Jaishankar ने अबू धाबी के शहजादे से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर हुई चर्चा
अबू धाबी । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अबू धाबी के शहजादे शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंचे। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मिलकर प्रसन्नता हुई। उनकी हाल की भारत यात्रा को याद किया और साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।’’सरकारी समाचार एजेंसी ‘डब्ल्यूएएम’ की एक खबर के अनुसार बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच मैत्री और सहयोग पर चर्चा की तथा दोनों देशों और उनके लोगों के साझा हितों की पूर्ति के लिए इन्हें और बढ़ाने तथा विकसित करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। जयशंकर ने यूएई के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार अनवर गार्गश से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच विशेष साझेदारी पर चर्चा की।उन्होंने ‘रायसीना मिडिल ईस्ट’ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण भी दिया। विदेश मंत्रालय ने उनकी यात्रा से पहले एक बयान में कहा, ‘‘यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने और भारत-यूएई संबंधों को नयी गति देने का अवसर प्रदान करेगी।

Jaishankar ने अबू धाबी के शहजादे से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर हुई चर्चा
Haqiqat Kya Hai
नई दिल्ली: भारतीय внеш मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में अबू धाबी के शहजादे मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान से महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना था।
मुलाकात की पृष्ठभूमि
जयशंकर की यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब दोनों देशों की प्रवृत्तियों में अधिक सहयोग और साझेदारी की आवश्यकता महसूस की जा रही है। यूएई भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है, और दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ते लगातार बढ़ रहे हैं। शहजादे के साथ बातचीत में नई संभावनाओं पर चर्चा की गई, जिससे दोनों देशों के बीच स्थायी मित्रता का विकास हो सके।
बातचीत के मुख्य मुद्दे
बैठक के दौरान, जयशंकर ने कई अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया, जिनमें व्यापार, निवेश, सुरक्षा सहयोग, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान शामिल थे। उन्होंने बताया कि भारत और यूएई के पास आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए कई अवसर हैं, विशेषकर तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्रों में।
द्विपक्षीय संबंधों का महत्व
जयशंकर ने इस संबंध में कहा, "भारत और यूएई के बीच संबंध केवल आर्थिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं।" भारत, जो कि यूएई में बड़े संख्या में अप्रवासी भारतीयों का घर है, वहां भारतीय समुदाय का योगदान भी बहुत अहम है। शहजादे मोहम्मद बिन जायद ने भी भारतीय प्रवासियों की प्रशंसा की और उन्हें विकास में भागीदार माना।
भविष्य के लिए रास्ते
द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए, जयशंकर ने बताया कि अगले कुछ महीनों में व्यापारिक सम्मेलन और उच्च स्तरीय वार्ताएँ आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों में नए क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की जाएगी, जैसे कि नवीनीकरण ऊर्जा, तकनीकी नवाचार, और पर्यावरण संरक्षण।
निष्कर्ष
यह मुलाकात भारत और यूएई के बीच संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जलाई है, जिससे न केवल व्यापार में वृद्धि होगी, बल्कि सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत होंगे।
इस प्रकार, जयशंकर और अमीरात के शहजादे के बीच की यह चर्चा आने वाले समय में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूती प्रदान कर सकती है। भारत के साथ यूएई का यह सहयोग न केवल आर्थिक, बल्कि राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
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