में भारतीय निवेश: इन्वेस्ट कतर के अनुसार भारतीय कंपनियों ने 2017-2025 के दौरान 356 मिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया है; कतर में प्रमुख भारतीय कंपनियां: लार्सन एंड टुब्रो, वोल्टास, शापूरजी पल्लोनजी, विप्रो, टीसीएस, टेक महिंद्रा और लूलू।अप्रैल 2005 में हवाई सेवाओं समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। दोहा भारतीय यात्रियों के लिए एक प्रमुख यात्री केंद्र के रूप में उभरा। दोहा और बारह से अधिक भारतीय शहरों के बीच 200 से अधिक साप्ताहिक उड़ानें।इसे भी पढ़ें: Qatar में 10 साल में 3,313 भारतीय मजदूरों की मौत, क्या कामगारों की स्थिति को लेकर अमीर से PM मोदी की हुई बात? प्रभासाक्षी ने पूछ दिया सवालकतर में हर चौथा शख्स है हिंदुस्तानी  ऐतिहासिक रूप से भारत और कतर के लोगों से लोगों के बीच मजबूत सम्बंध है। 8 लाख 30 हजार से अधिक मजबूत और जोशपूर्ण भारतीय समुदाय; कतर में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय माना जाता है। बड़ी संख्या में ब्लू-कॉलर श्रमिकों के अलावा चिकित्सा, इंजीनियरिंग, शिक्षा, वित्त, बैंकिंग, व्यवसाय और मीडिया सहित व्यवसायों में लगे हुए हैं। 2019 में भारत-कतर संस्कृति वर्ष के रूप में मनाया गया। फीफा 2022 और एशियाई फुटबॉल चैम्पियनशिप 2023 में भारतीय प्रवासियों द्वारा उत्साहपूर्वक भागीदारी ने कार्यक्रमों की सफलता को और अधिक रंगीन और जीवंत बना दिया। कतर में 19 भारतीय स्कूल और एक भारतीय विश्वविद्यालय शैक्षणिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। प्रत्येक साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 के कार्यक्रम में 3000 से अधिक लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।कतर से नौसेना के पूर्व अधिकारियों की रिहाईकतर के अमीर का भारत दौरा फरवरी 2024 की उस घटना के बाद हुआ है, जिसमें वहां के जेलों में बंद आठ भारतीयों की सजा को माफ कर रिहा कर दिया दगा था। ये भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी थे। इन पूर्व अधिकारियों को अगस्त 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कतर की अदालत ने इन लोगों को 2023 में फांसी की सजा सुनाई थी। इन लोगों को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के आदेश पर रिहा किया गया था। इसके बाद से पीएम मोदी ने कतर की यात्रा की थी।  

Feb 18, 2025 - 19:39
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दोहा से आया मेरा दोस्त: जहां हर चौथा शख्स है हिंदुस्तानी, कतर कैसे बना गल्फ में भारत का सबसे बड़ा सहयोगी
दोहा से आया मेरा दोस्त: जहां हर चौथा शख्स है हिंदुस्तानी, कतर कैसे बना गल्फ में भारत का सबसे बड़ा सहयोगी

दोहा से आया मेरा दोस्त: जहां हर चौथा शख्स है हिंदुस्तानी, कतर कैसे बना गल्फ में भारत का सबसे बड़ा सहयोगी

Haqiqat Kya Hai - कतर एक ऐसा देश है जहां हर चौथा शख्स हिंदुस्तानी है। यह तथ्य इस बात को दर्शाता है कि भारत और कतर के बीच संबंध कैसे विकसित हुए हैं। हम आज जानेंगे कि कतर ने अपने छोटे आकार के बावजूद कैसे भारत के लिए गल्फ में एक महत्वपूर्ण सहयोगी बना।

कतर की भूगोलिक स्थिति और जनसंख्या

कतर, जोकि एक छोटा सा देश है, अपने सुस्त समुद्री किनारों और समृद्ध बुनियादी ढांचे के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहाँ काम करने वाले अधिकांश प्रवासी कामगार भारतीय हैं। कतर की कुल जनसंख्या में भारतीयों की संख्या लगभग 25% है, जो इसे हिंदुस्तानियों के लिए एक विशेष गंतव्य बनाता है।

कतर-भारत संबंधों का इतिहास

कतर और भारत के बीच औपचारिक संबंध 1973 में स्थापित हुए थे। दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग बढ़ा रहे हैं, जिसमें व्यापार, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं। कतर ने हमेशा भारतीय नागरिकों को बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। इसके अलावा, भारतीय उत्पादों की मांग कतर में लगातार बढ़ रही है, जिसमें खाद्य पदार्थ, वस्त्र, और उपकरण शामिल हैं।

सामाजिक और आर्थिक संबंध

कतर में भारतीय समुदाय ने अपनी अद्वितीय पहचान बनाई है। भारतीय संस्कृति, भोजन और त्यौहार यहाँ के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण बने हुए हैं। इसके साथ ही, कतर की आर्थिक नीतियों ने भारतीय व्यवसायों के लिए एक उपयुक्त माहौल प्रदान किया है। भारतीय कंपनियों ने कतर में कई बड़े प्रोजेक्ट्स में भाग लिया है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया है।

भविष्य की संभावनाएँ

कतर में भारत की बढ़ती उपस्थिति का भविष्य बहुत उज्वल प्रतीत होता है। दोनों देशों के बीच साझा रणनीतियों के चलते, आने वाले वर्षों में आर्थिक संबंध और भी मजबूत होंगे। कतर का विज़न 2030 कार्यक्रम इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें विविध क्षेत्रों में भारत की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, कतर और भारत के बीच का संबंध एक सफल उदाहरण है कि कैसे छोटे देश भी बड़े सहयोगी बन सकते हैं। यहाँ की भारतीय आबादी ने अपनी मेहनत और अद्म्य आत्मविश्वास से न केवल कतर में बल्कि पूरी गल्फ क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया है। इस तरह के सफल संबंधों के चलते, कतर निश्चित रूप से भारत का एक महत्वपूर्ण सहयोगी बन चुका है।

कतर की निकटता और उसके साथ प्रभावशाली संबंधों को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि कतर न केवल भारत के लिए एक आर्थिक भागीदार है बल्कि एक गहरी सांस्कृतिक बंधन का भी प्रतीक है।

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