Prabhasakshi Exclusive: Ukraine तेजी से अपनी जमीन खोता जा रहा है, यूक्रेन की एक तिहाई खनिज संपदा भी हथिया चुका है Russia
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ऐसे संकेत मिले हैं कि रूस शांति के लिए तैयार है और यूक्रेन बातचीत का इच्छुक है। क्या आपको लगता है कि अब युद्धविराम जल्द ही देखने को मिल सकता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में रूस-यूक्रेन संघर्ष अपने चरम पर पहुंच गया है लेकिन युद्ध के मैदान पर नहीं बल्कि सत्ता के गलियारों में। उन्होंने कहा कि लेकिन जहां तक युद्ध क्षेत्र की बात है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि अमेरिका से सैन्य और खुफिया सूचना मिलना बंद होने के बाद यूक्रेनी सैनिक तेजी से जंग हारते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के बड़े भूभाग पर रूस कब्जा जमा चुका है और उसके पास अब तक यूक्रेन की लगभग एक तिहाई खनिज संपदा भी जा चुकी है। ऐसे में सवाल उठता है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अमेरिका से जो खनिज समझौता करने जा रहे हैं उसमें वह अपनी कितनी खनिज संपदा बताएंगे।इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: Hamas की हरकतों से फिर भड़क सकती है जंग, Israel की तोपें दोबारा गरजीं तो इस बार Gaza में कोई नहीं बचेगाब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि वहीं युद्धक्षेत्र की बात करें तो आपको बता दें कि रूसी सेना ने उन हजारों यूक्रेनी सैनिकों को लगभग घेर लिया है, जिन्होंने पिछले साल गर्मियों में रूस के कुर्स्क क्षेत्र में घुसकर सबको चौंका दिया था। यूक्रेन को लग रहा था कि उसकी सेना की इस बढ़त को देखते हुए मास्को शांति वार्ता करने पर मजबूर होगा लेकिन रूस ने अब उस क्षेत्र में यूक्रेन की बढ़त को पूरी तरह खत्म कर दिया है। मानचित्रों से पता चलता है कि पिछले तीन दिनों में कुर्स्क में यूक्रेन की स्थिति तेजी से खराब हुई है। रूसी जवाबी हमले ने यूक्रेनी सेना को बड़ा नुकसान पहुँचाया है और उसकी मुख्य आपूर्ति लाइनों को भी ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि इस समय कुर्स्क में यूक्रेन के लिए स्थिति बहुत ख़राब है। रूसी सेना ने यूक्रेन के अंदर ऊर्जा और गैस के बुनियादी ढांचे को भी रात भर में क्षतिग्रस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि देखा जाये तो यह अमेरिका द्वारा यूक्रेन के साथ खुफिया जानकारी साझा करने पर रोक लगाने के बाद से रूस का पहला बड़ा मिसाइल हमला था। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में एक बच्चे सहित दस लोग घायल हो गए।

Prabhasakshi Exclusive: Ukraine तेजी से अपनी जमीन खोता जा रहा है, यूक्रेन की एक तिहाई खनिज संपदा भी हथिया चुका है Russia
Haqiqat Kya Hai
यूक्रेन की स्थिति दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। हाल के एक विश्लेषण में पता चला है कि रूस ने यूक्रेन की एक तिहाई खनिज संपदा पर कब्जा कर लिया है। इससे ना केवल यूक्रेन की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ा है, बल्कि दुनिया भर में इसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि यह स्थिति किस प्रकार विकसित हो रही है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
यूक्रेन का मौजूदा हाल
युद्ध के चलते, यूक्रेन अपने भौगोलिक क्षेत्रों को तेजी से खोता जा रहा है। यूक्रेन सरकार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में रूस ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है। इन क्षेत्रों में वह खनिज संपत्ति भी शामिल है, जो यूक्रेन की आर्थिक समृद्धि का मुख्य आधार रही है। ऐसे में, यूक्रेन को आत्मनिर्भरता के लिए नए तरीके अपनाने की आवश्यकता है।
खनिज संपदा पर कब्जा
रूस के आक्रमण के दौरान, यूक्रेन की कई खनिज संपदाएँ जैसे कि कोयला, लौह अयस्क, और प्राकृतिक गैस पर रूस का नियंत्रण तेजी से बढ़ा है। रिपोर्टों के अनुसार, यह एक तिहाई खनिज संपदा का राजस्व है जो यूक्रेन की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। इस संपत्ति के नुकसान से देश के विकास की संभावनाएं और भी कम हो गई हैं। यह स्थिति पहले से ही संघर्षरत अर्थव्यवस्था पर और अधिक दबाव डाल रही है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यूक्रेन की इस गंभीर स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कई देशों ने रूस के आक्रमण की निंदा की है और यूक्रेन को सैन्य एवं आर्थिक सहायता प्रदान की है। इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए समाधान खोजने की दिशा में पहल की है।
भविष्य का रास्ता
यूक्रेन को इस संकट से उबरने के लिए गंभीर रणनीतियों की आवश्यकता है। यद्यपि मौजूदा संघर्ष कठिन है, फिर भी आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। यूक्रेन को अपने खनिज संपदा को पुनः प्राप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, साथ ही वैश्विक सहयोग की जरूरत भी है।
निष्कर्ष
यूक्रेन की खनिज संपदा का तेजी से खोना न केवल उसके लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चिंता का विषय बन चुका है। रूस द्वारा की गई कब्जेदारी ने यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचाया है। हमें उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संकट के समाधान में सक्रिय भूमिका निभाएगा। यूक्रेन के लोग एक बेहतर भविष्य की उम्मीद कर रहे हैं।
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