अब 03 महीने में होगी UKSSSC की भर्ती परीक्षा, पेपर लीक प्रकरण में फिर छले गए सपने
Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पर पेपर लीक की ऐसी काली छाया मंडराई कि मुकदमे, गिरफ्तारी और एक सदस्यीय जांच आयोग के गठन के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला। शनिवार को जैसे ही जांच आयोग के सदस्य जस्टिस (पूर्व) यूसी ध्यानी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह … The post अब 03 महीने में होगी UKSSSC की भर्ती परीक्षा, पेपर लीक प्रकरण में फिर छले गए सपने appeared first on Round The Watch.

Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पर पेपर लीक की ऐसी काली छाया मंडराई कि मुकदमे, गिरफ्तारी और एक सदस्यीय जांच आयोग के गठन के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला। शनिवार को जैसे ही जांच आयोग के सदस्य जस्टिस (पूर्व) यूसी ध्यानी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को रिपोर्ट सौंपी, उसके कुछ समय बाद ही परीक्षा को रद्द किए जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि युवाओं की पहली मांग सीबीआई जांच पहले ही पूरी की जा चुकी है और अब परीक्षा को रद्द भी कर दिया गया है। युवाओं की मांग पूरी करना सरकार की जिम्मेदारी है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव डॉ शिव कुमार बरनवाल के भर्ती परीक्षा को रद्द किए जाने आदेश में कहा गया है कि परीक्षा अब 03 माह के अंतराल में प्रस्तावित की गई। अब आयोग के समक्ष परीक्षा व्यवस्था की सुचिता को लेकर खड़ी चुनौती और डगमगाए विश्वास को वापस पाने की चुनौती भी होगी। क्योंकि, यह सब ऐसे समय पर हुआ, जब कठोरतम नकल विरोधी कानून भी प्रदेश में लागू है।
UKSSSC पेपर लीक: गिरफ्तारियों, असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन के निलंबन और सीएम धामी की घोषणा तक का क्रमवार घटनाक्रम
प्रमुख घटनाक्रम (क्रमवार)
1. परीक्षा और लीक (21 सितम्बर 2025) — UKSSSC की स्नातक-स्तरीय परीक्षा के दौरान परीक्षा शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद प्रश्नपत्र के कुछ पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए। अभ्यर्थियों और पदाधिकारियों द्वारा मामले की जानकारी दी गई।
2. मीडिया व सोशल मीडिया पर प्रसार — प्रश्नपत्र की तस्वीरें और कुछ हल सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने लगे, जिससे परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए।
3. प्राथमिक गिरफ्तारियां: पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया के नाम surfaced हुए; दोनों की गिरफ्तारी की खबरें आईं।
4. असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन की संलिप्तता — जांच में सामने आया कि कथित तौर पर साबिया ने प्रश्न पत्र की तस्वीरें असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन चौहान को भेजीं; आरोप है कि सुमन ने कुछ उत्तर तैयार किए और उन्हें आगे प्रसारित करने में भूमिका निभाई।
5. सुमन का निलंबन (25 सितम्बर 2025 के आसपास) — राज्य सरकार ने जांच के आदेश के साथ सुमन को निलंबित कर दिया; उन्हें संबंधित विभाग में तबादला/निलंबन नोटिस जारी किया गया और विभागीय जांच शुरू हुई।
6. अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई — परीक्षा-सुरक्षा में शामिल कुछ स्थानीय अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर भी निलंबन/कार्रवाई की गई।
7. युवाओं के आंदोलन व धरने — राज्य भर के बेरोजगार युवाओं ने देहरादून के परेड ग्राउंड व अन्य जगहों पर धरना-प्रदर्शन शुरू किए; उनकी मांगें रद्दीकरण, दोषियों पर कड़ी सजा और CBI जांच थीं।
8. SIT और न्यायिक पर्यवेक्षण — मामले की प्रारम्भिक जांच के लिए SIT गठित की गयी और न्यायिक पर्यवेक्षण के तहत विस्तृत जांच करने का निर्णय लिया गया।
9. सीएम पुष्कर सिंह धामी की घोषणा — मुख्यमंत्री ने धरना-स्थल पर जाकर छात्रों से बातचीत की और उनकी मांगों के अनुरूप मामले की आगे की जांच के लिए CBI को सिफारिश करने तथा दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने आंदोलनकारियों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी बनाई जाएगी।
10. ताज़ा स्थिति — मुख्य अभियुक्तों की हिरासत बढ़ाई गयी; कई अन्य संदिग्धों की पहचान व तलाश जारी है। आयोग ने आगामी परीक्षाओं को अस्थायी रूप से स्थगित किया और सुरक्षा प्रोटोकॉल कड़े करने का निर्णय लिया है।
सुमन (Assistant Professor Suman Chauhan) पर आरोप व सरकारी कार्रवाई
जांच के कथन के अनुसार, सुमन का नाम तब सामने आया जब वायरल हुई तस्वीरें और हल की कॉपी का संपर्क-श्रृंखला (chain) ट्रेस करने पर पता चला कि तस्वीरें पहले साबिया के पास थीं और उसके बाद सुमन के माध्यम से आगे पहुँचीं। आरोप है कि सुमन ने प्रश्न-चित्र प्राप्त कर कुछ उत्तर तैयार कर भेजे — इस पर विभागीय और पुलिस जांच शुरू की गयी। राज्य सरकार ने तात्कालिक कार्रवाई करते हुए सुमन को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही और आपराधिक जांच दोनों शुरू कर दीं।
सुमन ने प्रारम्भिक तौर पर जांच के दौरान कुछ बयानों में कहा कि उन्हें शक हुआ और उन्होंने संबंधित लोगों को सूचित किया — परन्तु सरकार-पुलिस के अनुसार प्राथमिक जांच में संलिप्तता के संकेत मिले हैं; अंतिम निष्कर्ष जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगा।
गिरफ्तारियों और अन्य कार्रवाइयाँ
-मुख्य आरोपी (खालिद मलिक) और उसकी बहन साबिया की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने और नामों की पहचान व पूछताछ तेज कर दी।
-कुछ आरोपियों की संपत्तियों पर सरकारी कार्रवाई (जैसे सील या अन्य विधिक कदम) की रिपोर्टें भी आईं।
-स्थानीय प्रशासन ने परीक्षा सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए — जेमर का उपयोग, कड़े frisking, बायोमेट्रिक सत्यापन और कैमरा-निगरानी जैसी तकनीकी व्यवस्था पर बल दिया जा रहा है।
सरकार का रुख और वादा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामला गंभीरता से लेते हुए ‘ज़ीरो-टॉलरेंस’ की नीति दोहराई और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा; उन्होंने युवाओं के बीच भरोसा बहाल करने के लिए CBI जांच कराने की सिफारिश करने का आश्वासन दिया। शिक्षा एवं भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ाने तथा आयोगों के तंत्रों में सुधार लाने के संकेत दिये गए हैं।
सुधार की उम्मीद, होगी कड़ी कार्रवाई
आयोग की हुई परीक्षाओं की प्रक्रियाओं की पुनरावृति और भविष्य में तकनीकी निगरानी व कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की संभावना बढ़ गयी है।
यदि CBI द्वारा विस्तृत जांच आदेशित होता है और जांच-पड़ताल में और नाम आते हैं तो मामला और बड़ा रूप ले सकता है; वहीं दोष सिद्ध होने पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की संभावनाएँ हैं।
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