क्रीमिया पर जोर देकर जेलेंस्की युद्ध को लंबा खींच रहे : ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पर निशाना साधते हुए कहा कि क्रीमिया के मुद्दे पर जोर देकर वह युद्ध को लंबा खींच रहे हैं। ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब जेलेंस्की ने संभावित शांति योजना के तहत क्रीमिया को रूस को सौंपने से इंकार कर दिया। जेलेंस्की ने लंदन में बुधवार को अमेरिका, यूरोपीय और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच होने वाली उच्च स्तरीय वार्ता से पहले किसी भी समझौते के तहत यूक्रेन द्वारा रूस को क्षेत्र सौंपे जाने के विचार को खारिज कर दिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस बारे में कोई बात नहीं होगी। यह हमारी भूमि है, यूक्रेनी लोगों की भूमि है।’’ ट्रंप ने बुधवार को सोशल मीडिया ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, ‘‘यह बयान रूस के साथ शांति वार्ता के लिए बहुत हानिकारक है, क्योंकि क्रीमिया को वर्षों पहले (अमेरिका के पूर्व) राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान गंवा दिया गया था, और यह चर्चा का विषय भी नहीं है।

क्रीमिया पर जोर देकर जेलेंस्की युद्ध को लंबा खींच रहे : ट्रंप
Haqiqat Kya Hai
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पर एक गंभीर आरोप लगाया है। ट्रंप का कहना है कि क्रीमिया के मुद्दे पर जोर देकर जेलेंस्की युद्ध को अनावश्यक रूप से लंबा खींच रहे हैं। उनके इस बयान ने वैश्विक स्तर पर एक नई बहस को जन्म दिया है।
क्रीमिया का मुद्दा: एक पृष्ठभूमि
क्रीमिया, जो पहले यूक्रेन का हिस्सा था, 2014 में रूस के द्वारा अपने अधीन कर लिया गया था। इस घटना के बाद से यूक्रेन और रूस के बीच तनाव लगातार बढ़ता रहा है। ट्रंप का कहना है कि जेलेंस्की को इस मुद्दे पर ज्यादा ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए, बल्कि शांति बनाने पर ध्यान देना चाहिए। वे मानते हैं कि क्रीमिया के मसले पर दिखावे का संघर्ष लंबे समय तक लड़ाई को बढ़ा सकता है।
ट्रंप के बयान का वैश्विक असर
ट्रंप के इस बयान ने विभिन्न देशों में चर्चाएँ पैदा की हैं। कई विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि क्रीमिया पर जोर देना युद्ध की स्थिति को स्थायी बना सकता है। दूसरी ओर, कुछ लोग इस पर सवाल उठाते हैं कि क्या जेलेंस्की के पास कोई अन्य विकल्प है।
यूक्रेन और पश्चिमी देशों की स्थिति
यूक्रेन पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त कर रहा है, जो रूस के खिलाफ युद्ध में उनकी मदद कर रहे हैं। हालांकि, कई विश्लेषक मानते हैं कि यदि यूक्रेन क्रीमिया को फिर से हासिल करने पर जोर देता है, तो यह पश्चिमी देशों के समर्थन को भी प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान निश्चित रूप से यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष के बारे में कई सवाल उठाता है। क्रीमिया को लेकर जेलेंस्की का रुख क्या सही है, या इसे बदलने की आवश्यकता है? इस समय यह सवाल हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है।
कम शब्दों में कहें तो, ट्रंप का यह आरोप यह दर्शाता है कि युद्ध के समाधान के लिए न केवल संयम, बल्कि रणनीतिक सोच की भी आवश्यकता है।
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